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मुस्लिम कर्मचारियों को बिहार सरकार का तोहफा: रमज़ान के महीने में निर्धारित समय से एक घंटे पहले ऑफिस आ-जा सकेंगे

पटना । बिहार सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों को निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय आने और निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दे दी है। 

बिहार सरकार द्वारा शुक्रवार (17 मार्च 2023) को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार का यह आदेश हर साल रमजान के महीने में स्थायी तौर पर लागू रहेगा।

इस आदेश को बिहार सरकार के प्रधान सचिव की ओर से सभी विभागों, उनके अध्यक्षों, डीजीपी, जिले के अधिकारियों और अन्य अहम अधिकारियों को भेजा गया है। 

नीतीश सरकार के फैसले का RJD ने स्वागत किया है । सरकार के इस निर्णय को सत्ताधारी पार्टी JDU और RJD ने धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने वाला बताया। इस कदम से देश की गंगा-जमुनी तहजीब और मजबूत होगी। 

वहीं, विपक्षी दल भाजपा ने तंज कसा है। सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार ने नवरात्रि के दौरान हिंदुओं के लिए ऐसा कोई सुविधा नहीं दी गई।

महापर्व छठ पूजा की देशभर में धूम; कौन है छठी मैया,क्या महत्व है छठ पूजा का, पढ़ें पूरी कहानी

लोगों में एक आम जिज्ञासा यह रही है कि सूर्य की उपासना के इस महापर्व में सूर्य के साथ जिन छठी मैया की अथाह शक्तियों के गीत गाए जाते हैं, वे कौन हैं। ज्यादातर लोग इन्हें शास्त्र की नहीं, लोक कल्पना की उपज मानते हैं। लेकिन हमारे पुराणों में यत्र-तत्र इन देवी के संकेत जरूर खोजे जा सकते हैं।

एक पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य और षष्ठी या छठी का संबंध भाई और बहन का है। षष्ठी एक मातृका शक्ति हैं जिनकी पहली पूजा स्वयं सूर्य ने की थी। ‘मार्कण्डेय पुराण’ के अनुसार प्रकृति ने अपनी शक्तियों को कई-कई अंशों में विभाजित कर रखा है। प्रकृति के छठे अंश को ‘देवसेना’ कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी भी है। देवसेना या षष्ठी श्रेष्ठ मातृका और समस्त लोकों के बालकों की रक्षिका हैं।

इनका एक नाम कात्यायनी भी है जिनकी पूजा नवरात्रि की षष्ठी तिथि को होती है। पुराणों में निःसंतान राजा प्रियंवद द्वारा देवी षष्ठी का व्रत करने की कथा है। छठी षष्ठी का अपभ्रंश हो सकता है। आज भी छठव्रती छठी मैया से अपनी संतानों के लंबे जीवन, आरोग्य और सुख-समृद्धि का वरदान मांगते हैं। शिशु के जन्म के छह दिनों बाद इन्हीं षष्ठी या छठी देवी की पूजा का आयोजन होता है जिसे छठी या छठिहार कहते हैं।

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छठी मैया की इस परिकल्पना की एक आध्यात्मिक पृष्ठभूमि भी हो सकती है। अध्यात्म के अनुसार सूर्य की सात किरणों का मानव जीवन पर अलग – अलग प्रभाव पड़ता है। सूर्य की छठी किरण को आरोग्य और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना गया है। संभव है कि सूर्य की इस छठी किरण का प्रवेश अध्यात्म से लोकजीवन में छठी मैया के रूप में हुआ हो।

Chhath Puja: खरना के साथ ही शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास, परसो अर्घ्य के साथ समाप्त होगा लोक आस्था का पर्व

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के खरना के मौके पर विभिन्न घाटों के साथ ही घरों पर छठ व्रतियों ने पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान भास्कर का प्रसाद तैयार किया।

इस मौके पर छठ व्रतियों ने पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ गंगाजल में अरवा चावल और गुड़ से बने खीर और रोटी तैयार कर छठी मैया और भगवान भास्कर को भोग लगाया। बाद में छठ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस तरह से छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया।

छठ पूजा के तीसरे दिन यानी कल छठ व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करेंगे, वही महापर्व के चौथे और अंतिम दिन छठ व्रती उदयगामी सूर्य को अर्ध प्रदान करेंगे।

