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जातिय गणना पेपर सर्वे के बजाय ई-सर्वे टेबलेट के माध्यम से कराया जाना चाहिए – सुशील मोदी

जातिय गणना पेपर गणना नहीं बल्कि ई-गणना टेबलेट के माध्यम से कराई जाए
• आर्थिक और जातिय के साथ-साथ सामाजिक मुद्दे से जुड़े प्रश्नों के आधार पर सर्वेक्षण हो
• राजनैतिक दबाव में जल्दबाजी नहीं बल्कि पूरी तैयारी के साथ सर्वे किया जाए

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान जारी कर बिहार सरकार को सुझाव दिया है कि प्रस्तावित जातिय गणना पेपर सर्वे के बजाय इलोक्ट्रोनिक सर्वे या ई-सर्वे के माध्यम से कराया जाना चाहिए जिसमें प्रगणक टेबलेट के माध्यम से सारी सुचना एकत्र करेंगे ताकि रियल टाइम आंकड़े अपलोड किया जा सके । साथ ही जनगणना 2022 एवं बिहार की जातिय गणना एक समय में न हो।

श्री मोदी ने कहा कि 2021 कि जनगणना ई – सेन्सस होने जा रही है । उसी तर्ज पर प्रत्येक जिले कि जातियों – उप जातियों को कोडिंग कर, ड्राप डाउन मेनू के माध्यम से जातिय गणना करने के लिए साफ्टवेयर विकसित किया जाय ताकि मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो सके ।

श्री मोदी ने कहा कि यह सर्वे केवल आर्थिक और जातिय ही नही बल्कि सामाजिक भी होना चाहिए । प्रत्येक जाति कि स्थिति का आकलन करने के लिए प्रत्येक परिवार कि शिक्षा, दिव्यांगता, ग्रसित बीमारियाँ , पशु-धन , चल -अचल सम्पति , रोजगार, भूमि की उपलब्धता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े प्रश्नों की सूची तैयार कर पूछा जाना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि अन्य दलों के दबाव में जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है बल्कि पूरी तैयारी, प्रशिक्षण, मार्गदर्शिका निर्माण, प्रश्न-सूची, सोफ्टवेयर, टेबलट की व्यवस्था कर ही सर्वे किया जाना चाहिए।

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