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बिहार में होगा मध्यावदी चुनाव; 6 माह से अधिक नहीं चलेगी महागठबंधन की सरकार, नीतीश कुमार का इस बार नहीं खुलेगा खाता

खबर हाजीपुर से है। जहाँ पटना से दरभंगा जाने के दौरान लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने चुहरमल नगर में स्थापित रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

और साथ ही नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार को विश्वास मत की चिंता है जबकि जनता का विश्वास वो खो चुके है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार 6 माह से अधिक नहीं चल सकती। और बिहार में मध्यावदी चुनाव होगा। लेकिन इस बार नीतीश कुमार का खाता भी नहीं खुलेगा।

चिराग पासवान

साथ शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठी चार्ज की निंदा करते हुए सरकार पर जमकर प्रहार किया।

मिथिलांचल के दौरे पर आए प्रशांत किशोर आज दरभंगा पहुंचे, जन सुराज की सोच के साथ लोगों से किया जनसंवाद

दरभंगा । प्रशांत किशोर मिथिलांचल के अपने दौरे पर आज दरभंगा पहुंचे। दरभंगा में उन्होंने जन सुराज के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों से जन सुराज की सोच के बारे में संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि बिहार को अगर विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है तो तीन बिंदुओं पर काम करना होगा – “सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास।”

सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास से निकलेगा बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट

दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने “सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास को विस्तार से समझाते हुए कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और हर घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि समाज को मथ कर सही लोगों को चिन्हित किया जा सके। ऐसे सभी सही लोगों के माध्यम से हम बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे। सही सोच का अर्थ है बिहार के विकास के लिए प्रयास करने की सोच और इसके लिए जबतक सामूहिक प्रयास नहीं होगा, कोई व्यक्ति या कोई दल अकेले बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता है। इसलिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।”

इस पदयात्रा के बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी दे सकते हैं।”

जन सुराज के राजनीतिक दल और प्रशांत किशोर के मुख्यमंत्री बनने पर ये कहा

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा, “मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं है। मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं। मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है। बिहार से कंप्यूटर, स्टील या कोई भी उत्पाद बाहर नहीं जाता है। बिहार से बाहर अगर कुछ जाता है तो वो है अनस्किल्ड लेबर। बिहार के युवा देश के अलग- अलग राज्यों में सबसे मुश्किल काम करते हैं। मैं इस स्थिति को बदलना चाहता हूं। सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता कर के भी बन सकता था। मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है। मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं।”

प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा और इसी में तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।

महागठबंधन सरकार पर प्रशांत किशोर का हमला जारी, कहा – बहुत दिनों तक नहीं चल सकती 7 दलों की सरकार

प्रशांत किशोर ने महागठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभव है लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। उन्होंने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है।

समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर प्रशांत किशोर, कहा – पदयात्रा के बाद जारी करेंगे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट

समस्तीपुर । जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में वो समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जन सुराज की सोच और अपनी रणनीति के बारे में विस्तार से बात की।

बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट ऐसा होगा

समस्तीपुर के एक स्थानीय होटल में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें। इसके बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी से सकते हैं।”

जन सुराज के राजनीतिक दल बनने पर प्रशांत किशोर ने ये कहा

प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा और इसी अधिवेशन में तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।

महागठबंधन सरकार पर प्रशांत किशोर का हमला जारी, कहा – बहुत दिनों तक नहीं चल सकती 7 दलों की सरकार

प्रशांत किशोर ने बिहार की नई महागठबंधन सरकार को बधाई देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी देने का वादा किया है, अगर ये सरकार ऐसा करती है तो मैं अपने इस पूरे अभियान को वापस ले लूंगा और नीतीश कुमार का समर्थन करूंगा। महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों का ये महागठबंधन अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगा।

उन्होंने कहा संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने दिया बड़ा बयान; नीतीश कुमार न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं

बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह के विवाद पर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।

महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के चीफ मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं। एक बार उन्हें भी मुकदमे की वजह से 8 घंटे में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

JR manjhi

दिल्ली में कल बिहार भाजपा कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है

इस बैठक में बिहार भाजपा की कोर कमेटी के सभी 20 सदस्य शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष के चुनाव पर मंथन होगा।

साथ ही बिहार में अचानक से NDA में टूट को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंथन करेगी कोर कमेटी। बिहार बीजेपी में सांगठनिक बदलाव को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

कल का दिन बिहार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता कल दिल्ली में मौजूद रहेंगे।

Bihar BJP
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आरसीपी सिंह ने जेडीयू से दिया इस्तीफा

नालन्दा। आरसीपी सिंह ने जेडीयू से दिया इस्तीफा । पार्टी की सदस्यता से दिया इस्तीफा, नया संगठन बनाने का दिया संकेत ।

साजिश के तहत फंसाने का लगाया आरोप।

बिहार में नगरपालिका का चुनाव सितंबर-अक्टूबर में हो सकता है

पटना । राज्य में नगरपालिका का चुनाव सितंबर-अक्टूबर में हो सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने 248 नगरपालिकाओं में चुनाव के मद्देनजर मतदानकर्मियों की व्यवस्था, मतदान दल के गठन और उनकी ट्रेनिंग को लेकर सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व डीएम को मंगलवार को पत्र लिखा है।

ऐसे में यह माना जा रहा है कि आयोग इस महीने के अंत तक चुनाव की घोषणा कर सकता है।

BJP संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के संदर्भ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री अरुण सिंह की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

पटना, 31 जुलाई 2022 ।  ज्ञान भवन, पटना में चल रही भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का समापन आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के उद्बोधन के साथ हुआ। भारतीय जनता पार्टी संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के संदर्भ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री अरुण सिंह की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2024 में लोक सभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लड़ेगी।


श्री शाह ने कहा कि 2024 में पहले से अधिक लोक सभा सीटें जीत करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पुनः केन्द्र में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।


भाजपा 2024 का लोक सभा चुनाव और 2025 में विधानसभा चुनाव भी जदयू गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने कहा कि हम सबको मिलकर हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाना है