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति को लेकर किए जाने वाले छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं की श्रद्धा भक्ति देखते ही बन रही है। इस मौके पर छठ व्रतियों का कहना था कि सच्चे हृदय से मांगी गई सभी मनो कामनाएं छठी मैया और भगवान भास्कर पूरी करते हैं।

मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंदी कर रहें छठ पूजा

मुजफ्फरपुर। शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंदी कर रहें छठ पूजा । 100 महिला बंदी और 85 पुरुष बंदियों ने की खरना पूजा।

जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई पूजा की सारी सामाग्री। पुरुष व्रती को धोती, गंजी और गमछा, वहीं महिला व्रतियों को भी दी गई साड़ी।

साथ ही बच्चों को भी जेल प्रशासन द्वारा दिया गया वस्त्र । जेल में छठ घाट को भी सजाया गया ।

धनतेरस के मौके पर बिहार के बाजारों में धन वर्षा, जमकर हो रही खरीदारी

धनतेरस के मौके पर बिहार के बाजारों की रौनक देखते ही बनी। बात चाहे स्वर्ण आभूषण दुकान की हो, बर्तन के दुकान की हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों की, खरीदार जमकर इनकी खरीदारी करते नजर आए।

धनतेरस को लेकर माँ लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमाओं की भी खूब बिक्री हुई, वही लावा, फरही और चीनी मिठाई की दुकानों पर भी खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई। सजावट के सामानों और मिट्टी से बने दीयो की भी खूब बिक्री हुई।

2 साल के कोरोना काल के बाद मनाए जा रहे दीपावली को लेकर बाजारों में खासी चहल-पहल देखी गई। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक धनतेरस के दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। खासकर धातु से बने सामानों की खरीदारी और मिट्टी से बने लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा विशेष महत्व रखती है।

आज के दिन धन की देवी महालक्ष्मी और कुबेर की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। पौराणिक मान्यता यह भी है कि आज के दिन धातु की खरीदारी करने और लक्ष्मी और गणेश की विशेष पूजा अर्चना करने से दरिद्रता का नाश होता है और घर में लक्ष्मी का आगमन होता है।

CM के बाद डिप्टी सीएम पहुंचे मां के दरबार, ऐतिहासिक शीतला मंदिर में की पूजा

पटना । महा अष्टमी के मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज देर शाम पटना सिटी का दौरा कर अगमकुआं स्थित ऐतिहासिक शीतला माता मंदिर पहुंचकर मां शीतला की विशेष पूजा अर्चना की।

इस मौके पर तेजस्वी यादव ने प्रदेश की खुशहाली के लिए मां से दुआएं भी मांगी। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने बताया कि इस मंदिर से उनका पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही इस मंदिर में आते रहे हैं।

तेजस्वी यादव का कहना था कि दुर्गा पूजा के मौके पर वह मां के दरबार पहुंच कर उनसे आशीर्वाद लेने आए हैं।

बता दें कि इससे पहले सुबह सीएम नीतीश कुमार मां गौरी की पूजा को निकले थे उन्होंने पटना सिटी के कई मंदिरों का दौरा किया था और पूजा की थी उनके साथ कई नेता और अधिकारी भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे हाजीगंज, ऐतिहासिक छोटी पटन देवी मंदिर पहुंच महाअष्टमी के मौके पर मां की विशेष पूजा अर्चना की

पटना सिटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे हाजीगंज, ऐतिहासिक छोटी पटन देवी मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महा अष्टमी के मौके पर मां की विशेष पूजा अर्चना की, मुख्यमंत्री ने मां की उतारी आरती, प्रदेश की खुशहाली के लिए मांगी दुआएं।

मां गौरी की पूजा करने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, साथ में मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद

पटना । महा अष्टमी के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना सिटी का दौरा कर अगमकुंआ स्थित ऐतिहासिक शीतला माता मंदिर पहुंचकर मां शीतला की विशेष पूजा अर्चना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां के चरणों में अपना शीश नमन कर प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी।

मुख्यमंत्री ने पूरे निष्ठा भाव से जहां मां की आरती उतारी, वही मां के दरबार में नारियल भी फोड़ा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर वाणिज्य एवं संसदीय कार्य मंत्री मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे।

बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना सिटी का दौरा कर गायघाट स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ बड़ी पटन देवी मंदिर पहुंचकर मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां दुर्गा के चरणों में अपना शीश नमन कर प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। मुख्यमंत्री ने पूरे निष्ठा भाव से मां की आरती भी उतारी।

