Press "Enter" to skip to content

Posts published in “सियासी संग्राम”

post about सियासी संग्राम

नीतीश के पजल गेम में उलझा बिहार आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने पर अभी भी संशय बरकरार

समझें तो जाने जी है इस समय बिहार जिस राजनीति के दौर से गुजर रहा है वो किसी पजल गेम से कम नहीं है ।
बिहार के सामने आरसीपी सिंह राज्यसभा जायेंगे या नहींं जायेंगे यही पजल गेम है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पजल गेम के एक से एक माहिर खिलड़ी भी दो राहे पर आकर खड़े हो जा रहे हैं और तय नहीं कर पा रहे हैं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे मैं तो यह दावे के साथ कह सकता हूं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे ये बात ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा को भी पता नहीं है ।

हां अटकल जरुर लगा सकते हैं पिछले 24 घंटे के दौरान इस पजल गेम को साँल्भ करने की दिशा में इस तीन तस्वीर की सहायता ली जा सकती है ।

1–पहली तस्वीर है आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात की आरसीपी सिंह पीले रंग के फाइल के अंदर लिखी गयी मजमून को पढ़ रहे हैं और नीतीश कुमार सुन रहे हैं नीतीश के चेहरे के भाव से आप कयास लगाइए क्या पढ़ रहे थे आरसीपी सिंह

2–दूसरी तस्वीर है मंंत्री विजय चौधरी के बेटे के शादी समारोह का मुख्यमंत्री सहित जदयू के अधिकांश मंत्री जब चले गये तब आरसीपी सिंह पहुंचे थे और हाल यह था कि जदयू का कार्यकर्ता भी साथ चलने से कतरा रहे थे।

3–तीसरी तस्वीर पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूण्यतिथि पर आयोजित राजकीय समारोह का है इस कार्यक्रम में मंत्री शीला मंडल मुख्यमत्री नीतीश कुमार के बगल में बैठी हैं ,शीला मंडल आरसीपी सिंह के खासे करीब हैं उन्हें के कहने पर टिकट दिया गया था और पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री भी आरसीपी सिंह के ही कोटे से बनी थी। शीला पहली बार किसी राजकीय कार्यक्रम में नीतीश के साथ मंच पर देखी गयी है इस का तस्वीर मतलब निकाले पजल गेम साँल्भ करो ।

इस पजल गेम को लेकर कुछ इनपुट भी है शायद आपको साँल्फ करने में मदद करे
1–इधर राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों का मानना है कि आरसीपी सिंह राज्यसभा जरुर जायेंगी ज्यादा उड़ने लगे थे हैसियत बता दिया गया ।

2–आज आरसीपी सिंह चुनाव आयोग के रिटायर उप निर्वाचन पदाधिकारी बैजनाथ कुमार मिलने पहुंचे हैं कहा जा रहा है कि नॉमिनेशन फॉर्म भरने आये हैं ।

हाहहाहहाहाहा मजा आ रहा है ना आरसीपी पजलगेम को साँल्भ करने में ।वैसे इस खेल में अब बचा कुछ नहीं है बस देखना यही है कि इस गेम के निर्माता के रीढ़ में ताकत बची है की नहीं ।

आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे

आप खुद कयास लगाये आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुँचते हैं पहले से आरसीपी सिंह के ललन बाबू मौजूद थे। 45 मिनट की मुलाकात के बाद आरसीपी सिंह बाहर निकले उनके चेहरे का भाव देख कयास लगाये।

आरसीपी सिंह मीडिया को पत्र भेजे है आप पढ़ कर खुद कयास लगा ले:-

केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी हुआ है जिसमें यह कहा गया है कि हमने जदयू कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए जदयू में काम किया है ।
हमने जदयू में आरंभ से ही संगठन के विस्तार के लिए काम किया हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए। पार्टी को कैसे बूथ स्तर तक पहुंचाया जाए इसको लेकर पूरी लगन से काम किया ।
अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया है ।

जातीय जनगणना को लेकर शिवानंद तिवारी ने ली चुटकी कहा नीतीश के सामने बीजेपी ने टेका घुटना

नीतीश कुमार ने अपना मक़सद पुरा कर लिया. देश में अमीर और गरीब, दो ही जातियाँ हैं, यह बोलने वाली भाजपा अब नीतीश जी के साथ जातियों की गिनती करायेगी.