13, 14 और 15 अगस्त, तीन दिनों तक हर घर तिरंगा फहराना है। इसे भाजपा कार्यकर्ता एक अभियान के रूप में लेंगे और अभियान को सफल बनाएंगे। 9 अगस्त से 12 अगस्त तक पूरे देश में देशभक्ति का वातावरण निर्मित करना है।


देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहली बार अत्यंत गरीब परिवार से आने वाली आदिवासी महिला सम्माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का आसीन होना ऐतिहासिक है। भाजपा की संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक अभिनंदन करती है।


ज्ञान भवन, पटना में चल रही भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का समापन आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के उद्बोधन के साथ हुआ। इससे पहले माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों और कार्यसमिति सदस्यों का मार्गदर्शन किया और उनसे संगठन की मजबूती, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार तथा हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया।

संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में हुई चर्चा और माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी एवं आदरणीय गृह मंत्री जी के उद्बोधन की मुख्य बातों की जानकारी प्रेस वार्ता में मीडिया को बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री अरुण सिंह एवं पार्टी की एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री समीर उरांव ने कहा कि संयुक्त मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक अत्यंत ही सफल हुई।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए सदैव तैयार रहती है। भाजपा की 2024 के चुनाव की तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि 2024 में लोक सभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। 2024 में पहले से अधिक लोक सभा सीटें जीत करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पुन केन्द्र में सरकार बनाएगी।

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा 2024 का लोक सभा चुनाव भी जदयू के साथ गठबंधन में लड़ेगी। भाजपा और जदयू गठबंधन 2025 में विधानसभा चुनाव भी साथ में लड़ेगा। हम सब एक साथ हैं, परस्पर प्रेम है और हमलोग एक साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़ेंगे।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए श्री अरुण सिंह ने कहा कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के संबोधन से कार्यकर्ताओं में अपार विश्वास पैदा हुआ है और इस बैठक से मोर्चा के कार्यसमिति सदस्य प्रेरणा लेकर गए। केंद्रीय गृह मंत्री जी ने कहा कि हम सबको 13, 14 और 15 अगस्त, तीन दिनों तक हर घर में तिरंगा फहराना है। इसे भाजपा कार्यकर्ता एक अभियान के रूप में लेंगे और अभियान को सफल बनाएंगे।

9 अगस्त से 12 अगस्त तक पूरे देश में देशभक्ति का वातावरण निर्मित करना है। आदरणीय गृह मंत्री जी ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहली बार अत्यंत गरीब परिवार से आने वाली आदिवासी महिला सम्माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के आसीन होने को देश के लिए ऐतिहासिक करार दिया और इसके लिए यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, आदिवासी, महिला एवं पिछड़ों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है। आज केंद्र में सबसे अधिक दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्री हैं।

आरसीपी के लिए नारा लगाने वालों को हल्के में तौल गए ललन सिंह, कहा – बिहार में सीएम के लिए वैकेंसी नहीं

क्या बिहार की राजनीति में सब कुछ ठीक है।क्या भाजपा और जदयू में खींचतान चलरही है। ललन सिंह और आरसीपी के बीच कोई जोर आजमाइश चल रही है। इन सारे सवालों का जवाब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने जहानाबाद में जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष चंदेश्वर बिंद के श्रद्धांजलि सभा मे शामिल होने के बाद पत्रकारों को दी।

जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे पटना में जेपी नड्डा और अमित शाह से मिलेंगे तो उन्होंने कहावो अपनी पार्टी के कार्यक्रम में आ रहे है वो पार्टी का कार्यक्रम करके जायेंगे तो दिल्ली में संसद सत्र में तो रोज हमलोगों की मुलाकात होती रहती हैपटना में मुलाकात का क्या मतलब है पत्रकारों ने जब पूछा कि गठबंधन में सब ठीकठाक है? तो कहा अभी तक तो सब ठीकठाक है ही कहाँ आपको गड़बड़ी दिख रही है।

बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो के नारे पर कहा देखिये ये है जनता दल यूनाइटेड पार्टी है और जनता दल यूनाईटेड में एक ही नेता है वो सर्वमान्य नेता है श्री नीतीश कुमार जी।यहाँ मुख्यमंत्री की बैकेन्सी कहाँ है।जहाँ तक जनता दल यूनाइटेड का सवाल है नीतीश कुमार जी सीएम है और हमे इस बात का गर्व है कि नीतीश कुमार हमारे सीएम है।

आरसीपी सिंह के समर्थन में नारे के संबंध में कहा कि 15 करोड़ की आबादी 100 -200 लोग क्या बोलते है उसका कोई मतलब नही है। आरसीपी सिंह के उस बयान पर जब पत्रकारों ने कि वे खुद को नालन्दा का और नीतीश कुमार को बख्तियार पुर का बता रहे है तो उन्होंने कहा छोड़िये इन बातों को इसका कोई मतलब है।

no vacancy for CM

उपेंद्र कुशवाहा ने क्यों कहा सठिया गए हैं जगदानंद सिंह? जहानाबाद के दौरे पर थे जेडीयू नेता

जेडीयू के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा आज जहानाबाद पहुंचे। कुशवाहा ने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। सबसे पहले वे जहानाबाद जिला जेडीयू के अध्यक्ष रहे चंदेश्वर बिंद के परिजनों से मुलाकात की।

4 दिन पहले चंदेश्वर प्रसाद का निधन हो गया है। वहीं शाम में सॉफ्ट टेनिस टूर्नामेंट के समापन पर पुरस्कार समारोह में शामिल हुए। प्रतियोगिता के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। वही राजनीति को लेकर अपने पुराने अंदाज में उन्होंने बात की। हालांकि आरसीपी सिंह के बयान को लेकर पूछे गए सवाल को उपेंद्र कुशवाहा टाल गए।

