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उपचुनाव के आखिरी दिन नीतीश पर जमकर बरसे चिराग कहाँ नीतीश के हटाये बगैर बिहार का विकास सभंव नहीं

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान के आखिरी दिन सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक दिया इसी कड़ी में आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई  सांसद चिराग पासवान जी ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में अकबरपुर बेंक परती, बिरौल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के  उम्मीदवार श्रीमती अंजू देवी के समर्थन में वोट मांगा । 

अपने संबोधन में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए  कहा कि कुशेश्वरस्थान मे मूल- भूत सुविधाओं का घोर आभाव है। जजर्र सड़क, पलायन और पंगु शिक्षा व्यवस्था ने इस विधान सभा के नागरिकों का बुरा हाल कर रखा है ।
आगे , उन्होंने  पूछा कि नीतीश कुमार अपने को ‘विकास पुरुष’ कहते है लेकिन प्रदेश में क्राइम, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है । 16 वर्षो से बिहार की  जनता को सिर्फ बेवकूफ बनाया गया है । जब भी जनता नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य  की मांग करती है तब उनको 15 साल की कहानी सुनाई जाती है ।

चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर साधा निशाना

 चिराग ने मौजूदा सरकार से , प्रवासी बिहारियों की हत्या और उनके स्वाभिमान पर आघात का जवाब मांगा । बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए नीतीश कुमार के विकास के नियत पर सवाल किया और पूछा कि क्या विगत चुनाव में जनता ने उनको सरकार बनाने का मैंडेट दिया था ?  सरकार का ‘ सात निश्चय’   भ्रष्टाचार से भरा है और समाज को बांटने का काम करता है ।
सभा मे मौजूद हज़ारों की संख्या में लोग ने चिराग पासवान की बातों को ध्यान से सुना और तालियों से उनका अभिवादन किया ।

सभा में मंच पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी जी,  बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय जी , प्रधान महासचिव संजय पासवान जी, लोजपा (आर) प्रत्याशी अंजू देवी जी , राष्ट्रीय सचिव शंकर झा जी , प्रदेश प्रवक्ता प्रो. विनीत सिंह, ज़िला अध्यक्ष देवेंद्र झा जी , प्रखंड अध्यक्ष बालकृष्ण आचार्य जी,अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष इमाम ग़ज़ाली , वरिष्ठ नेता सीमांत मृणाल जी , पूर्व प्रत्याशी संजय सिंह , श्रीमती विनीता सिंह, श्री विवेक आनंद जी  मौजूद थे ।

उप चुनाव नीतीश ,तेजस्वी ,चिराग और कन्हैया के लिए अग्नि परीक्षा है

हालांकि बिहार विधानसभा का उपचुनाव मात्र दो सीटों पर है लेकिन उपचुनाव के परिणाम का प्रभाव बिहार की राजनीति में दूरगामी पड़ेगा यह तय है। नीतीश का साख दाव पर है, वहीं तेजस्वी के तेज का भी परीक्षा है, चिराग बुझेगा या जलेगा यह भी तय हो जायेगा, वही कन्हैया कांग्रेस के लिए तुरुप का एक्का साबित होगा कि नहीं यह भी तय होगा। उप चुनाव में जिस तरीके से धनबल का इस्तेमाल शुरू हुआ है ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह उप चुनाव बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे महंगा लड़े जाने वाला चुनाव होगा ।

1उप चुनाव नीतीश ,तेजस्वी ,चिराग और कन्हैया के लिए अग्नि परीक्षा है 
  चुनाव तो मात्र दो सीटों के लिए हैं लेकिन इन दो सीटों के परिणाम का बिहार की राजनीति पर बड़ा असर पड़ेगा  नीतीश कुमार के लिए दोनों सीट जीतना बाढ़ के लोकसभा चुनाव जीतने से कम महत्वपूर्ण नहीं है. इसी तरह राजद अगर ये दोनों सीट जाता है तो बिहार में तख्तापलट की गुंजाइश बढ़ सकती है .वही चिराग दोनों सीटों पर जदयू को हराने में कामयाब हो गया तो फिर आने वाले समय में चिराग बिहार की राजनीति में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर कर सामने आ सकता है ।