इस मौके पर मंदिर के महंत ने मुख्यमंत्री को मां की चुनरी भेंट की, वहीं उन्हें मां का प्रसाद भी खिलाया। इस मौके पर वाणिज्य एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के अलावे एनएचएआई के डायरेक्टर चंचल कुमार भी मौजूद थे।

दो साल बाद काको में सूफी महोत्सव का आयोजन, पर्यटन विभाग ने निदेशक ने किया उदघाटन

अपनी दुआओं के असर के लिए विख्यात काको स्थित हजरत बीबी कमाल की दरगाह पर चादरपोशी कर सूफी महोत्सव का उद्घाटन पर्यटन विभाग के निदेशक कँवल कुंज, सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी विधायक सतीश दास ,रामबली सिंह यादव,सुदय यादव जिलाधिकारी रिची पांडेय,एस पी दीपक रंजन ने संयुक्त रूप से किया ।

बता दें कोरोना प्रतिबंधों के कारण यह महोत्सव दो वर्षों से स्थगित था इस मौके पर हजरत बीबी कमाल के मजार की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन विभाग के निदेशक ने कहा के बिहार के ऐतिहासिक पुरातात्विक धर्मिक और साम्प्रदायिक सद्भाव केन्द्रों में से एक है। यह मकबरा बीबी कमाल तुगलक वंश के शासनकाल में एक सूफी संत महिला थी जिन्हे फ़िरोज़ शाह तुगलक ने महान साध्वी के तौर पर अलंकृत किया था।

जिला प्रशासन हजरत बीबी कमाल के मकबरे को विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इस दिशा में सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं।

सरकार ने इसे सूफी सर्किट से जोड़कर पर्यटन के नक्शे पर लाया है. और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की एक बड़ी योजना बनाई है।

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चादरपोशी में डी डी सी परितोष कुमार, एस डी एम मनोज कुमार, एस डी पी ओ अशोक कुमार पांडेय सहित कई अधिकारीयों के साथ शिक्षाविद शकील अहमद काकवी, मुज़म्मिल इमाम, सज्जाद आलम रहमानी विनय कुमार विद्यार्थी फहदुल हक, अरशद इमाम, ताबिश निशात सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

पितृपक्ष मेला की तैयारियों का सीएम नीतीश कुमार ने लिया जायजा, अधिकारियों को दिए अहम निर्देश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पितृपक्ष मेला में देश-विदेश के श्रद्धालु आते हैं। मेला शुरू होने से पहले सभी विभागीय पदाधिकारी अपने-अपने विभागों की समीक्षा कर व्यवस्था को दुरुस्त कर लें। किसी भी पिंडदानियों को गया की पावन भूमि पर असुविधा नहीं होनी चाहिए।

उक्त बातें सोमवार को गया के समाहरणालय में पितृपक्ष मेला की समीक्षा बैठक में सीएम ने कहीं। गया एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विष्णुपद मंदिर पहुंचे. विष्णुपद पहुंचकर सीएम ने विष्णु चरण की पूजा की. इसके बाद वे बिहार के गया में बने पहले रबर डैम का निरीक्षण करने पहुंचे. रबड़ डैम का काम देख सीएम काफी प्रफुल्लित नजर आए।

नीतीश कुमार ने ने रबर डैम का किया निरीक्षण

सीएम नीतीश ने रबर डैम का किया निरीक्षण: वहीं उन्होंने इसके संबंध में अधिकारियों से जानकारी भी ली. गौरतलब हो कि गया के विष्णुपद स्थित फल्गु नदी पर रबर डैम बनाया गया है, जिसमें 3 फीट तक पानी उपलब्ध रहेगा. सलिला मानी जाने वाली फल्गु नदी में इस बार 3 फीट तक पानी की उपलब्धता के बीच पिंडदान तर्पण श्रद्धालु कर सकेंगे।

9 सितंबर से पितृपक्ष मेला की शुरुआत: महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहली बैठक है, जिसमें कई विभागों के मंत्री और आला अधिकारी शामिल हैं. यह बैठक पटना से बाहर हो रही है. पितृपक्ष मेले की तैयारी की रिपोर्ट लेने के बाद मुख्यमंत्री दिशा निर्देश भी देंगे. 9 सितंबर को पितृपक्ष मेला 2022 की शुरुआत होगी. इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गया में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।

इस बैठक में कला संस्कृति और युवा विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पर्यटन विभाग, जल संसाधन विभाग सहित कई विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे. वहीं सीएम ने रबर डैम का भी निरीक्षण किया. श्रद्धालुओं के लिए पहली बार रबर डैम का निर्माण किया गया है, जिससे मंदिर के पास नदी का पानी श्रद्धालुओं को आसानी से मिल सकेगा।

पितृ पक्ष मैं क्यों करते हैं पिंडदान?