लेकिन जगदानंद सिंह के उस बयान को लेकर उन्होंने कटाक्ष किया जिसमें नीतीश को ये सलाह दी गई थी कि, तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए जेडीयू का आरजेडी में विलय कर दें। कुशवाहा ने तो यहां तक कह दिया कि जगदानंद सिंह उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहां वे सठिया गए हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के जीत पर जश्न की तैयारी में जुटा बीजेपी

राजनीति बहुत ही गूढ़ विषय है और इसको जब आप समझने लगेंगे तो इससे दिलचस्प कोई दूसरा विषय नहीं है।
संसद भवन पर लगे अशोक स्तम्भ की आकृति में बदलाव पर हंगामा हुआ तो तर्क क्या दिया गया कि ये दहारता शेर भारत के बदलाव का प्रतीक है।

आज राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद द्रौपदी मुर्मू की जीत पर देश में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बाद विजय जुलूस निकाल जायेगी जिसमें बीजेपी के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे ।

वही पूरे सप्ताह देश के 1 लाख 30 हजार आदिवासी गांवों में भाजपा जश्न मनाएगी उस दौरान खास ख्याल रखना है कि द्रोपदी मुर्मू के जीत की तस्वीर के साथ साथ उस तस्वीर को गाँव गॉव तक पहुँचाना है जिसमें वो मंदिर की सफाई कर रही है ।

मतलब अब आदिवासी समाज का वो चेहरा विरसा मुंडा और सिन्दू कान्हू जिसके शौर्य की चर्चा आज भी गाँव गॉव में होती है इसे देश और आदिवासी समाज के जेहन से बाहर निकाल कर ये स्थापित करना है कि आदिवासी भी हिन्दू हूँ ।

संघ के तर्ज पर काम करता है PFI

“PFI संघ के तर्ज पर काम करती है “
“एसडीपीआई की वजह से कर्नाटक में बाजेपी की सरकार बनी है”
रुपया लगातार गिर रहा है 80 के करीब पहुंच गया मेन स्ट्रीम मीडिया या फिर सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर कहीं कोई चर्चा है ,सरकार की और से कोई बयान आया है।

जबकि जैसे जैसे रुपया कमजोर होगा देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी महंगाई आसमान छुएगा ।
इसी तरह बिहार की बात करे तो इतना बड़ा मेधा घोटाला हुआ है तीस हजार से अधिक बहाली जांच के घेरे में है मुख्य मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक कहीं कोई चर्चा भी है ।

मतलब हर सुबह मेरे जेब पर डाका डाला जा रहा है मेधावी छात्र लूटे जा रहे हैं लेकिन मेन स्ट्रीम मीडिया ,और सोशल मीडिया पर चर्चा तक नहीं होती है ।

होता क्या है मुसलमान ऐसा, मुसलमान ऐसा, जैसे मुसलमान ही देश की सबसे बड़ी समस्या है और इस खबर से आप बाहर ना निकले इसके लिए रोजाना सुबह से ही मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया लगा रहता है।

झारखंड में जहां 70 प्रतिशत से अधिक मुसलमान है वहां शुक्रवार को स्कूल बंद हो रहा है कोई ये पुछने वाला नहीं है कि झारखंड गठन के बाद से लगातार बीजेपी की सरकार रही है क्या बीजेपी के शासन में रविवार को स्कूल बंद होता था, स्कूल में मुस्लिम बच्चे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते थे,कौवा कान ले गया बस सबके सब कौवा के पीछे भाग चलते हैं कोई अपना कान नहीं देखता है ।

चलिए मुद्दे पर आते हैं फुलवारी शरीफ मामले में दो संगठन चर्चा में है एक पीएफआई और दूसरा एसडीपीआई है जिसके सदस्य गिरफ्तार हुए हैं ।

यह संगठन जब देश विरोधी काम करता है तो इस संगठन को प्रतिबन्धित क्यों नहीं किया जा रहा है ।
इसके पीछे बड़ा खेल जब आप समझेंगे तो हैरान रह जाएंगे ।

1—क्या है पीएफआई
पटना के एसएसपी डाँ मानवजीत सिंह ने पीएफआई के कार्यशैली को संघ के कार्यशैली के सहारे समझाने का प्रयास किया क्या हंगामा खड़ा हो गया मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर मानो बादल फट गया हो। देखते देखते एसएसपी को खालिस्तानी धोषित कर दिया गया ,फुलवारी से गिरफ्तारी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर दिया इससे भी खून गर्म नहीं हुआ तो बिहार दौरे के दौरान पीएम को निशाने पर लेने की तैयारी में जुटे थे आतंकी यहां तक लिख डाला गया लेकिन किसी ने यह समझने कि कोशिश नहीं किया कि पीएफआई है क्या ।

पीएफआई संघ के तर्ज पर बना एक ऐसा स्वयंसेवी संगठन है जो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है 2006 में यह संगठन बना है और इसका पूरा नाम है पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (Popular Front of India; संक्षिप्त: PFI) यह संस्था अपने आप को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है।मिश्रा आयोग (राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग) की रिपोर्ट के अनुरूप मुस्लिम आरक्षण के लिए अभियान चलाता है।

संघ की तरह ही ये भी शाखा लगाता है जहां लाठी डंडे चलाने की ट्रेनिंग देते हैं संघ की तरह ही इस संगठन का राजनीतिक मंच एसडीपीआई है जिसका गठन 2009 में किया गया था,सीएफआई इसका छात्र संगठन इसी तरह SDTU (Social Democratic Trade Union)इसका मजदूर संगठन है। स्कूली छात्रों के लिए भी इसका अलग संगठन है।
ये सारे संगठन सार्वजनिक तौर पर काम कर रहे हैं और इनमें से अधिकांश का मुख्यालय दिल्ली है कई राज्य सरकारे इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का पत्र केन्द्र सरकार को भेजा चुका है लेकिन वजह जो भी हो अभी तक प्रतिबंध नहीं लगा है ।


2—एसडीपीआई राजनीतिक पार्टी का लक्ष्य 2047 तक भारत इस्लामिक शासन स्थापित करना है।
जिस तरीके से संघ का राजनीतिक मंच बीजेपी है वैसे ही पीएफआई का यह राजनीतिक मंच है जैसे संघ हिन्दू राष्ट्र की बात करता है वैसे ही यह इस्लामिक राष्ट्र की बात करता है ।

