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त्रिपुरा सहित तीनों राज्यों में भाजपा एवं उसके गठबंधन की सफलता के लिए पीएम मोदी को बधाई: सुशील मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उत्तर-पूर्व के तीनों राज्यों में सहयोगी दलों के साथ भाजपा का दोबारा सत्ता में लौटना 2024 के लोकसभा चुनाव का पहला ट्रेलर है। इस शानदार सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को बधाई।

  • त्रिपुरा सहित तीनों राज्यों में भाजपा एवं उसके गठबंधन की सफलता के लिए पीएम मोदी को बधाई
  • नगालैंड में ललन सिंह ने झोंकी थी पूरी ताकत, बिहार के मंत्री कैंप कराये थे,फिर भी जीते मात्र एक सीट
  • परस्पर विरोधी कांग्रेस और माकपा मिलकर भी भाजपा को नहीं रोक पाए

श्री मोदी ने कहा कि जदयू पूरी ताकत लगाकर नागालैंड की एक सीट बड़ी मुश्किल से जीत पाया। वहाँ ललन सिंह ने बिहार के आधा दर्जन मंत्रियों को कैंप कराया था।

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उन्होंने कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा को 35 साल के कम्युनिस्ट शासन से मुक्ति दिलायी और विकास कार्यों के बल पर दोबारा जनादेश प्राप्त किया।

श्री मोदी ने कहा कि जिस नार्थ-ईस्ट के कई इलाके ईसाई-बहुल हैं और केंद्र की पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण उग्रवादग्रस्त थे, वहाँ मात्र आठ साल में भाजपा बड़ी राजनीतिक ताकत बन गई।

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उन्होंने कहा कि केरल में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ने वाली कांग्रेस और माकपा त्रिपुरा में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़े। फिर भी विपक्ष भाजपा का रथ रोक नहीं पाया।

श्री मोदी ने कहा कि नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में कांग्रेस जीरो से पांच सीट तक सिमट गई।

पटना हाइकोर्ट के जज जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय का आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया

पटना हाइकोर्ट के जज जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय का आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया।जस्टिस उपाध्याय किडनी की समस्या से पीड़ित थे और उनका ईलाज चल रहा था।

जस्टिस उपाध्याय का जन्म 4 दिसम्बर,1962 को हुआ था।उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से एल एल बी और एल एल एम की डिग्री ली।उन्होंने पटना के कामर्स कालेज में अंशकालिक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य किया।उन्होंने पटना लॉ कॉलेज, पटना में भी अंशकालिक शिक्षक के रूप में कार्य किया।

चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में 2007 से 2017 कार्य किया।राज्य सरकार कर स्टैंडिंग कॉउन्सिल के पद पर 2010 से 2017 तक कार्य किया।

उन्होंने 22 मई, 2017 को पटना हाइकोर्ट के जज के रूप कार्यभार ग्रहण किया।उनकी प्रतिभा,विद्वता और कार्य करने की क्षमता की बहुत थी।इसी बीच उन्हें किडनी की बीमारी का पता चला।उनके किडनी का प्रत्यारोपण हो गया था। लेकिन आज सुबह उनका निधन हो गया।

Bihar ka Budget 2023: नीतीश सरकार ने पेश किया 261885.40 करोड़ का बजट; 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना, पढ़ें बजट की मुख्य बातें…

पटना। बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बजट विधानसभा में पेश करते हुए दावा किया राज्य की वित्तीय स्थिति बेहतर है। वर्ष 2023-24 के लिए 2,61,885.40 करोड़ रुपये का कुल प्रस्तावित बजट व्यय, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में “24,194.21 करोड़ रुपये अधिक” है।

