कृषि कानून वापस लेने का फैसला अन्नदाता का दिल जीतने वाला
- सुशील कुमार मोदी
- प्रधानमंत्री के बड़प्पन ने उन्हें स्टेट्समैन बनाया
- विपक्ष इसे हार-जीत के
क्षुद्र नजरिये से न देखे - दिल्ली में बिना शर्त धरना
समाप्त कर घर लौटें किसान
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब,हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के एक वर्ग की भावना का सम्मान करते हुए संसद से पारित कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर बड़प्पन दिखाया।
यह गुरु परब पर सद्भाव का प्रकाश फैलाने वाला ऐसा निर्णय है, जो प्रधानमंत्री मोदी को चुनावी राजनीति से ऊपर उठता हुआ कद्दावर स्टेट्समैन सिद्ध करता है।
इस ऐतिहासिक पहल को किसी की जीत-हार के रूप में लेने की क्षुद्रता नहीं होनी चाहिए। - हालांकि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में थे, सरकार किसान प्रतिनिधियों से 11 चक्र में बातचीत कर इसमें और सुधार करने पर सहमत थी और सुप्रीम कोर्ट ने इनके क्रियान्वयन को स्थगित भी कर दिया था, फिर भी इन कानूनों को एक झटके में वापस लेना राजनीतिक नफा-नुकासान, दलगत मान-अपमान और तर्क-वितर्क से ऊपर उठकर अन्नदाता का दिल जीतने वाला निष्कपट कदम है।
अब आंदोलनकारियों को अपना हठ छोड़कर बिनाशर्त धरना समाप्त कर घर लौटना चाहिए।