इस पार्टी के संविधान में जिस लक्ष्य को प्राप्त करने कि बात लिखा है उसमें लिखा है कि 2047 तक भारत में इस्लामिक राष्ट्र स्थापित करना है इस पार्टी के हर कार्यक्रम में सार्वजनिक मंच से इस बात की चर्चा होती है।यह पार्टी चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है।याद करिए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पप्पू यादव ने इसी पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस तरह के नारे के साथ राजनीति करने वाली पार्टियों पर केन्द्र सरकार प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही ही चुनाव आयोग खामोश क्यों है इसकी वजह है इस तरह के पार्टियों की वजह से बीजेपी को फायदा पहुंचता है।

3–कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता में पहुंचने में एसडीपीआई की बड़ी भूमिका रही है
जी है एसडीपीआई का कर्नाटक में बड़ा जनाधार है 2018 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के तीन विधानसभा सीट- नरसिम्हाराजा (मैसुरू), चिकपेट (बेंगलुरू) और गुलबर्गा सिटी पर एसडीपीआई ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया था नरसिम्हाराजा सीट पर 38 हजार वोट लेकर यह दूसरे स्थान पर रही थी. वहीं चिकपेट सीट पर इसे 15 हजार वोट मिले थे. इस वजह से बीजेपी यहां जीत गई थी.राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही एसडीपीआई ने ऐलान कर दिया था कि वह तीन सीटों को छोड़ कर हर जगह सेक्युलर ताकतों का समर्थन करेगी क्योंकि यह वक्त की मांग है. इसके ऐलान की वजह से पूरे तटवर्ती इलाके में बीजेपी भारी बहुमत से जीत गई।

इसी राजनीति को समझने कि जरूरत है आज दुनिया में लोकतांत्रिक सरकार जिस तरीके से ताश के पत्तों की तरह ध्वस्त हो रही है इसकी वजह यही है सत्ता के लिए किसी भी हद तक पहुंचना ।

श्रीलंका और अब ब्रिटेन में जो कुछ हो रहा है उससे भारत को सीख लेने कि जरूरत है नहीं तो फिर श्रीलंका और ब्रिटेन से भी बुरा हाल भारत का हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।

RCP सिंह को लेकर घमासान, जदयू ने किया पलटवार

पटना । जदयू प्रवक्‍ता अरविन्‍द निषाद का बयान माननीय RCP सिंह को यह कबुल करना चाहिये कि मैं माननीय मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार जी के कृपा से राज्‍य सभा में नामित हुआ, जदयू राष्‍ट्रीय महा सचिव संगठन एवं जदयू राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बना।


मनुष्‍य को अहंकार में नहीं बल्कि ईमानदारी से स्‍वीकार करना चाहिए के मैं जो भी पद प्राप्‍त किया वह माननीय नीतीश कुमार जी के कृपा से बने।


हाँ यह जरूर आपने किया कि राज्‍य सभा से लेकर जदयू के सांगठनिक पद तक माननीय नीतीश कुमार जी के कृपा से बने, हाँ यह भी सच है कि आप केन्‍द्रीय मंत्री अपनी मर्जी से बने न कि अपने इमानदारी और परिश्रम एवं संघर्ष के बदौलत ।


आपकी सांगठनिक ताकत का दु:खद एहसास तो हर जदयू कार्यकर्त्ता को है कि आपने जदयू को 2015 में जदयू के विधायकों की संख्‍या 71 थी वहीं 2020 में आपने 43 पर पहुँचा दिया ।

सारण के एकमा पहुंच जेपी सेनानियों से मिले प्रशांत किशोर, जन सुराज की सोच को लेकर छपरा में किया संवाद

प्रशांत किशोर ‘जन सुराज’ अभियान के तहत बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में वे सोमवार 4 जुलाई को सारण पहुंचे। जिले में कई अलग अलग कार्यक्रमों में भाग लेते हुए प्रशांत किशोर ने समाज के प्रबुद्ध नागरिकों, युवाओं, महिलाओं, शिक्षकों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं से जन सुराज की सोच पर संवाद किया। लोगों ने भी प्रशांत किशोर से जन सुराज के बारे में जाना और सभी जरूरी सवाल पूछे। प्रशांत किशोर ने सभी सवालों के जवाब दिए और जन सुराज की परिकल्पना को लोगों के सामने रखा।

जन सुराज का अगर कोई दल बनेगा तो, वो बिहार के सभी सही लोगों का दल होगा
प्रशांत किशोर ने जन सुराज के विचार को रेखांकित करते हुए बताया कि जन सुराज के माध्यम से वह लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, “उद्देश्य है बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाना। सत्ता परिवर्तन हमारा मकसद नहीं है। अगर पदयात्रा के बाद सब लोगों की सहमति से कोई दल बनता भी है तो वो बिहार के सभी सही लोगों का दल होगा, प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा। सब मिलकर अगर तय करेंगे तो दल बनाया जाएगा। मैं अभी लोगों से बात करने, उनकी समस्याओं को समझने में अपना पूरा वक्त लगा रहा हूं।”

60 के दशक से ही बिहार विकास के मामले में पिछड़ता चला गया
बिहार की बदहाली पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 साल की सरकारों ने जो अच्छे काम किए हैं उसे स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। चाहे लालू जी के सामाजिक न्याय की बात हो या नीतीश जी के आर्थिक विकास की बात हो, लेकिन सच्चाई यह है की 60 के दशक के बाद से ही बिहार विकास के तमाम मापदंडों पर पिछड़ता चला गया और आज बिहार विकास लगभग मामले में देश में सबसे निचले पायदान पर है। अगर यहां से बिहार को फिर से विकास के तमाम सूचकांक में देश के अग्रणी राज्यों में खड़ा करना है तो सभी सही लोगों को एक साथ आना होगा और मिलकर प्रयास करना होगा।