यही तो नीतीश चाहते थे. ऐसा नहीं है कि भाजपा का हृदय परिवर्तन हो गया है इसलिए वह जातिय जनगणना के लिए तैयार हो गई है. दरअसल भाजपा के सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है. उसके लिए अभी से उसकी गोलबंदी शुरू हो चुकी है.

नीतीश कुमार ने बहुत चतुराई से इसका लाभ उठाया. इफ़्तार पार्टी ने अनुकूल मौक़ा दे दिया. संदेश चला गया कि ग़लतफ़हमी में मत रहिए. मेरे पास बना बनाया विकल्प है . 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीतीश और लालू के संयुक्त ताक़त का परिणाम देख चुकी है.

आलाकमान का निर्देश आया और सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला हो गया. भाजपा ने एक कदम आगे और दो कदम पिछे नहीं बल्कि दो कदम आगे और एक कदम पिछे की रणनीति के तहत सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला किया. नीतीश जी को सिर्फ़ इसी से मतलब था. जातीय जनगणना के सवाल पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे नाटक को देख कर जो लोग नई सरकार बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे वे ज़रूर निराश हुए होंगे।

शिवानंद तिवारी और सुशील मोदी के बीच चुनावी जंग जारी

सुशील मोदी की राजनीति अभी तक बालिग नहीं हो पाई. संभवतः इसीलिए इनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार की राजनीति से उनको अलग किया था।

जब दिल्ली ले जाए गए तो उनके भक्तों को उम्मीद थी कि बिहार में इतने लंबे समय तक वित्त विभाग को इन्होंने कुशलता से संभाला है. अब निर्मला सीतारमण की कुर्सी पर सुशील जी का बैठना तो पक्का ही है. लेकिन दिल्ली वालों ने तो इनके हल्केपन को पहचान कर ही बिहार को इनसे मुक्त कराया था. इसीलिए बिहार के मीडिया में बयान देने के लिए ही इनको छुट्टा छोड़ दिया है।

Modi-Tiwari

लालू जी के यहां छापेमारी के मामले में अपने को काबिल साबित करने की हड़बड़ी में सुशील जी अपनी दिल्ली सरकार को ही नाकाबिल साबित कर रहे हैं. उनका दावा है कि लालू जी के खिलाफ सीबीआई जाँच की माँग को मनमोहन सिंह ने दबा दिया था. लेकिन मनमोहन सिंह की सरकार तो 2014 में ही चली गई थी. उसके बाद से अब तक तो यानी आठ वर्षों से तो दिल्ली में बड़े मोदी जी की ही सरकार है. यह सरकार इतनी नाकाबिल है कि छह वर्षों दबे उस ज्ञापन को खोज निकालने में उसको आठ वर्ष लग गए. वह भी कब ! जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी घटती हुई नज़र आ रही है।

हमारा सवाल तो यही था. लालू यादव के यहाँ सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश जी के लिए चेतावनी तो नहीं थी शिवानन्द

मोदी ने शिवानंद तिवारी को लिया आड़े हाथ, कहां दूम हिलाते है तिवारी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवानंद तिवारी जी ने कम से कम यह स्वीकार तो किया कि श्री ललन सिंह जी के साथ मिलकर लालू जी के ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले का उन्होंने ही पर्दाफाश किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने पहले यह भी स्वीकार किया था कि उनकी पीआईएल पर ही पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके पांच मामलों में लालू जी को सजा हो चुकी है।

श्री मोदी ने कहा कि जहां तक 14 साल विलंब से कार्रवाई का सवाल है, तो उस समय राजद के समर्थन से मनमोहन सिंह जी की सरकार चल रही थी। प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं थी कि सहयोगी दल के नेता पर कार्यवाही करते। उन्होंने ज्ञापन को ठंडे बस्ते में ही नहीं डाला बल्कि लालू के लोगों ने ज्ञापन को ही फाइल से हटवा दिया।