बिहार बजट 2023 (Bihar ka Budget 2023) की मुख्य बातें

  • राजस्व बढ़ा, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में
  • बिहार में बंपर बहाली की घोषणा, 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना सरकार की है
  • बिहार में कुल 9 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे
  • पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पदों की मंजूरी मिली है
  • स्कूलों में 40506 प्रधान शिक्षकों की बहाली होगी
  • इंजीनियरिंग कॉलेज में 522शिक्षक बहाल किए जाएंगे
  • शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर धनवर्षा, महिलाओं पर फोकस, कोई नया टैक्स नहीं
  • तलाकशुदा अल्पसंख्यक महिलाओं को सहायता राशि बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है
  • नारी शक्ति योजना के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग के प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली महिला अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी के लिए क्रमशः 1 लाख और 50 हचार की राशि दी जाएगी
  • पूर्णिया व मुजफ्फरपुर में खादी मॉल बनाने की योजना 
  • कजरा-पिपरैती में सौर ऊर्जा प्लाट लगाने का प्रस्ताव
  • सोलर लाइट के लिए 392 करोड़ का प्रावधान
  • राज्य में बढ़ा निवेश, 17 एथेनॉल इकाइयां निर्माणाधीन
  • 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन
  • पशुधन मछली पालन के लिए 525.38 करोड़ का प्रावधान
  • मई में पूरी होगी जातीय जनगणना

पटना हाईकोर्ट में राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों के स्थिति के सम्बन्ध दायर जनहित याचिका पर 2 मार्च,2023 को सुनवाई होगी

पटना हाईकोर्ट में राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों के स्थिति के सम्बन्ध दायर जनहित याचिका पर 2 मार्च,2023 को सुनवाई होगी। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि इन लॉ कालेजों में जो प्रिंसिपल और शिक्षक कार्य कर रहे है, वे यूजीसी के मानदंडों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता रखते है।उन्होंने बताया कि ये शिक्षक यूजीसी द्वारा नेट की परीक्षा बिना पास किये पद पर बने हुए।इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपल भी पीएचडी की डिग्री प्राप्त नहीं किया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह बताने को कहा था कि राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में नेट की परीक्षा पास किए शिक्षकों को क्यों नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही है।

कोर्ट ने बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से ये जानना चाहा था कि राज्य के लॉ कॉलेज में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लॉ कालेजों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति होना आवश्यक है।

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कोर्ट को अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति बहुत दयनीय है।वहां बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है।

बीसीआई के निर्देश और जारी किए गए गाइड लाइन के बाद भी बहुत सुधार नहीं हुआ है।बीसीआई के निरीक्षण के बाद भी बहुत सारे कालेज निर्धारित मानकों को नहीं पूरा कर रहे है।

इससे पूर्व कोर्ट ने बीसीआई के अनुमति/ अनापत्ति प्रमाण मिलने के बाद ही सत्र 2021- 22 के लिए राज्य के 17 लॉ कालेजों को अपने यहां दाखिला लेने के लिए अनुमति दी थी।

पूर्व में हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बिहार के सभी 27 सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों में नए दाखिले पर रोक लगा दी थी। बाद मे इस आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए 17 कॉलेजों में सशर्त दाखिले की मंजूरी दे दी थी।

उस समय हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि दाखिला सिर्फ 2021-22 सत्र के लिए ही होगा।कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगले साल के सत्र के लिए बीसीआई से फिर मंजूरी लेनी होगी।

उस समय कोर्ट ने इन कालेजों का निरीक्षण कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश देते हुए कहा था कि जिन लॉ कालेजों को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी गई है, वहां की व्यवस्था और उपलब्ध सुविधाओं को भी देखा जायेगा।

सुनवाई के समय समय याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार एवं रितिका रानी, बीसीआई की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने कोर्ट में अपने अपने पक्षों को प्रस्तुत किया।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 2 मार्च, 2023 को फिर की जाएगी।

राज्य के विभिन्न अधिवक्ता संघों में होने जा रहे चुनाव में बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों पर पटना हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कड़ा विरोध जताया है

राज्य के विभिन्न अधिवक्ता संघों में होने जा रहे चुनाव में बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों पर पटना हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कड़ा विरोध जताया है।इन दिशानिर्देशों को बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने बिहार स्टेट बार काउंसिल द्वारा जारी किया गया है ।

श्री वर्मा ने बिहार स्टेट बार काउंसिल द्वारा जारी उन दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई है, जिसमें आगामी अधिवक्ता संघों के चुनाव में केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को मतदाता सूची में शामिल करने की बात कही गई है जो अधिवक्ता पिछले पाँच वर्षों में प्रत्येक साल कम से कम पाँच मामलों में अपनी हाजिरी दे चुके हैं ।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यह दिशानिर्देश फर्जी मतदाताओं को मतदान से रोकने के लिए जारी किया है।बार काउंसिल का यह कथन है कि जो अधिवक्ता लाइसेंस लेकर दूसरे व्यवसाय में लगे हुए हैं ,उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिए ।