पदयात्रा के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का प्रयास करेंगे
प्रशांत किशोर ने कहा की वह 2 अक्तूबर से पश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे। इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है। पदयात्रा में जब तक पूरा बिहार पैदल न चल ले, तब तक वापस पटना नहीं जाएंगे। समाज में ही रहेंगे और समाज को समझने का प्रयास करेंगे। समाज को मथ कर सही लोगों को एक मंच पर लेकर आएंगे।

जन सुराज की सोच को लेकर प्रशांत किशोर का तूफानी दौरा जारी; जहानाबाद में युवाओं, महिलाओं और प्रबुद्ध नागरिकों के साथ किया संवाद

प्रशांत किशोर जन सुराज की सोच को लेकर बिहार के अलग अलग जिलों में जा रहे हैं। इसी क्रम में आज वे जहानाबाद पहुंचे। यहां पहुंचने से पहले पटना जिले के धनरुआ में युवाओं द्वारा उनका स्वागत व अभिनंदन किया गया। इसके बाद जहानाबाद में अलग अलग कई कार्यक्रमों में उन्होंने प्रबुद्ध नागरिकों, महिलाओं और युवाओं से जन सुराज की सोच को लेकर संवाद किया और लोगों के सभी सवालों के जवाब दिए।

जन सुराज का अगर कोई दल बनेगा तो, वो बिहार के सभी सही लोगों का दल होगा
प्रशांत किशोर ने जन सुराज के विचार को रेखांकित करते हुए बताया कि जन सुराज के माध्यम से वह लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, “उद्देश्य है बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाना। सत्ता परिवर्तन हमारा मकसद नहीं है। अगर पदयात्रा के बाद सब लोगों की सहमति से कोई दल बनता भी है तो वो बिहार के सभी सही लोगों का दल होगा, प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा। सब मिलकर अगर तय करेंगे तो दल बनाया जाएगा। मैं अभी लोगों से बात करने, उनकी समस्याओं को समझने में अपना पूरा वक्त लगा रहा हूं।”

बिहार को विकसित बनाना है तो यहां के लोगों को साथ मिलकर प्रयास करना होगा
बिहार की बदहाली पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग विकास का दावा कर रहे हैं अगर उनको सच मान भी लिया जाए तो भी देश में सबसे ज्यादा अशिक्षित लोग, बेरोजगार लोग, गरीब लोग बिहार में रहते हैं। बिहार के विकास के लिए सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास पर बल देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि देश के अग्रणी राज्यों में अगर बिहार को खड़ा करना है तो बिहार के लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।

समाज में रहेंगे, समाज को समझने का प्रयास करेंगे
प्रशांत किशोर ने कहा की वह 2 अक्तूबर से पाश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे। इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है। पदयात्रा में जब तक पूरा बिहार पैदल न चल लें तब तक वापस पटना नहीं जाएंगे, समाज में रहेंगे, समाज को समझने का प्रयास करेंगे। इसका एक ही मकसद है कि समाज को मथ कर सही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना।

प्रशांत किशोर की अपील – हिंसा नहीं करें आंदोलनकारी छात्र
अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे आंदोलनकारी युवाओं से प्रशांत किशोर ने अपील करते हुए कहा कि अगर आंदोलन को सफल बनाना है तो विरोध प्रदर्शन का अहिंसात्मक तरीका अपनाएं और मजबूती से अपनी बात रखें।

ये तस्वीर जता रहा है कि बिहार की राजनीति किस दिशा की ओर बढ़ रहा है

राजनीति में बयान और तस्वीर बेमतलब कभी नहीं होता हर बयान और तस्वीर के पीछे कोई ना कोई संदेश जरुर छिपा रहता है । मुख्यमंत्री के आधिकारिक ग्रुप से कल एक तस्वीर जारी हुई है मौका था इन्वेस्टर्स मीट सह वस्त्र एवं चर्म नीति 2022 के लोकार्पण समारोह का जहां नीतीश कुमार उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का पीठ थपथपा रहे हैं बिहार में मेरी जानकारी में ये पहली ऐसी तस्वीर है जिसमें नीतीश कुमार किसी मंत्री के काम की तारीफ इस तरह से सार्वजनिक रूप से किये हो।

वैसे शाहनवाज हुसैन जब से उद्योग मंत्री बने हैं विभाग की सक्रियता बढ़ी है इसमें भी कोई शक नहीं है लेकिन नीतीश कुमार कुछ दिन पहले तक शाहनवाज को लेकर सहज नहीं थे ये भी सार्वजनिक रूप से कई मौके पर देखने का मिला है तो फिर ऐसा क्या हुआ जो नीतीश के इतने चहेते बन गये ।

नीतीश के निशाने पर हैं अमित शाह
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग के सहारे जो कुछ भी हुआ उसको लेकर नीतीश अभी भी सहज नहीं है जिस वजह से बीजेपी के साथ रहने के बावजूद भी हमेशा दाव लगाते रहते हैं ।

एक बड़ी चर्चित गीत है ना कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना बस इसी अंदाज में नीतीश बिहार की राजनीति का साध रहे हैं और इसके लिए जब जब दिल्ली बीजेपी नीतीश कुमार पर दबाव बनाने कि कोशिश करता है लालू प्रसाद के परिवार से नजदीकी बढ़ाने का प्रयास ये तेज कर देते हैं ।

वही बीजेपी के अंदर मोदी और शाह के खिलाफ जो गोलबंदी शुरू हुई है उसका लाभ कैसे मिले इस पर नीतीश काम शुरु कर दिये हैं और यही वजह है कि नीतीश का रिश्ता कभी भी शाहनवाज और गडकरी से अच्छा नहीं रहा है क्यों कि दोनों नेता नीतीश की आलोचना कई मौके पर मुखर होकर कर चुके हैं ।

गांधी सेतु के दूसरे लेन के उद्घाटन समारोह के दौरान नीतीश और गडकरी की जो मुलाकात हुई देखने से ऐसा ही लग रहा था कि जैसे की वर्षो बाद बिछड़ा हुआ भाई मिल रहा हो।