श्री मोदी ने कहा कि शिवानंद जी भूल गए कि मामला भले ही 14 वर्ष पुराना हो परंतु 2017 में जब मैंने ‘नौकरी के बदले जमीन’ सहित दर्जनों लालू परिवार के भ्रष्टाचार को सबूतों के साथ उजागर किया था तो आप की सरकार चली गई थी। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (Preleminary Inquiry) का मामला तो सितंबर 2021 में ही दर्ज कर लिया था।

श्री मोदी ने कहा कि फिर पांच मामलों में सजायाफ्ता और जिसका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर है उससे यदि कोई दोस्ती करना चाहेगा तो यह छोटा मामला कभी बाधक नहीं बन सकता है? लेकिन गलतफहमी दूर कर ले अब कभी राजद-जदयू की दोस्ती नहीं हो सकती है?

श्री मोदी ने कहा कि आज अगर लालू जी की दुर्दशा है तो वही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने पहले मुकदमा दायर किया, ज्ञापन दिया और अब राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने दुम हिला रहे हैं।

शिवानंद तिवारी का बड़ा बयान लालू को तेजस्वी को गद्दी सौप देना चाहिए

जब लालू यादव ने अपने राजनीतिक वारिस के रूप में तेजस्वी यादव को चुना तो राष्ट्रीय जनता दल ने संपूर्ण हृदय से इसको स्वीकार किया. यह जरूरी भी था. इसलिए भी कि बिहार देश का सबसे युवा प्रदेश है. बिहार की पूरी आबादी में 58 फीसद आबादी 25 बरस से नीचे वालों की है. इस आबादी के सपनों और आकांक्षाओं को लालू यादव सहित हम पुरानी पीढ़ी के लोग नहीं समझते हैं, वक्त बदला है. यह आबादी गांवों के उन पुराने मुहावरों और कहावतों को नहीं समझती है जिसके महारथी लालू जी हैं. लेकिन इस युवा आबादी ने तेजस्वी यादव को स्वीकार किया है. इसका आकलन दो चुनाव के परिणामों से समझा जा सकता है. 2010 का विधानसभा चुनाव राजद ने लालू जी के नेतृत्व में लड़ा था. उस चुनाव में राजद के महज 22 विधायक जीत पाये थे.

उसके बाद विधानसभा का दूसरा चुनाव 2015 में हुआ. उस चुनाव में लालू ज़ी और नीतीश कुमार एक साथ हो गये थे. महागठबंधन की सरकार बन गई थी. उस चुनाव नतीजे से लालू यादव और नीतीश कुमार के संयुक्त ताकत का आकलन किया जा सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से राजद की ताकत का आकलन का वह नतीजा आधार नहीं हो सकता है। इसलिए उस चुनाव के परिणाम को यहां नजीर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. लेकिन उसके बाद 2020 के चुनाव में गठबंधन बनाने से लेकर नेतृत्व तक शुद्ध रूप से तेजस्वी यादव ने किया था. उस चुनाव में राजद विधानसभा में न सिर्फ सबसे बड़े दल के रुप में उभरा बल्कि प्राप्त वोटों के प्रतिशत के हिसाब से भी सबसे बड़ा दल बना. वह चुनाव एक मामले में अनूठा था. देश के राजनीतिक क्षितिज पर नरेंद्र मोदी के उभार के बाद बिहार के विधानसभा का 2020 का चुनाव ऐसा पहला चुनाव था जिस के चुनाव अभियान में भाजपा सांप्रदायिकता को मुद्दा नहीं बना पाई. बल्कि तेजस्वी यादव ने रोजगार के सवाल को 2020 के चुनाव अभियान का प्रमुख मुद्दा बना दिया और नरेंद्र मोदी सहित तमाम पार्टियों को उसी मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए बाद्धय किया. युवा तेजस्वी की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इस प्रकार वे देश की नजर में आ गये.

इसलिये उम्मीद की जा रही थी कि लालू जी तेजस्वी के हाथों में दल का संपूर्ण दायित्व सौंप देंगे. विधानपरिषद हो या राज्य सभा, इन सदनों में कौन जाएगा यह तय करने की छूट तेजस्वी को देंगे ताकि वे भविष्य के लिये अपनी टीम का निर्माण कर सकें लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है.