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वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बार काउंसिल द्वारा जारी इस दिशानिर्देश पर कहा कि यह एडवोकेट्स एक्ट एवं बार काउंसिल नियमों के विरुद्ध है । उन्होंने कहा कि जो भी अधिवक्ता स्टेट बार काउन्सिल में नामांकित हैं,उन्हें वोट देने का अधिकार है । ऐसे दिशानिर्देशों को परिपत्र के माध्यम से अस्तित्व में नहीं लाया जा सकता, जब तक कानून में संशोधन न किया जाए।

उन्होंने इन दिशानिर्देशों को वकीलों के अहित में बताया।
उन्होंने कहा कि अगर ये सर्कुलर लाना था,तो अधिवक्ता संगठनों से व्यापक विचार विमर्श करना चाहिए था। ।

बिहार में गलवान में शहीद हुए बेटे के पिता को गिरफ्तार कर पुलिस ने जमकर पीटा

पटना/वैशाली । बिहार के एक सैनिक के पिता, जो 2020 गलवान घाटी की झड़प में शहीद हुए सेना के जवान जय किशोर सिंह के पिता की पिटाई की गई। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि बिहार में सरकारी जमीन पर अपने बेटे के लिए एक स्मारक बनाने के लिए जय किशोर सिंह के पिता की पिटाई की गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि जय किशोर सिंह के पिता को वैशाली के जंदाहा में सरकारी भूमि पर अपने बेटे के लिए एक स्मारक बनाने के लिए पुलिस ने उनकी पिटाई की है।

गिरफ्तारी ने बिहार के वैशाली में सैनिक के गांव में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज में पुलिस सिपाही जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह को गांव से घसीटते हुए दिख रही है। परिवार का आरोप है कि उसे पुलिस ने पीटा है।

शहीद जय किशोर सिंह के भाई का कहना है कि डीएसपी मैम ने दौरा किया था और हमें 15 दिनों के भीतर मूर्ति हटाने के लिए कहा था। बाद में थाना प्रभारी हमारे घर आए और मेरे पिता को गिरफ्तार कर लिया और मारपीट भी की। मैं भी एक सशस्त्र बल का जवान हूं। पुलिस की इस तरह की बर्बर कार्रवाई से वे आहत हैं।

GalwanMartyr Statue

उन्होंने दावा किया, “वे रात के अंधेरे में आए और उसे इस तरह गिरफ्तार किया जैसे वह कोई आतंकवादी हो।”

हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि यह मामला अवैध अतिक्रमण के मुद्दे से जुड़ा है, जो भूस्वामी के अधिकारों का उल्लंघन था।

पुलिस अधिकारी पूनम केसरी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई की कि सिपाही के स्मारक ने एक पड़ोसी के खेत तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था।

अधिकारी ने कहा, “उन्होंने एक स्मारक बनाया, फिर रातोंरात इसके चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी गईं। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण था। उन्हें बार-बार अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया।”

स्थानीय लोगों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए।

पटना हाइकोर्ट ने पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई करते हुए निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा है कि निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा

पटना हाइकोर्ट ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा है कि निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र,राज्य सरकार,एनएचएआई और अन्य सम्बंधित पक्षों को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।सम्बंधित पक्षों ने कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया है।

पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य कर रही कम्पनियों ने कोर्ट को बताया कि 31मार्च,2023 तक फेज एक का अधिकांश कार्य पूरा कर लिया जाएगा।साथ ही इस राजमार्ग के निर्माण कार्य को लगभग 30 जून, 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है, ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है।उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत हैं।

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इससे पूर्व अधिवक्ताओं की टीम ने खंडपीठ के समक्ष पटना गया डोभी एनएच का निरीक्षण कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वकीलों की टीम को इस राजमार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फेज 2 के निर्माण में उत्पन्न कर रही बाधाओं और अतिक्रमण को राज्य सरकार शीघ्र हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।कोर्ट ने इसके लिए आवश्यक पुलिस बल और व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश सबंधित ज़िला प्रशासन को दिया है।