इतना ही नहीं इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मंत्री नित्यानंद राय बिहार विधानसभा की घटना के बाद कार्यक्रम के दौरान दूरी बनाते हुए दिखे क्यों कि राज्यसभा चुनाव के दौरान जिस अंदाज में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नित्यानंद को झिड़की लगाये थे उससे साफ हो गया था कि फिलहाल बिहार में शाह की नुमाइंदगी को तवज्जो मिलने वाली नहीं है और इस राजनीति को नीतीश का भी समर्थन प्राप्त है।

वैसे दिल्ली से होने वाले निर्णय में अभी भी टीम शाह भारी है लेकिन नहीं चाहते हुए भी नीतीश इसी रणनीति के सहारे पहले भूपेन्द्र यादव को बिहार से बाहर का रास्ता दिखाया दिया और फिर बिहार विधान परिषद में संख्या बल नहीं होने के बावजूद दो सीट देने पर बीजेपी को मजबूर कर दिये।

शाहनवाज और गडकरी

आने वाले समय में इस तरह की चौकाने वाली तस्वीरे और देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्यों लम्बें वक्त के बाद बीजेपी के केन्द्रीय टीम में नीतीश की पहुंच मजबूत होते दिख रही है।

तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि सम्पूर्ण क्रांति के अवसर पर हमें संकल्प लेना है कि इस निक्कमी सरकार को उखाड़ फेंकना है

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि सम्पूर्ण क्रांति के अवसर पर हमें संकल्प लेना है कि इस निक्कमी सरकार को उखाड़ फेंकना है। महंगाई का प्रकोप है, भ्रष्टाचार चरम पर है। शिक्षा का बंटाधार है, स्वास्थ्य व्यवस्था गर्त में है।

सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर महागठबंधन की ओर से राजधानी पटना के बापू सभागार में प्रतिनिधि सम्मेलन के मौके पर तेजस्वी यादव ने यह बातें कहीं। विपक्ष द्वारा जारी सरकार के खिलाफ आरोप पत्र को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि सबको अपना-अपना काम करने का अधिकार है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि जेल से डरो नहीं, जेल को भरो। तेजस्वी ने जातीय जनगणना की जीत को सम्पूर्ण विपक्ष की जीत बताया और इसके लिए महागठबंधन के साथी लेफ्ट को बधाई दी। इसके पूर्व महागठबंधन की ओर से आरोप पत्र जारी किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्ष तेजस्वी ने किया जबकि मंच का संचालन आलोक मेहता ने किया।

जातिय गणना पेपर सर्वे के बजाय ई-सर्वे टेबलेट के माध्यम से कराया जाना चाहिए – सुशील मोदी

जातिय गणना पेपर गणना नहीं बल्कि ई-गणना टेबलेट के माध्यम से कराई जाए
• आर्थिक और जातिय के साथ-साथ सामाजिक मुद्दे से जुड़े प्रश्नों के आधार पर सर्वेक्षण हो
• राजनैतिक दबाव में जल्दबाजी नहीं बल्कि पूरी तैयारी के साथ सर्वे किया जाए

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान जारी कर बिहार सरकार को सुझाव दिया है कि प्रस्तावित जातिय गणना पेपर सर्वे के बजाय इलोक्ट्रोनिक सर्वे या ई-सर्वे के माध्यम से कराया जाना चाहिए जिसमें प्रगणक टेबलेट के माध्यम से सारी सुचना एकत्र करेंगे ताकि रियल टाइम आंकड़े अपलोड किया जा सके । साथ ही जनगणना 2022 एवं बिहार की जातिय गणना एक समय में न हो।

श्री मोदी ने कहा कि 2021 कि जनगणना ई – सेन्सस होने जा रही है । उसी तर्ज पर प्रत्येक जिले कि जातियों – उप जातियों को कोडिंग कर, ड्राप डाउन मेनू के माध्यम से जातिय गणना करने के लिए साफ्टवेयर विकसित किया जाय ताकि मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो सके ।

श्री मोदी ने कहा कि यह सर्वे केवल आर्थिक और जातिय ही नही बल्कि सामाजिक भी होना चाहिए । प्रत्येक जाति कि स्थिति का आकलन करने के लिए प्रत्येक परिवार कि शिक्षा, दिव्यांगता, ग्रसित बीमारियाँ , पशु-धन , चल -अचल सम्पति , रोजगार, भूमि की उपलब्धता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े प्रश्नों की सूची तैयार कर पूछा जाना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि अन्य दलों के दबाव में जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है बल्कि पूरी तैयारी, प्रशिक्षण, मार्गदर्शिका निर्माण, प्रश्न-सूची, सोफ्टवेयर, टेबलट की व्यवस्था कर ही सर्वे किया जाना चाहिए।

कटिहार में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति बैठक के दौरान लिये गये राजनीतिक प्रस्ताव

स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं| 75 वर्षों के इस कालखंड में भारत ने एक राष्ट्र के रूप में उल्लेखनीय उपलब्धियों को हासिल किया है और आज जब देश कर्मशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है तो हम यह कह सकते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया के मानचित्र पर अपनी वह छाप छोड़ेगा जिसकी कल्पना आजादी के लड़ाई में भाग लेने वाले सभी क्रांतिकारियों ने की थी |

राष्ट्र जीवन की दिशा नामक पुस्तक में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने राष्ट्र को किसी कालखंड की गणनात्मक इकाई की जगह एक शाश्वत इकाई माना है। वास्तविकता भी यही है। राष्ट्र की संकल्पना विशेषकर इस धरा भारत के संदर्भ में अनादि काल से विद्यमान रहा है । इसकी झलक सांस्कृतिक रूप से देश के जन-जन में हमेशा से विद्यमान रही है और यह राजनीतिक रूप से हमारे राजा महाराजाओं में चक्रवर्ती सम्राट बनने की लालसा में दृष्टिगोचर होती है। यूरोपीय नूतन राष्ट्रवाद से इसकी तुलना बिल्कुल बेतुकी है। भारत में कांग्रेस तथा उसके वित्त पोषित वामपंथ के द्वारा वर्तमान में राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद के संदर्भ में जिस विरोधाभास को प्रतिस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है , वह वास्तव में नेहरूवियन आइडिया ऑफ इंडिया के विफल होने का ही प्रमाण है।