इसलिए एक वरीय साथी होने के नाते मैं लालू जी को सलाह देना चाहूंगा के राज्यसभा के इसी चुनाव में वे तेजस्वी के हाथ में दल की संपूर्ण कमान सौंप दें. लालू जी को स्मरण होगा कि पूर्व में भी अनेक अवसरों पर एक से अधिक मर्तबा मैंने उनको सलाह दी होगी. लेकिन उन्होंने उनकी अनदेखी की. उसके फलस्वरूप उनका तो नुकसान हुआ ही, सामाजिक न्याय आंदोलन को भी नुकसान पहुंचा है. मैं उम्मीद करता हूं कि लालू जी मेरी सलाह का आदर करेंगे.

शिवानन्द
24 मई

सांसद सुशील मोदी ने लालू परिवार से पूछे पांच सवाल

नौकरी के बदले जमीन नहीं ली गई, तो शिवानंद ने जांच के लिए मनमोहन सिंह को क्यों दिया था ज्ञापन ?

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार और राजद से पांच सवाल पूछे हैं।

उन्होंने पूछा कि अगर लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी देने के बदले लाभार्थी से जमीन नहीं लिखवायी थी, तो शिवानंद तिवारी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग क्यों की थी ?

श्री मोदी ने पूछा- क्या यह सही नहीं कि कांति सिंह ने पटना का अपना करोड़ों का मकान और रघुनाथ झा ने गोपालगंज का अपना कीमती मकान केंद्रीय मंत्री बनवाने के बदले लालू परिवार को गिफ्ट किया था ?

श्री मोदी ने कहा, लालू प्रसाद बतायें कि उनका परिवार 141 भूखंड, 30 से ज्यादा फ्लैट और पटना में आधा दर्जन से ज्यादा मकानों का मालिक कैसे बन गया ?

श्री मोदी ने पूछा कि लालू प्रसाद ने पटना हवाई अड्डा के पास स्थित टिस्को के गेस्ट हाउस का स्वामित्व कैसे हासिल कर लिया ?

श्री सुशील मोदी ने पूछा कि लालू प्रसाद के खटाल में काम करने वाले ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी के पास करोड़ों की जमीन कहां से आयी और फिर इन लोगों ने ये कीमती भूमि राबड़ी देवी और हेमा यादव को क्यों दान कर दी?

विधान परिषद के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ललन चौधरी और रेलवे के ग्रुप-डी कर्मचारी हृदयानंद चौधरी के नाम सीबीआई की प्राथमिकी में दर्ज है।

श्री मोदी ने कहा कि शिवानंद तिवारी ने ही 2008 में लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी और जब सबूत के आधार पर कार्रवाई हो रही है, तब वे इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं।

लालू प्रसाद के ठिकानों पर छापे से आरजेडी में गुस्सा, सुरेन्द्र यादव ने साधा निशाना

जहानाबाद के पूर्व सांसद और मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। लालू प्रसाद के गोपालगंज समेत कई ठिकानों पर छापेमारी को उन्होंने प्रताड़ित करने का उपाय बताए।

सुरेंद्र यादव ने कहा कि लालू प्रसाद बीमार आदमी हैं और उनको जांच के नाम पर बैठा कर रखना इसे कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। पूर्व मंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से राजद डरने वाली नहीं है। साथ ही उन्होंने दूसरे कई दलों से यह अपील की कि ईडी और इनकम टैक्स जैसी संस्थाओं के खिलाफ एकजुट हो।

सुरेंद्र प्रसाद ने जातीय जनगणना को लेकर भी बयान दिया और कहा कि तेजस्वी ही नहीं नीतीश कुमार भी यही चाहते हैं, बाकी दल भी यही चाहता है की जातीय जनगणना हो। लेकिन बीजेपी को डर है कि कहीं जातीय जनगणना हुआ तो आंकड़े सामने आने के बाद सत्ता से दूर होना पड़ सकता है।

सुरेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी के नेता रहे स्वर्गीय श्याम नारायन यादव के पुण्य तिथि तिथि समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव की बैठक खत्म