पूर्व में भी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने वाली कंपनी ने इसका निर्माण कार्य 30 जून,2023 तक पूरा करने का अश्वासन कोर्ट को दिया था।साथ ही कोर्ट ने इस फेज के निर्माण में बाधा उत्पन्न होने वाले सभी अवरोधों को तत्काल हटाने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया था।

कोर्ट को पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के फेज दो व तीन के निर्माण में लगी निर्माण कंपनी ने बताया था कि पटना गया डोभी एनएच के निर्माण में कई जगह बाधा उत्पन्न किया जा रहा है।

इस मामलें पर 3अप्रैल,2023 को फिर सुनवाई की जाएगी।

भाजपा नहीं, लालू प्रसाद के एजेंडा पर ही काम कर रहे सुधाकर सिंह: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह भाजपा नहीं, लालू प्रसाद के एजेंडे पर ही पूरी निष्ठा से काम करते हुए नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे हैं।

  • तेजस्वी की ताजपोशी की तारीख बताएँ नीतीश,बयानों से दबाव बना रहा राजद
  • सुधाकर पर कार्रवाई के लिए तेजस्वी सक्षम, सिद्दीकी की सेहत बहाना

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश-लालू डील का मुख्य एजेंडा इसी साल तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाना है, जबकि नीतीश कुमार इससे मुकरते हुए राजकुमार की ताजपोशी को 2025 तक टालना चाहते हैं।

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उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह तीन महीने से मुख्यमंत्री की आलोचना कर रहे हैं, फिर भी राजद ने नोटिस जारी करने के अलावा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

श्री मोदी ने कहा कि सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने में स्वयं तेजस्वी यादव सक्षम हैं, लेकिन इसे टालने के लिए कभी लालू प्रसाद के सिंगापुर में होने और कभी अब्दुल बारी सिद्दिकी की सेहत का बहाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह राजद विधायकों की भावनाएँ व्यक्त करते हुए तेजस्वी को सीएम बनाने की तिथि घोषित कराना चाहते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी को गद्दी सौंपने की घोषणा तो की, लेकिन तारीख नहीं बतायी, इसीलिए सुधाकर सिंह के जरिये दबाव बनाया जा रहा है।

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में एयरपोर्ट के स्थापित करने,विकास, और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को राज्य के एयरपोर्ट और हवाई पट्टियों के आस पास अवैध अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में एयरपोर्ट के स्थापित करने,विकास, और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सुनवाई की।एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इन मामलों पर सुनवाई राज्य सरकार को राज्य के एयरपोर्ट और हवाई पट्टियों के आस पास अवैध अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया। साथ ही अगली सुनवाई में कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया इस मामलें में कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय के सम्बंधित अधिकारी से सहयोग करेंगे।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से ये बताने को कहा कि राज्य में नए एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें क्या कार्रवाई की गई।दोनों सरकारों को बताने को कहा गया कि वे बताए कि इनके सम्बन्ध में क्या प्रस्ताव बना रहे है।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने जानना चाहा था कि कार्यरत एयरपोर्ट पटना,गया,बिहटा और दरभंगा के एयरपोर्ट के विकास,विस्तार और सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की क्या योजना है।बहुत सारी सुविधाओं की कमी है।इन्हें बेहतर बनाने के क्या कार्रवाई की जा रही है।

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इससे पूर्व में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए केंद्र और राज्य सरकार को पटना और बिहटा में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने को कहा था। तत्कालीन चीफ संजय करोल की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में अभिजीत कुमार पाण्डेय की जनहित याचिका पर फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य की जनता को विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा की सुविधा दिया जाना मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है।केंद्र और राज्य सरकार इन्हें विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामलें पर सुनवाई की। रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एसीजे जस्टिस सी एस सिंह ने राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं।साथ ही वे वेतन उठा रहे है।

इससे पूर्व कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक है,उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी।

26अगस्त,2019 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इस आदेश के बाद भी बड़ी संख्या में इस तरह के शिक्षक कार्यरत है और वेतन ले रहे है।कोर्ट ने मामलें को निगरानी विभाग को जांच के लिए सौंपा।उन्हें इस तरह के शिक्षकों को ढूंढ निकालने का निर्देश दिया।

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31जनवरी,2020 के सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है,लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