हिंदू धर्म में व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसे पितृ की संज्ञा दी जाती है. मान्यता अनुसार मृतक का श्राद्ध या तर्पण न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष लगता है और घर पर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

वहीं जिनके घर के पितृ प्रसन्न रहते हैं उनके घर कभी कोई मुसीबत नहीं आती है. ऐसे में पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए आश्विन माह में 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित होता है, इस बीच पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किया जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जहानाबाद में भी उत्साह, पहली बार निकाली गई शोभा यात्रा

शहर के दक्षिणी दौलतपुर स्थित राधे कृष्ण मंदिर से भगवान श्री कृष्ण की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जो अरवल मोड़ होते हुए काको मोड़ पहुंची और फिर काको मोड़ से यात्रा में शामिल लोग वापस हो गए।

इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में शहर के लोगों के साथ श्रद्धालु शामिल हुए. आयोजक ने बताया कि अचानक दिल में यह ख्याल आया कि प्रभु श्री कृष्ण की यात्रा कृष्णाष्टमी पर निकाली जाए। अपने मन की बात को लेकर आयोजक मुन्ना केसरी थाने पहुंचे और थाने ने शोभायात्रा निकालने की अनुमति दे दी।

लोगों ने बताया कि छोटी मोट शोभायात्रा शहर में निकाली जाती थी । लेकिन कोरोना काल के चलते समाज की ओर से प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली श्री कृष्ण की शोभायात्रा नहीं निकाली गई थी. इस बार पाबंदी हटने के बाद भव्य रुप से शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें शहर के लोग जुड़ते चले गए।

शोभायात्रा में सबसे आगे केसरिया ध्वज लिए लोग चल रहे थे. इसके बाद ढोल की थाप पर युवा नाचते हुए चल रहे थे. शोभायात्रा में भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकी भी शामिल थी, जिस पर लोगों ने रास्ते में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया. शोभा यात्रा को लेकर महिलाओं में भी खासा उत्साह नजर आया. बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां डीजे की धुन पर नाचती हुई चल रही थी. और लोगों की सहूलियत के लिए जहानाबाद नगर थाने की टीम भी साथ साथ चलती नजर आआई।

बाबा सिद्ध नाथ के दरबार में जुटा श्रद्धालुओं का हुजूम, सोमवार को 50 हजार लोगों के जल अर्पण करने की संभावना

जहानाबाद जिले की प्रसिद्ध बराबर स्थित बाबा सिद्ध नाथ के मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को भक्त जनों के जनसैलाब उमड़ है। दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा को जल अर्पण करने के लिए पहुंचे हुए हैं।

सुबह से ही महिला एवं पुरुष भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। बोलबम के नारे के साथ बाणवर पहाड़ गूंज उठा है। ज्ञात हो कि सावन के महीने में दूर-दूर से बाबा सिद्धनाथ के जल अर्पण करने के लिए भक्त पहुंचते हैं।

जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए समुचित व्यवस्था भी की गई है। मंदिर के प्रबंधक ने बताया कि लगभग पचास हजार लोगों की जल अर्पण करने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी चौकस है।

सुप्रसिद्ध बाबा हरी गिरी धाम में सावन की दूसरी सोमवारी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुचें

बेगूसराय । सुप्रसिद्ध बाबा हरी गिरी धाम में सावन की दूसरी सोमवारी पर अहले सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर पूजा अर्चना करने में जुटे हुए हैं।

गढ़पुरा प्रखंड स्थित बाबा हरी गिरी धाम में सोमवारी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था की गई थी।

बाबा हरी गिरी धाम

दो साल बाद प्राचीन शिव मंदिर वाणावार में चहल–पहल, सांसद ने मेले का किया उद्घाटन

सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। साथ ही जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड के ऐतिहासिक और प्राचीन शिव मंदिर वाणावार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी है।