यही स्थिति कन्हैया की भी है बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच जो तल्खी देखी जा रही है उसकी वजह कही ना कही कन्हैया है ऐसे में कन्हैया के सामने चुनौती है कि वह राजद के एम समीकरण में सेंध लगाने में कामयाब रहा तो आने वाले समय में कांग्रेस राजद के साथ आमने सामने बैठ कर बात कर सकती है।

2–बिहार का सबसे महंगा चुनाव लड़ा जा रहा है 
 बिहार के चुनावी इतिहास में यह सबसे महंगा चुनाव है जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है खर्च की सीमाएँ टूटती जा रही है ।   राज्य सरकार का पूरा मंत्रिमंडल तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कैप किये हुए हैं ,सारा विधायक ,पूर्व विधायक और पार्टी के पदाधिकारी मोर्चा में डटे हुए हैं. दोनों क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल है। तारापुर तो आँनरोड है और पास में रहने की बेहतर व्यवस्था भी उपलब्ध है,लेकिन कुशेश्वर स्थान जहां आज भी रहने खाने का बेहतर व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और बाजार 500 मीटर में सिमटा हुआ है वहां का नजारा देखने वाला है शाम के समय बाजार में सोमवारी पर्व जैसा माहौल दिखता है जिधर देखिए पजामा कुर्ता वाले ही दिखायी देगें 

 हर ब्रांड उपलब्ध है और ब्रांड बेचने वालो की तो चांदी है समस्तीपुर ,दरभंगा ,खगड़िया ,सहरसा और मधुबनी से जुड़े बड़े कारोबारी कुशेश्वरस्थान में ही कैप कर रहा है ,माल पहुंच गया है पार्टी के झंडा के आर में बहुत खेला हुआ है ,अब माल को गांव गांव में पहुंचाया जा रहा है। हालांकि ये इलाका पहले से ही इस मिजाज का रहा है हां ये सही है कि देशी वाला भी आज कल विदेशी ब्रांड से कम पड़ बैठने को तैयार नहीं है।   बाढ़ के फिर से लौट आने के कारण मछली की कोई कमी नहीं है हर घर में व्यवस्था पूरा टाइट है।  

 कल कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास से मिलने कांग्रेस के एक विधायक कुशेश्वर स्थान चले आए थे उनकी ड्यूटी तिलकेश्वर थाना क्षेत्र के एक पंचायत में लगाया गया था जैसे ही प्रभारी का ध्यान उस विधायक पर पड़ा गरज पड़े अरे आप पंचायत छोड़ कर यहां क्या कर रहे हैं ,सर नाव के अलावे वहां कोई और साधन उपलब्ध नहीं है दो दो घंटा नाव पर ही आना जाना होता है अब छोड़ दिया जाये सर, ठीक है तो आप विधायकी से रिजाइन दीजिए।ये स्थिति कांग्रेस का है हर पंचायत में कांग्रेस के विधायक ,पूर्व विधायक और पार्टी के सांसद ,पूर्व सांसद और पार्टी पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं ।

 कांग्रेस की ये स्थिति है तो आप अंदाजा कर लीजिए जदयू और राजद के कैंप में क्या स्थिति होगी जदयू और राजद का कुशेश्वर स्थान में दो सौ से अधिक विधायक ,पूर्व विधायक ,विधान पार्षद और पूर्व विधान पार्षद के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारी मौजूद है। इस चुनाव में सबसे कमजोर उम्मीदवार वाली पार्टी भी अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए 50 लाख रुपया दिया है।तारापुर में राजद प्रत्याशी के लिए पूरे बिहार से वैश्य समाज का चंदा पहुंचना शुरू हो गया है ,इस बार जदयू भी किसी मौर्चे पर  पीछे नहीं है दोनों जगह एक एक मंत्री को विशेष तौर पर प्रभार दिया गया है ।  