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव की बैठक खत्म । तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनको आश्वासन दिया है कि जातीय जनगणना किसी भी हालत में कराएंगे और जल्द ही सदन की बैठक बुलाकर जातीय जनगणना को लेकर काम शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनको आश्वासन दिया है इसीलिए फिलहाल पैदल मार्च की संभावना नहीं है । उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बहुत अच्छे तरीके से बिहार में कराया जाना है इसलिए उसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने उनको आश्वासन दिया है कि जल्द ही कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया जाएगा और जाति जनगणना बिहार में होगी।

कोलकाता से पटना पहुंचे तेजस्वी यादव, कहा NRC-CAA पर हमारा स्टैंड क्लियर है, जदयू ने पक्ष में वोट दिया है अब क्या फायदा

पटना । तेजस्वी यादव कोलकाता से पटना पहुंचे । पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी पर हमारा स्टैंड क्लियर है और हम इसके विरोध में है । उन्होंने कहा कि जदयू ने CAA के पक्ष में वोट दिया है अब बोल कर क्या फायदा है।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के पटना आने का अभी फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है अभी वह डिस्चार्ज होकर लौटे हैं देखते हैं कब आते हैं।

उनसे प्रशांत किशोर के लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा उनकी मैं खबर नहीं लेता हूं कब आते हैं कहां जाते हैं इनके साथ उठते बैठते हैं और उनका खबर लेने का मतलब क्या है ।

उनके आने होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है आज तक कहीं कोई फैक्चर रहे ही नहीं है उन्होंने मीडिया पर ही कहा कि पता नहीं आप लोग पता नहीं क्यों इतना बड़ा कीर्तिमान बना रहे हैं।

प्रशांत किशोर पर जद यू का बड़ा हमला

फ्टना । जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र यादव ने जमकर हमला बोला है । विजेंद्र यादव ने साफ तौर पर कहा कि इस लोकतंत्र में किसी को भी पार्टी बनाने, यात्रा करने, नाचने और गाने की पूरी आजादी है। कौन व्यक्ति क्या कर रहा है इससे हम सभी को फर्क नहीं पड़ता है।

हम सभी बिहार के विकास के प्रति समर्पित हैं मुख्यमंत्री कुमार ने कभी भी यह दावा नहीं किया है कि बिहार विकसित राज्य है बल्कि बिहार के लिए लगातार मुख्यमंत्री 30 कुमार चिंतित रहते हैं और काम भी करते हैं।

प्रशांत किशोर ने बिहार के बदलाव के लिए युवाओं से साथ आने की कि अपील

पटना । प्रशांत किशोर ने बिहार के बदलाव के लिए युवाओं से साथ आने की कि अपील, मैं कोई राजनीतिक मंच नहीं बना रहा हूं मेरी भूमिका यह होगी कि जो जहां से जुड़े हुए हैं उनमें से एक बड़ा तबका से मिलना उनको एक साथ एक प्लेटफार्म पर लाकर खड़ा करना यही मेरी भूमिका होगी।

पिछले 4 महीनों में हमने 17000 से ज्यादा लोगों को चिन्हित किया है आने वाले 4 महीनों में मैं व्यक्तिगत तौर पर इनमें से ज्यादातर लोगों से मिलूंगा बात करूंगा और जो जन सुराज की सोच है गुड गवर्नेंस की सोच है उसको बिहार की धरती पर उतारने का प्रयास करूंगा।

पिछले 3 दिनों में हमने कई लोगों से मुलाकात की है उसमें अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोग हैं राजनीति का गैर राजनीतिक लोग भी हैं बिहार में एक सामूहिक सोच की जरूरत है।

अगले 4 महीनों में 17000 लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा अगर उनकी सहमति होगी तो इन लोगों को जन सुराजसे जोड़ा जाएगा।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर 4 महीने के अंदर इन लोगों से बातचीत के बाद अगर सोच बनती है तो किसी पार्टी की घोषणा की जा सकती है।

लोगों को आने वाले दिनों में जन सुराज को लेकर बताने का काम करूंगा 2 अक्टूबर से पश्चिम चंपारण से 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करूंगा।

मैं बिहार की जनता को आज इस मंच से आश्वासन देना चाहता हूं कि मैं आज से अपने आप को बिहार के जनता के लिए समर्पित कर रहा हूं मैं किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटूंगा।

