पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से एक समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं, तब पार्टी ने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने श्रीरामचरित मानस की निंदा कर हिंदू समाज की भावनाओं को आहत किया, तब उनके खिलाफ कार्रवाई करने में नीतीश कुमार अपनी बेचारगी जाहिर कर रहे हैं।
- नूपुर शर्मा पर भाजपा ने तुरंत की थी कार्रवाई
- चंद्रशेखर और सुधाकर सिंह के जरिये राजद ने नीतीश को कृपा पात्र बनाया
- सुधाकर सिंह को देर से दिया गया नोटिस सिर्फ दिखावा
श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री इतने कमजोर हो चुके हैं कि चंद्रशेखर को बर्खास्त करना तो दूर, उनसे लिखित स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा।
उन्होंने कहा कि अगर चंद्रशेखर ने नीतीश कुमार के “समझाने” पर भी अपना बयान वापस नहीं लिया, बल्कि उस पर अड़े हुए हैं, तो जाहिर है कि मुख्यमंत्री कितने कमजोर हो चुके हैं। वे अब केवल राजद की कृपा से कुर्सी पर बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने किसी सरकारी कार्यक्रम में नहीं, बल्कि एक निजी टीवी चैनल पर बहस के दौरान भगवान शंकर पर अभद्र टिप्पणी करने के जवाब में अपनी बात इस्लामी किताबों के हवाले से कही थी, फिर भी उन्हें दंडित किया गया।
श्री मोदी ने कहा कि राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर ने तो दीक्षांत समारोह जैसे सरकारी और गरिमामय कार्यक्रम में बिना किसी उकसाने के मानस को “नफरत फैलाने वाला ग्रंथ” बताकर करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर आघात किया, फिर भी उनके विरुद्ध सरकार और उनकी पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह रवैया महागठबंधन के हिंदू-विरोधी दुराग्रह की पराकाष्ठा है।
श्री मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर और सुधाकर सिंह के बयान नीतीश कुमार को लगातार कमजोर बना रहे हैं। इन दोनों पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का वरदहस्त है।
उन्होंने कहा कि राजद ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस देने में 15 दिन देर की और जवाब देने के लिए भी 15 दिन का लंबा समय दे दिया। नोटिस केवल दिखावा है।