गुरुवार को सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, मखदुमपुर विधायक, डीएम रिची पांडेय, डीडीसी परितोष कुमार समेत कई अधिकारी और जिले के नेता मौजूद रहे। बराबर स्थित पातालगंगा पहुंचे, जहां श्रावणी मेला का शुभारंभ किया गया। इसके पहले डीएम, डीडीसी ने सामूहिक रूप से मेले का शुभारंभ करने के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की।


पातालगंगा के समीप सिद्धेश्वर चोटी जाने वाले मुख्य द्वार के समीप पंडितों के द्वारा धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम की शुरुआत कराई गई। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान गणेश के अलावा अन्य देवी देवताओं की आराधना की गई। भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। इसके बाद सांसद ने श्रावणी मेला का उद्घाटन किया। भीषण गर्मी के बावजूद भी अनुष्ठान को लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था।

अनुमान है कि इस बार लगभग 10 लाख लोग जल अर्पण के लिए गुफा में पहुंचेंगे। विधिवत उद्घाटन के बाद सांसद ने पातालगंगा समय कई जगहों का निरीक्षण किया। साथी जल्द ही रोपवे के शुरू होने का आश्वासन भी दिया। सांसद ने कहा कि मेला क्षेत्र का दौरा दो दिन पहले भी उन्होंने किया था। साथ ही सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर डीएम से बात भी की थी।

आज से शुरू हुआ मेला पूरे सावन तक चलेगा। जिसको लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। कोरोना काल में 2 साल तक सुनसान रहने वाला बराबर पहाड़ इस बार लगे मेले की वजह से एक बार फिर से गुलजार हो गया है।

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Bihar Eid Celebration: दो साल बाद मिला मौका, लोगों ने खुलकर लगाया एक दूसरे को गले, जहानाबाद में दिखी बकरीद की रौनक

जहानाबाद जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय के अलावा ग्रामीण इलाके में बकरीद का त्योहार हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण मस्जिदों में दो साल से नमाज अदा नहीं की जा रही थी। इस बार ईद के बाद बकरीद में भी लोगों का हुजूम दिख रहा है।

इस पर्व में गांगी-तहजीब के जीवंत दर्शन हो रहे हैं। सभी समुदाय के लोग मिलकर एक दूसरे को पर्व का मुबारकवाद दे रहे हैं। पटना-गया एनएच 83 के समीप अवस्थित ईदगाह के पास नमाजियों की भीड़ लगी। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय में नमाज अदा की जा रही है। बकरीद का त्योहार को लेकर सभी घरों में कुर्बानी के अलावा स्वादिष्ट भोजन भी बनाया गया है।

मेहमानों के आने पर मुस्लिम भाई उनके सेवा में जुटे दिखे। पर्व की खुशियों को खास करने के लिए मुसलमानों ने अपने हिन्दू साथियों को भी आमंत्रित किया है। इसके अलावा आपस में भी एक दूसरे के घरों में जाकर लोगों ने बकरीद की मुबारकबाद दी। संवेदनशील जगह पर पुलिस की तैनाती भी की गई है।

बकरीद त्योहार को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर चिन्हित संवेदनशील जगह के अलावा नगर परिषद के प्रत्येक चौक-चौराहों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अधिकारियों की नजर आने जाने वाले लोगों पर है।

Eid Celebration: पटना के गांधी मैदान में बकरीद को लेकर दिखा उत्साह

पटना । बकरीद को लेकर पटना के गांधी मैदान में अस्थाई रूप से ईदगाह बनाया गया जहां पर हजारों की हजार संख्या में पहुंचे नमाजियों ने नमाज अदा की।

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बकरीद के पूर्व संध्या पर पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च ,लोगों से शांति के साथ पर्व मनाने की अपील

जहानाबाद। बकरीद में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए जहानाबाद में पुलिस जवानों ने फ्लैग मार्च किया। जिसका नेतृत्व एएसपी और डीएसपी ने किया।

मार्च में शामिल पुलिस पदाधिकारी और जवानों ने बकरीद को शांति के साथ मनाने का आग्रह किया। कोई व्यवधान उपद्रवी और असामाजिक तत्वों द्वारा डाला जाता है, तो इसके लिए पुलिस प्रशासन तैयार है।

पुलिस प्रशासन ने सभी लोगों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की। आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ बकरीद मनाने की अपील की है।