मेरा लक्ष्य चुनाव लड़ना नहीं है बिहार में कोई चुनाव नहीं है मुख्यमंत्री बनना और जितना लोकतंत्र की एक प्रक्रिया है अगर मैं पार्टी बनाऊंगा भी तो वह प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी।

नीतीश के लिए सॉफ्ट तो तेजस्वी और बीजेपी के लिए हार्ड हुए पप्पू यादव

जहानाबाद पहुंचे पप्पू ज्यादा ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। यूपी और राजस्थान में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद पर भी उन्होंने नाम लेकर गिरिराज सिंह और राज ठाकरे जैसे नेताओं पर हमला बोला।

जाप अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिबंध करने की जरूरत है ऐसे लोगों को है जो बेवजह बयानबाजी करते हैं। परशुराम जयंती को लेकर हुए आयोजन में जिसमें तेजस्वी यादव पहुंचे थे पप्पू यादव ने निशाना साधा।

बिना नाम लिए उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और भूमिहार नेता आशुतोष के ऊपर समाज में जातीय वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया। पप्पू यादव ने कहा कि जो लोग जयंती मना रहे हैं उनको इस से कोई मतलब नहीं यह वह लोग हैं जिन्होंने समाज में वैमनस्य फैलाने का काम किया है।

वही जाती है जनगणना को लेकर कुछ दिन पहले आए तेजस्वी के बयान को लेकर भी उन्होंने जवाब दिया। पप्पू यादव ने कहा कि जब केंद्र में लालू प्रसाद सत्ता में थे तब उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई। बीपी सिंह इंद्र कुमार गुजराल और देवगौड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि जब यह लोग पीएम थे तब तेजस्वी के पिता ने यह मांग क्यों नहीं रखी?

जातीय जनगणना को लेकर राजद बड़े आन्दोलन की तैयारी में जुटा

पटना । राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बार फिर जाति जनगणना को कराने की मांग की है । वहीं उन्होंने कहा कि जाति जनगणना होने से सभी जीव जंतु और जातियों के बारे में आंकड़ा आ जाएगा इससे संविधान में योजना बनाने में काफी सहूलियत होगी।

हम लगातार संसद से लेकर विधानमंडल में भी उठाते रहे हैं लेकिन केंद्र की सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेनी होगी और जाति जनगणना करानी होगी।

हमारे नेता तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव जाति जनगणना के पक्ष में है और इसको लेकर केंद्र की सरकार के लोगों से मुलाकात भी करते रहे।

जगदानंद सिंह ने प्रशांत किशोर के राजनीति में एंट्री को लेकर जबरदस्त हमला बोला, कहा वह एक व्यापारी हैं

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रशांत किशोर के राजनीति में एंट्री को लेकर जबरदस्त हमला बोला है। जगदानंद सिंह ने हमला बोलते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के बारे सभी जानते हैं कि वह एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार के सिलसिले में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ वह अपना काम करने का काम करते हैं ।

उन्होंने बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू और कई दलों के साथ राजनीतिक व्यापार करने का काम किया है। अगर वह अगर वह नया राजनीतिक दल बनाते हैं तो उनको जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है इससे हमें कोई घबराहट नहीं है।

बिहार में किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं – सुशील कुमार मोदी

पटना । प्रशांत किशोर के नई पार्टी के गठन पर सुशील मोदी की प्रतिक्रिया बिहार में कोई भविष्य नहीं है।

  1. बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है।
    लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैंकड़ो दल पहले से हैं। अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?
  1. जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है, लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है।
prashant and sushil modi

जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?

हनुमान चालीसा पाढ़ को लेकर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने किया विरोध

बेगूसराय । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का नाम केंद्र में मोदी सरकार के 8 साल पूरा होने पर 26 मई को पूरे देश में हनुमान चालीसा करने की घोषणा का विरोध किया है। इसके साथ ही बिहार में भी लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध की मांग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।

निजी दौरे पर बेगूसराय पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी के आठ साल पूरे होने पर 26 मई को देश भर में हनुमान चालीसा करने के सवाल पर कहा कि साल पूरे होने पर हनुमान चालीसा होता है तो यह सेंटीमेंट जगाना और धार्मिक भावना जगाना है और यह राष्ट्रीय स्तर पर करना उचित नहीं है देश के हर लोग कोई हनुमान कोई राम कोई अन्य भगवान पर आस्था रखते हैं लेकिन पूरे देश में अभियान चलाकर देश स्तर पर हनुमान चालीसा किया जाता है यह उचित नहीं है भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