साथ ही ये भी पाया गया कि 1316 शिक्षक बिना वैध डिग्री के नियुक्त किये गए।कोर्ट ने इस मामलें को काफी गम्भीरता से लिया।कोर्ट ने सम्बंधित विभागीय सचिव से हलफनामा दायर कर स्थिति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।

आज कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया।इस मामलें पर अगली सुनवाई 13मार्च,2023 को होगी।

गोलवलकर की किताब में कहीं दलित विरोध नहीं, झूठ बोल रहे लालू प्रसाद: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गोयबल्स के चेले लालू प्रसाद झूठ बोलने में वर्ल्ड चैम्पियन हैं, इसलिए वे बिना प्रमाण के कुछ भी बोल सकते हैं।

  • कहा, यदि उनके आरोप सही तो राज्यसभा से इस्तीफा दे दूँगा
  • पीएम मोदी के रहते कोई खत्म नहीं कर सकता आरक्षण
  • भाजपा ने दिया अतिपिछड़ा वर्ग का पहला प्रधानमंत्री, बाकी सभी उसके खिलाफ
  • मानस निंदा और मंदिर प्रवेश के जरिये दलित कार्ड खेल रहा राजद

    श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक और मनीषी विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर की पुस्तक “बंच ऑफ थॉट्स” में दलितों और उनके काशी विश्वनाथ मंदिर प्रवेश के विरुद्ध कोई बात नहीं कही गई है। लालू प्रसाद ने विद्वेष फैलाकर हिंदू समाज को बाँटने के लिए झूठी बात कही।

    उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद अपना आरोप साबित कर दें, तो मैं राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दूँगा।

    श्री मोदी ने कहा कि भाजपा ने पहली बार देश को अतिपिछड़ा समाज का सुयोग्य प्रधानमंत्री दिया, जबकि बाकी सभी दल उन्हें हटाना चाहते हैं।

    उन्होंने कहा कि नरेंद्र भाई मोदी के पीएम रहते कभी आरक्षण व्यवस्था समाप्त नहीं हो सकती। लालू प्रसाद इस मुद्दे पर भी 2015 से लगातार झूठ बोल रहे हैं।

    Lalu and Modi

    उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने दलितों-पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराये। वे आज भी महिला आरक्षण और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं।

    श्री मोदी ने कहा कि जनता लालू प्रसाद का आरक्षण-विरोधी चेहरा देख चुकी है, इसलिए 2019 के संसदीय चुनाव में राजद का सूपड़ा साफ हो गया था।

    उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछड़ों का अपार समर्थन मिल रहा है और हमारे सबसे ज्यादा सांसद इसी वर्ग से हैं।

    श्री मोदी ने कहा कि आज मंडल और कमंडल , दोनों भाजपा के साथ हैं। इस व्यापक जनाधार से हताश राजद कभी अपने कोटे के मंत्री से श्रीरामचरित मानस की निंदा करा कर और कभी मंदिर प्रवेश का फर्जी मुद्दा उठाकर दलित कार्ड खेलने की कोशिश करता है। पूर्णिया रैली भी हताशा से उबरने की नाकाम कोशिश थी।

    मात्र 200ML शराब पकड़े जाने के आरोप में एक नई गाड़ी को नीलाम व राज्यसात कर देने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई

    पटना हाइकोर्ट ने मात्र 200 मिलीलीटर शराब पकड़ जाने के आरोप में एक नई मारुति वैगनआर गाड़ी को नीलाम व राज्यसात कर देने के मामले पर पटना हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने बेगूसराय के डीएम को आदेश दिया कि वह गाड़ी के मालिक को 50 हज़ार रुपये मुआवजा के साथ उस गाड़ी के इंश्योरेंस मूल्य के बराबर की रकम भी गाड़ी के मालिक को दें।

    याचिकाकर्ता अंजनी झा की रिट याचिका को मंजूर करते हुए ये फैसला सुनाया।ये मामला बेगूसराय के मुफस्सिल थाना अंतर्गत जून, 2021 में जब्त हुए मारुति वैगनआर को शराबबंदी कानून की आड़ मे आनन-फानन में नीलाम करने का है।