राम मंदिर तथा काशी विश्वनाथ का निर्माण हमारे पूर्वजों के संघर्ष तथा बलिदान की क्षतिपूर्ति मात्र के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। वास्तव में इन्हें देश के ऐतिहासिक कालखंड में एक ऐसे मोड़ के रूप में देखा जा सकता है जहां से भारत अपनी सांस्कृतिक एवं आत्मिक आइडिया ऑफ भारत को अंगीकार करने की दिशा में बढ़ चला है। इस दृष्टि से पीढ़ियों को जोड़ने तथा माननीय नरेंद्र मोदी जी जैसे विराट नेतृत्व में अपने सभी पुरोधाओं को नमन करते हुए राष्ट्र को विकसित व पल्लवित करने में तन मन धन से खुद को समर्पित करने का वक्त आ गया है।

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी ,प्रभावी एवं साहसी नेतृत्व एवं देश भर के कार्यकर्ताओं के अटूट मेहनत का नतीजा है कि आज भाजपा एक सबल भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर है | विश्व के मानचित्र पर भारत का नाम अब गौरव से लिया जाता है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर के महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर जिस प्रकार अपना प्रामाणिक हस्तक्षेप किया है वह अभिनंदनीय है | विगत एक महीने में सम्पन्न हुए संयुक्त राष्ट्र, क्वाड, जी-23 सहित दुनिया के तेल उत्पादक देशों के संघ के बीच भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है तथा चीन एवं पाकिस्तान द्वारा भारत की सीमाओं पर लगातार किए जा रहे कुत्सित प्रयासों से दुनिया को अवगत कराकर उन्हे अलग-थलग करने में उल्लेखनीय सफलता पायी है |

आजादी के बाद 70 वर्षों तक कॉंग्रेस, वामपंथ तथा समाजवाद के नाम पर गैर-यथार्थवादी, सांप्रदायिक, परिवार केंद्रित नेतृत्व ने विकास की संभावनाओं को कुंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ा | लोकतंत्र की हत्या करके इमरजेंसी लगाई गई । कांग्रेस ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकारों को लगभग 90 बार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया । कॉंग्रेस ने जहां देश में निर्भर अर्थव्यवस्था को खड़ा किया, वामपंथियों ने भारत के मौलिक चिंतन धारा को कुंद करने का कुत्सित प्रयास किया वहीं तथाकथित समाजवादियों ने जातिवाद, भ्रष्टाचार तथा परिवारवाद को पोषित किया है | लोकतंत्र की हत्या करके इमरजेंसी लगाई गई । कांग्रेस ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकारों को लगभग 90 बार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन क्या यह सच्चाई नहीं है इन्हीं दलों ने जयप्रकाश नारायण, लोहिया, कर्पूरी ठाकुर जैसे नेताओं के विचारों को तिलांजलि देकर अपने परिवार को मजबूत किया है और भ्रष्टाचार के प्रतिमान गढ़े ।जबकि भाजपा की आधारशिला लोकतंत्र , सांस्कृतिक राष्ट्रवाद , लोक कल्याण , सामाजिक समरसता तथा अंत्योदय के लक्ष्यों में निहित है । श्री नरेंद्र मोदी ने इन्हीं उद्देश्यों को अंगीकार करते हुए सबका साथ , सबका विकास , सबका विश्वास और सब का प्रयास को अपने शासन का मूल मंत्र बनाया ।

कटिहार में भारतीय जनता पार्टी1

हमे विश्वास है कि धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी राज्य और केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करेगी ।
देश ने केंद्र में कॉंग्रेस नीत यूपीए सरकार तथा बिहार में राजद के शासनकाल को देखा है और उसके दंश को झेला है | यूपीए 1 एवं 2 में राजद कॉंग्रेस पार्टी का साझीदार था | इस सरकार के भ्रष्टाचार के कारनामों ने दुनियाभर में भारत को शर्मसार किया था | राजद के पंद्रह साल के कालखंड में अलकतरा घोटाला,चारा घोटाला , पैसों का गबन, नौकरियों के बदले जमीन या मकान लिखवाना साथ-साथ अपराध का वह सिलसिला जिसमें हत्या, लूट, नक्सलवादी आंदोलन, जातीय हिंसा जैसे कारनामें रोजमर्रा की बातें हो गई थी | शाम ढलते ही सड़कों के सुनसान होने की बात आज भी लोगों के रोंगटे खड़ा कर देता है।

आज श्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार हो या बिहार में एनडीए की सरकार भ्रष्टाचार का कहीं नाम नहीं है | प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि हमने 8 वर्षों के गरीब कल्याण, सेवा और सुशासन को समर्पित कार्यकाल में एक भी ऐसा काम नहीं किया है जिससे हमारा देश या देशवासियों का सर झुके | यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इस अवधि मे इस सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोपनहीं लगा |माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जो विषय 8 वर्ष पहले कहा था कि ना खाऊँगा ना खाने दूंगा आज उसको चरितार्थ कर दिया है | आज जब विरोधियों पर भ्रष्टाचार सम्बन्धी कोई कार्यवाई होती है तो वे अपने काले कारनामों पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए स्वयं को सताये जाने का आरोप लगते हैं ।

रामधारी सिंह दिनकर ने परशुराम की प्रतीक्षा में इनके जैसे हीं नेताओं के काले कारनामों को देखकर लिखा था –
घातक है जो देवता-सदृश दिखता है
लेकिन, कमरे में गलत हुक्म लिखता है।
जिस पापी को गुण नहीं गोत्र प्यारा है
समझो उसने ही हमें मारा है।

हलांकि ये पंक्तियाँ उन्होंने कॉंग्रेस के कार्यशैली पर लिखी थी जो आज भी काँग्रेस और राजद जैसी दलों पर सटीक बैठती है ।