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जहानाबाद में पहली बार रथ यात्रा का आयोजन, कार्यकर्ता और भक्तों में दिखा उत्साह

जगन्नाथ बलदेव सुभद्रा की रथ यात्रा जगन्नाथ पूरी समेत कई जगह आषाढ़ शुक्ल द्वितीय के टीवी दिन निकाला जाता है।

इस बार इस्कॉन मंदिर ने पहली बार एक भव्य रथ यात्रा का आयोजन जहानाबाद में किया।

यात्रा गाँधी मैदान से हॉस्पिटल मोड, अरवल मोड होते हुए काको मोड पहुंची। फिर वापसी में इन्हीं रास्तों से होते हुए गाँधी मैदान पहुंची। रथ के साथ साथ प्रसाद और गीता आदि धार्मिक पुस्तकों का वितरण किया गया। रथ यात्रा से पहले और अंत में भंडारा की व्यवस्था की गई।

इस्कॉन गया मंदिर समिति ने बताया कि पहले 9 जुलाई को रथ यात्रा रखा गया था, लेकिन बकरीद के कारण जहानाबाद प्रशासन ने 8 जुलाई को इसकी परमिशन दी थी ।

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वट सावित्री पूजन सोमवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया

पटना । सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए मनाया जाने वाला व्रत वट सावित्री पूजन सोमवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।

इस दौरान व्रती महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाज और विधि विधान के साथ वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर अपने अक्षत सुहाग की कामना की।

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सूर्य भगवान की प्रतिमा की स्थापना को लेकर कलश यात्रा

जहानाबाद । जिले के घोसी गांव में सूर्य भगवान का मंदिर का निर्माण हुआ है इस मंदिर में सुय भगवान की प्रतिमा की स्थापना की जानी है। जिसके लिए गुरुवार को सुबह बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं कलश यात्रा निकाला गया ।

घोसी गांव से चलकर फल्गु नदी से जल भरने के लिए बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं इस कलश यात्रा में शामिल हुए घोसी बाजार होते हुए कलश यात्रा फल्गु नदी तक जाएगा। और वहां से जल लेकर घोसी गांव सूर्य मंदिर के प्रांगण में संपन्न किया जाएगा। इस कलश यात्रा में बैंड बाजे के साथ घोड़े इस सवारी को भी शामिल किया गया है।

घोसी गांव में यह कार्यक्रम 4 दिनों तक चलेगा 8 तारीख को भंडारा का आयोजन किया जाएगा । इस कार्यक्रम में बड़े-बड़े साधु महात्मा शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रवचन का भी आयोजन किया जाएगा जिस में शामिल होकर लोग साधु महात्मा के मधुर वाणी के वचन सुनकर लोग लाभान्वित होंगे ।

ज्ञात हो कि सूर्य मंदिर बन जाने से छठ व्रतियों को काफी फायदा होगा लोग भगवान सूर्य के आराधना करने के लिए दूरदराज जाना पड़ता था। लेकिन घोसी गांव में पोखर के किनारे सूर्य मंदिर के निर्माण होने से आसपास के लोग को सूर्य भगवान की आराधना करने में काफी सुविधा होगी सूर्य भगवान का प्रतिमा स्थापना के कार्यक्रम प्रारंभ होते ही पूरे गांव में भक्ति की बयार बहने लगी है। गांव वासियों खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आज हम लोगों के लिए अत्यंत खुशी का पल है।

छठ पर्व में सूर्य भगवान की आराधना करने के लिए दूरदराज जाना पड़ता था ।लेकिन मंदिर के निर्माण एवं सूर्य भगवान की प्रतिमा स्थापित होने से हम लोगों को अब कहीं दूर दराज छठ करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा ।और गांव में ही छठ पूजा की आयोजन किया जाएगा इस कलश यात्रा में ढोल नगाड़े के साथ घुड़सवारी करते हुए जय श्रीराम के नारे लगाते हुए पुरुष एवं महिलाएं फल्गु नदी की पर जा रहे हैं इस कलश यात्रा से पूरा घोसी बाजार पूरा गांव एवं इलाका भक्ति में हो गया है।

सभी लोग अपने माथे पर कलश रखकर जय श्री राम एवं सूर्य भगवान की जय कार लगाते हुए इस कलश शोभायात्रा में शामिल हुए हैं।