    याचिकाकर्ता जप्त हुए गाड़ी का मालिक था। इस मारुति वैगन आर गाड़ी को पुलिस ने इस आरोप पर पकड़ा था कि उस पर सवार सात व्यक्ति के पास 200 मिलीलीटर विदेशी शराब थी।

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    #PatnaHighCourt

    कोर्ट ने पूरी नीलामी प्रक्रिया को शराबबन्दी कानून के खिलाफ मानते हुए उक्त कारवाही को अवैध ठहराया।हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वह इस मामले की जांच करें और जिस भी अफसर की गलती पकड़ी जाए ,उसके खिलाफ कार्रवाई करें ।

    PatnaHighCourt News: कोर्ट ने पटना स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस को याचिकाकर्ता के लिए फ्रेस पासपोर्ट जारी करने के आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया

    पटना हाईकोर्ट ने पासपोर्ट जारी करने के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय लेने के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया है। जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की पीठ ने निदा अमीना अहमद द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश को पारित किया।

    कोर्ट ने पटना स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस को याचिकाकर्ता के लिए फ्रेस पासपोर्ट जारी करने के आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जन्म तिथि को आईसीएसई द्वारा जारी बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर चार सप्ताह में सुधार करने को कहा है।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट ने म्यूनिसिपल ऑथोरिटी को भी याचिककर्ता के सही जन्म तिथि को रिकॉर्ड करने को कहा है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने ऐसे लंबित आवेदन समेत भविष्य में आने वाले ऐसे आवेदन पर कार्रवाई करने हेतु उम्मीद जताया है।

    सुरेंद्र यादव को मंत्री पद से बर्खास्त करें नीतीश, देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो : सुशील मोदी

    पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सेना और अग्निवीरों पर अमर्यादित बयान देने वाले मंत्री सुरेंद्र यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए।

    किसी को सेना और अग्निवीरों का अपमान करने की छूट नहीं

    श्री मोदी ने कहा कि आपराधिक प्रवृत्ति के सुरेंद्र यादव पर हत्या-अपहरण जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। ऐसे व्यक्ति को अग्निवीरों का मनोबल तोड़ने का कोई नैतिक अधिकार नहीं।

    उन्होंने कहा कि अग्निवीर भर्ती योजना के प्रति देशभक्त युवाओं ने देश भर में जो उत्साह दिखाया, उससे विपक्ष की छाती फट रही है।

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    श्री मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे और अग्निवीर योजना पर भ्रम फैलाकर बिहार में रेलवे की करोड़ो की सम्पत्ति नष्ट करायी, वे अब भी बाज नहीं आ रहे।

    उन्होंने कहा कि सुरेंद्र यादव ने कुढनी उपचुनाव में महागठबंधन की हार पर इस्तीफा दे देने की बात कही थी, लेकिन वे अपने बयान से मुकर गए।

    सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट के सात जजों के GPF अकाउंट बंद होने के मामलें पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा

    पटना हाइकोर्ट के सात जजों के जीपीएफ अकाउंट बंद होने के मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। इस मामलें पर चीफ जस्टिस डी बाई चन्द्रचूड़ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष ये मामला जब आया, तो उन्होंने पूछा कि मामला क्या है।जजों के जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया गया है।

    कोर्ट ने जानना चाहा कि ये याचिका किसके द्वारा दायर की गई,तो याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने चीफ जस्टिस चन्द्रचूड को बताया गया था कि पटना हाइकोर्ट के सात जजों ने याचिका दायर की है।

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    पटना हाइकोर्ट के सात जजों ने जीपीएफ अकाउंट बंद होने के मामलें में याचिका दायर की है।इनके नाम जस्टिस शैलेन्द्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जीतेन्द्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पाण्डेय, जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा,जस्टिस चन्द्रप्रकाश सिंह और जस्टिस चन्द्रशेखर झा है।

    पटना हाइकोर्ट में पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई 27 फरवरी,2023 को की जाएगी

    पटना हाइकोर्ट में पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई 27फरवरी,2023 को की जाएगी। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र,राज्य सरकार,एनएचएआई और अन्य सम्बंधित पक्षों को हलफनामा दायर करने के लिए 24फरवरी,2023 तक का समय दिया था।

    इससे पूर्व अधिवक्ताओं की टीम ने खंडपीठ के समक्ष पटना गया डोभी एनएच का निरीक्षण कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वकीलों की टीम को इस राजमार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