 अभी जो चर्चा है इस बार एक बूथ पर दस हजार रुपया चुनाव के दिन खर्च के लिए दिया जायेगा तीनों दलों में कम्पीटीसन शुरू है कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी में एक प्रत्याशी  आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है लेकिन पैसे की कोई कमी ना हो इसके लिए  पार्टी ने दो बड़े कारोबारी को कुशेश्वर स्थान में चुनाव तक बिठा दिया है कल से वो भी बोरा खोलना शुरु कर दिये हैं।  इतने बड़े स्तर पर विधानसभा चुनाव में वोट खरीद की तैयारी पहले कभी देखने को नहीं मिला है सबका फोकस कुशेश्वर स्थान ही है जहां तैयारी यह चल रही है कि इतना जाम छलके की लोग वोट देना ही भूल जाये ।

 3क्यों सभी राजनीतिक दल अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है 
 इसकी बड़ी वजह यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जिस तरह का मैन डेड जनता ने दिया है उस वजह से एक एक विधायक महत्वपूर्ण हो गया है दोनों सीट पर जदयू चुनाव लड़ रहा है और दोनों सीट पर पहले जदयू का कब्जा भी था जदयू इस बार तीसरे नम्बर पर चली गयी है ऐसे में ये दोनों सीट उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है हार हुई तो सरकार गिरे ना गिरे नीतीश और कमजोर होगा इसलिए पार्टी अपना सब कुछ दाव पर लगा दी है ।

 यही स्थिति राजद का है राजद अगर दोनों सीट जीत जाती है तो राजद नीतीश पर और हमलावर हो जाएगा और इस स्थिति में सरकार अस्थिर भी सकती है इसलिए राजद अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है यहां तक कि बीमार चल रहे लालू प्रसाद भी 27 को चुनाव प्रचार में तारापुर और कुशेश्वर स्थान जा रहे हैं ।

कांग्रेस राजद से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और इस फैसले को मजबूती कैसे मिले इसके लिए 1989 के बाद पहली बार कांग्रेस अपने पूरे संसाधन को झोंक दिया है हालांकि बिहार प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले में पलीता लगाने की पूरी कोशिश में लगा है लेकिन तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कांग्रेस के जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं उसमें खास करके अशोक राम का पूरा राजनीतिक करियर दाव पर लगा हुआ है सम्मान जनक वोट नहीं आया तो फिर 1980 से जो उनकी राजनीति चली आ रही है उस पर विराम लग जाएगा इसलिए वो भी पूरे संसाधनों के साथ मैदान में डटे हुए हैं ।

 तारापुर से जो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहा है वो भी अपने काम के बल पर 2020 के विधानसभा चुनाव में 12 हजार से अधिक वोट निर्दलीय ले आया था इस बार कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं संसाधन की कोई कमी नहीं है और पार्टी भी मदद में खड़ी है झारखंड के एक मंत्री को विशेष तौर पर जिम्मेवारी दी गयी है ।

चिराग  बिहार की राजनीति में बने रहे इसके लिए ये दोनों चुनाव बहुत महत्व रखता है तारापुर में उसके उम्मीदवार राजपूत और पासवान वोटर के सहारे मजबूती जताने कि कोशिश में लगा है पिछले चुनाव में भी सात हजार से ज्यादा वोट लोजपा को आया था उस बार वोट बढ़ सकता है इस सम्भावना को देखते हुए यहां लोजपा सब कुछ झोक दिया है कुशेश्वर स्थान तो रामविलास पासवान का ननिहाल ही है लेकिन जदयू से जो खड़ा है वो भी रामविलास पासवान का रिश्तेदार ही है ऐसे में चिराग के सामने बड़ी चुनौती यह है कि यहां ज्यादा से ज्यादा पासवान वोट में डीभीजन करा दे 2020 के चुनाव में भी लोजपा प्रत्य़ाशी को 12 हजार से ज्यादा वोट आया था इसलिए यहां चिराग लगातार कैंप कर रहे हैं ।  मतलब यह उप चुनाव बिहार की राजनीति किस करवट लेगी उसका भविष्य तय कर सकता है कन्हैया की भी प्रतिष्ठा दाव पर है इसलिए हर पार्टी अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है।