समाज के सभी वर्गों, जातियों के लिए भाजपा तथा एनडीए की सरकार ने श्रेष्ठ प्रयास किए हैं | पिछड़े वर्ग को संवैधानिक दर्जा देना एक ऐसा कदम है जिसे राजद ने वर्षों तक यूपीए सरकार के वक्त दबाकर रखा था ।बाबा साहब अंबेडकर के जन्म स्थली , शिक्षा स्थान सहित पांच स्थानों को पंच तीर्थ स्थल के रूप में विकसित कर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें यथोचित सम्मान दिया । उनके व्यक्तित्व को पूर्ववर्ती सरकारों ने मान्यता नहीं दी थी । माननीय प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटा कर वहां के कमजोर वर्ग विशेषकर बाल्मीकि और बक्करवाल समाज को आरक्षण उपलब्ध करा कर सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी है।नीट में ओबीसी को 27% एवं सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण का प्रावधान इसी दिशा मे उठाए गए कदमहैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने “प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना” के माध्यम से निषाद समुदाय के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं | इस योजना के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए निषाद समुदाय की आर्थिक उन्नति के लिए दिए गए हैं बिहार मीठे पानी में मछली उत्पादन में देश में अव्वल राज्य बन चुका है | आज बिहार में 2005की तुलना मे मछली का उत्पादन लगभग 3 गुना बढ़ चुका है |

कटिहार-में-भारतीय-जनता-पार्टी2

स्वास्थ्य, सड़कें-हाइवे, बिजली, पानी, उद्योग, कृषि, शिक्षा, शुद्ध पेयजल सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं के क्षेत्र में हमने तेजी से काम संपादित किए है | राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2005 के 8000 रुपए के मुकाबले आज 48000 रुपए तक पहुँच गयी है और जीडीपी की दर जो 2005 के पूर्व 3% के आसपास थी वह आज 11% पार कर चुकी है | आज हमें इस बात की खुशी है की विगत वर्षों में राज्य में मँझले कद के उद्योगों का संजाल विकसित हो रहा है

आज देश अपने सांस्कृतिक विरासतों तथा उसके वैभव को पुनः स्थापित कर रहा है | नेहरू के छद्म-सेक्युलरवाद का दर्शन जिसे हम वामपंथ का भी साझा दर्शन कह सकते हैं उसने हिंदुओं के सांस्कृतक अधिष्ठानों, उसके प्रामाणिक जीवनशैली तथा उसके परम्पराओं के संदर्भ में लगातार दुष्प्रचार किए हैं | क्या यह सच्चाई नहीं है कि भारत का समाज हिंदुओं की बहुलता की वजह से सहिष्णु है और हमने भारत के साझी विरासत में सभी को स्थान दिया है ? आज आतंकवाद केवल कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों मे सिमट के रह गया है ।कॉंग्रेस तथा राजद के युवराज पाकिस्तान समर्थक तथाकथित सेमिनारों में भारत-विरोध की भाषा बोल रहे हैं | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जिस प्रांगण में वो भारत विरोधी “आइडिया ऑफ इंडिया” सेमीनार का हिस्सा बनने गए थे उससे उन्हें वामपंथीयों की मान्यता तो जरूर मिल सकती है परंतु देश की जनता उन्हे कभी माफ नहीं करेगी |

भारत प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतिहास से सबक लेकर एक सबल-सक्षम तथा क्रियाशील राष्ट्र के रूप में समावेशी सांस्कृतिक अधिष्ठान वाली पहचान को पुनर्जीवित कर रहा है | काशी का ज्ञानवापी हो या कश्मीर घाटी में फैले सूर्य मंदिर के अवशेष सभी राम मंदिर और काशी विश्वनाथ की तरह वापस जीवंत हो उठने को तत्पर हैं । राजनीति की तमाम चुनौतियों के बीच भाजपा ने देश की जनता के बीच नई आशा और विश्वास का संचार किया हैऔर भारत श्री नरेंद्र मोदी के साहसी और कुशल नेतृत्व में विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

सुशील मोदी का लालू पर सीधा हमला, कहा परिवार की पार्टी है राजद

पटना । 27.05.2022 । बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है राजद के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद, नैतिकता तो कोई मुद्दा ही नहीं है। राजद परिवार से बाहर निकल ही नहीं सकता है। परिवार में ही किसी दूसरी बहन को देते, परन्तु भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जिन पर हैं उन्हें पुनः राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया।

• ए टू जेड की बात करने वाले माई समीकरण से बाहर नहीं निकल सकते
• राजद के राज्यसभा में अब छह में से तीन जेल रिटर्न और एक बेल पर
• ऐसी पार्टी सत्ता में आ गई तो बिहार का क्या होगा?

मोदी ने कहा कि राजद लाख ए टू जेड की बात कर ले, परंतु न तो वह माई से बाहर निकल सकता है और ना ही परिवार
से। राज्यसभा में टिकट का मौका आया तो बाबा और जगता बाबू को दरकिनार कर परिवार और माई को ही तरजीह मिली।

मोदी ने कहा कि बाबा को नहीं बनाया तो समझ में आ सकता है क्योंकि लालू जी की दुर्दशा के लिए बाबा ही जिम्मेवार हैं। परंतु जगता बाबू जिन्होंने लालू जी के जेल जाने के बाद खडाऊं को ईमानदारी से संभाल कर रखा और जो पार्टी का अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं उन को अपमानित कर राज्यसभा नहीं भेजा।

मोदी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 में 76 टिकट माई समीकरण को दिया। भूमिहार को एक और कुर्मी को भी मात्र एक टिकट दिया। वही माई के एम को 18 और वाई को 58 टिकट दिया।

मोदी ने कहा कि अब लालू परिवार के 4 सदस्य संसद और विधान मंडल में है। राज्यसभा के 6 में से तीन सदस्य जेल रिटर्न (प्रेमचंद गुप्ता, अशफाक करीम, अमरेंद्र धारी सिंह) है, एक चार्जशीटेड हैं और बेल पर हैं और 4 धन पशु हैं जिनकी योग्यता केवल धन है।

मोदी ने कहा कि ऐसी पार्टी 15 साल सत्ता में थी तो लोगों ने देखा है और यदि पुनः गलती से लौट आए तो बिहार का क्या होगा?