    वकीलों की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य के निरीक्षण किया था। कोर्ट ने निर्माण कार्य में लगायी गई मशीन और मानव संसाधन के सम्बन्ध में भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फेज 2 के निर्माण में उत्पन्न कर रही बाधाओं और अतिक्रमण को राज्य सरकार शीघ्र हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।कोर्ट ने इसके लिए आवश्यक पुलिस बल और व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश सबंधित ज़िला प्रशासन को दिया है।

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    पिछली सुनवाइयों में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने वाली कंपनी ने इसका निर्माण कार्य 30 जून,2023 तक पूरा करने का अश्वासन कोर्ट को दिया था।साथ ही कोर्ट ने इस फेज के निर्माण में बाधा उत्पन्न होने वाले सभी अवरोधों को तत्काल हटाने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया था।

    पिछली सुनवाई कोर्ट ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के फेज दो व तीन के निर्माण में लगी निर्माण कंपनी ने कोर्ट को बताया था कि पटना गया डोभी एनएच के निर्माण में कई जगह बाधा उत्पन्न किया जा रहा है।

    इस मामलें पर 27फरवरी,2023 को सुनवाई की जाएगी।

    पटना हाई कोर्ट ने एनएच 80 (मुंगेर से मिर्जापुर चौकी) के निर्माण में हो रहे विलम्ब के मामले पर सुनवाई की

    पटना हाई कोर्ट ने एनएच 80 (मुंगेर से मिर्जापुर चौकी) के निर्माण में हो रहे विलम्ब के मामले पर सुनवाई की । एसीजे जस्टिस सी एस सिंह एवं जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने प्रणव कुमार झा की लोकहित याचिका पर सुनवाई की।

    कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि संभव हो तो संबंधित पदाधिकारी इस एनएच के री-अलाइनमेंट के लिए में कोई समाधान निकालें ,ताकि पक्के मकानों को टूटने से बचाया जा सके।

    कोर्ट को बताया गया कि इस एनएच के निर्माण में 2.5 किलोमीटर में स्थित करीब 80 पक्का मकानों को ध्वस्त करना पड़ेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि जहां अतिक्रमण है ,वहां एनएचएआई एलिवेटेड रोड बनाने के संबंध में जवाब दे ।

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    याचिका की सुनवाई के दौरान भू- स्वामियों की तरफ से बताया गया कि भू- अधिग्रहण में उन्हें जमीन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।इस पर हाईकोर्ट ने संबंधित जिलाधिकारी को सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मुआवजा राशि का वितरण कैम्प लगा कर दिया जा सके ।

    कोर्ट ने इस एनएच के निर्माण हेतु जमीन का अधिग्रहण नहीं किये जाने पर जिला भूअर्जन पदाधिकारी को जमीन अधिग्रहण का काम जल्द पूरा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान हल करने का निर्देश दिया।

    गौरतलब है कि अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया था कि मुंगेर जिला में नियमित भूअर्जन पदाधिकारी के नहीं रहने से राष्ट्रीय राज मार्ग के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही हैं।

    इस मामले की अगली सुनवाई 7अप्रैल,2023 को होगी।

    महागठबन्धन की पूर्णिया रैली मुस्लिम वोटों को एकजुट रखने की कवायद: सुशील मोदी

    पटना। राज्य के पूर्व उप-मुख्य मंत्री एवं राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने आज एक बयान में कहा कि कांग्रेस के 24-25 फरवरी से रायपुर में हो रहे खुला महाधिवेशन के दौरान ही बिहार में 25 फरवरी को महागठबन्धन ने पूर्णिया में रैली रख दी ताकि कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हो सके।

    श्री नीतीश कुमार कांग्रेस से बदला ले रहे हैं। श्री नीतीश कुमार को कांग्रेस ने भाव नहीं दिया और सोनियाजी से जब नीतीश -लालू मिलने गए तो उन्हें 5 मिनट में ही निपटा दिया। इससे नाराज जद-यू को कोई नेता ‘भारत जोड़ों यात्रा में शामिल नहीं हुआ। और अब पूर्णिया रैली को रायपुर अधिवेशन के दौरान रख बदला साधा जा रहा है।