मांझी ने बिहार में यूपी के तर्ज पर लाउडस्पीकर प्रतिबंध के सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में ही लाउडस्पीकर का मनाक तय कर दिया था ऐसे में मस्जिद हो या मंदिर हो या डीजे हो सभी जगह यह नियम लागू होना चाहिए केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार हो उसको सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए बिहार के मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि वेवजह इस मामले को तूल दिया जा रहा है।

बिहार की राजनीति किस करवट लेगी कहना मुश्किल है लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है

कॉमन सिविल कोड मसले पर जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। हमारा देश विभिन्नताओं से भरा हुआ है। ऐसे में यहां कॉमन सिविल कोड की जरूरत नहीं है।

यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है और कहां है कि इस तरह इतिहास से आने वाले पीढ़ी को अलग करना कही से भी सही नहीं है और बिहार सरकार इसके पक्षधर नहीं है ।

सीबीएसई से पहले बिहार के कई विश्वविद्यालय में इसी तरह पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया था जिसको लेकर बड़ा बवाल मचा था ।वही कहा ये जा रहा है कि मॉनसून सत्र में नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाने वाले हैं मतलब तकरार जारी रहेगा ऐसा साफ दिख रहा है ऐसे में गठबंधन कब तक बना रहेगा कयास लगाना मुश्किल है वैसे यह तय है कि नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ेंगे समय और तारीख नीतीश को तय करना है बीजेपी भी यह समझ रही है लेकिन बीजेपी के अंदर बिहार के नेतृत्व को लेकर जो खेला शुरु हुआ है वो नीतीश को मजबूती प्रदान करने लगा है ।

विधान परिषद चुनाव और बोचहा उपचुनाव में हार की समीक्षा करेगा एनडीए-सुशील कुमार मोदी

विधान परिषद चुनाव और बोचहा उपचुनाव में हार की समीक्षा करेगा एनडीए – सुशील कुमार मोदी

  1. बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है।
    एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियांँ दूर की जा सकें।

  1. बोचहा विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था। पूरी ताकत लगायी गई थी।
    सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की।
    इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था।
    इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।
  1. वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था।
    गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था।
  2. बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी।
    अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।

बोचहा उपचुनाव में मिला जनादेश स्वीकार, हार की समीक्षा होगी – डॉ संजय जायसवाल

पटना, 16 अप्रैल, 2022 । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि बोचहा में मिला जनादेश स्वीकार है। उन्होंने बोचहा से विजयी प्रत्याशी अमर पासवान को बधाई और शुभकामना भी दी।

डॉ जायसवाल ने कहा पार्टी किसी भी जनादेश को सहर्ष स्वीकार करती है। बोचहा में मिला लोगों का आदेश स्वीकार है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने एनडीए के प्रत्याशी को समर्थन दिया उनका आभार।

उन्होंने कहा कि इस परिणाम से पार्टी परेशान नहीं है, बोचहा परिणाम की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद फिर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

भाजपा अध्यक्ष ने माना कि हम अपनी बातों को बोचहा के मतदाताओं को सही ढंग से समझा नहीं पाए, इस कारण यह परिणाम आया।

डॉ संजय जायसवाल
डॉ संजय जायसवाल

उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार संघर्ष के बाद यहां पहुंची है, इसलिए संघर्ष से हम पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा कि इस परिणाम से सरकार पर कोई असर नही पड़ने वाला है। बहरहाल चुनाव समाप्त हो चुका है और अब जरूरत उसके आगे देखने की है।

वक्त अब जनता से किए वादे को पूरा करने का है। समय अब राजनीतिक प्रतिद्वंदिता से ऊपर उठ कर बोचहां को विकास पथ पर आगे बढ़ाने का है। विजयी प्रत्याशी अमर पासवान जी को भारतीय जनता पार्टी परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनायें हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे ऐतिहासिक कार्य बोचहां में सफलतापूर्वक जमीन पर उतरेंगे।