    श्री मोदी ने कहा कि महागठ‌बन्धन की पूर्णिया रैली भाजपा नहीं बल्कि ओवैसी को जवाब देने के लिए बुलाई गई है। विधान सभा चुनाव में ओवैसी के कारण दर्जनो सीटों पर राजद को पराजय देखनी पड़ी और ओवैसी के 5 विधायक पूर्वांचल में जीत गए। कटिहार, पूर्णिया में जदयू की जीत भाजपा के कारण हुई।

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    उसमें नीतीश कुमार की कोई भूमिका नहीं है। पूर्वांचल की महागठबन्धन की रैली अपने मुस्लिम वोटों को एकजुट रखने की कवायद है।

    श्री मोदी ने कहा कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के बावजूद 7 दल मिलकर पूर्णिया रैली मे भीड़ नहीं जुटा पाएंगे जितनी भीड़ अकेले भाजपा ने जुटाई थी।

    पूर्णिया रैली में लालू प्रसाद डिजिटल शामिल होंगे इसका प्रचार किया जा रहा है। परन्तु लालू जब स्वस्थ थे तब भाजपा को 2014 और 2019 में पराजित नहीं कर पाए तो अब अस्वस्थ लालू भाजपा का क्या बिगाड लेंगे।

    AIIMS,Patna के अधिवक्ता ने पटना हाइकोर्ट को बताया कि नेत्र रोग से पीड़ित लड़की के ईलाज के लिए धनराशि को एम्स,दिल्ली को स्थानांतरित कर दिया गया है

    पटना हाइकोर्ट ने सीतामढी ज़िला के आर्थिक रूप से कमज़ोर और शारीरिक अपंग लड़कियों की जांच और ईलाज के सम्बन्ध में सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ को एम्स,पटना के अधिवक्ता ने बताया कि नेत्र रोग से पीड़ित लड़की के ईलाज के लिए धनराशि को एम्स,दिल्ली को स्थानांतरित कर दिया गया है।

    कल इस मामलें पर सुनवाई करते हुए एम्स,पटना के अधिवक्ता को नेत्रहीन लड़की के ईलाज के लिए एम्स,दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा दी गई धनराशि स्थानांतरित करने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया।पूर्व में एम्स,पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है।

    उनका ईलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है। इन दोनों लड़कियों के ईलाज हेतु राज्य सरकार धनराशि दे चुकी है।उन्होंने बताया था कि एक नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है।इसके ईलाज के लिए इसे दिल्ली,एम्स भेजा जाना है।

    इसके प्रारंभिक ईलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हज़ार रुपये एम्स,पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया।ये धनराशि एम्स,दिल्ली के खाते में एम्स,पटना को स्थानांतरित करना है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स,पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।उल्लेखनीय है कि सीतामढी के ज़िला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था।

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    इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है।इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका ईलाज नही करवा पा रहे थे।

    इनके ईलाज में अस्पताल और ईलाज का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था।कोर्ट ने इनके ईलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था।

    एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य पूरा हो कर ईलाज की कार्रवाई जारी है।

    इस मामलें में कोर्ट के समक्ष एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मयूरी,एम्स,पटना की ओर से अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय व राज्य सरकार की ओर से विकास कुमार ने पक्षों को रखा।इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामलें को निष्पादित कर दिया।

    PatnaHighCourt News: पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई 13 मार्च,2023 तक टली

    पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई 13 मार्च,2023 तक टली। जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ इस मामलें पर सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जांच की प्रगति पर असंतोष जाहिर किया था।

    पहले की सुनवाई में PatnaHighCourt में एस एस पी, पटना और एस आई टी जांच टीम का नेतृत्व करने वाली सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा भी कोर्ट में उपस्थित रही थी।

    PatnaHighCourt ने कहा था कि इस मामलें की समग्रता में जांच नहीं की जा रही हैं।पुलिस अधिकारियों को विस्तार और गहराई से जांच पड़ताल करने की आवश्यकता है।

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    अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया कि कोर्ट अब तक एस आई टी द्वारा किये गए जांच और कार्रवाई के सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करना चाहता था।उन्होंने बताया था कि आफ्टर केअर होम में रहने वाली महिलाओं की स्थिति काफी खराब हैं।

    PatnaHighCourt ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे।

    इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च,2023 को की जाएगी।