Press "Enter" to skip to content

Patna High Court News: बिहार में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई हुई

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ को बताया गया कि पुलिस विभाग स्टेशन भवनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में पंद्रह दिनों में डीजीपी, बिहार के समक्ष विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत कर देगा।

पिछली सुनवाई में Patna High Court ने राज्य सरकार को मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की ओर से बिहार व अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।

कोर्ट ने जानना चाहा कि पुलिस स्टेशनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में कितने दिनों में जानकारी दी जा सकती है। पुलिस विभाग ने Patna High Court को बताया कि पंद्रह दिनों में इस सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा डीजीपी, बिहार के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा।

Patna High Court द्वारा सहायता करने के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फंड की उपलब्धता के सम्बन्ध में ब्यौरा देने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक ये ब्यौरा कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुआ।

Patna High Court ने बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काफी पद के रिक्त होने को काफी गम्भीरता से लिया।उन्होंने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने को कहा,ताकि पुलिस थाना भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो सके।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

पिछली सुनवाई में पुलिस थाना भवनों के निर्माण के लिए उपलब्ध फंड के उपयोग और वितरण पर भी कोर्ट में चर्चा हुई।कोर्ट ने अगली सुनवाई में इस बारे में जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था।

पूर्व की सुनवाई में Patna High Court ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था। राज्य सरकार ने एडीजी कमल किशोर सिंह का नाम कॉर्डिनेटर के रूप में दिया था।

एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने Patna High Court को बताया था कि राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है।इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य में पुलिस स्टेशन भवनों का निर्माण और पुनर्निर्माण का कार्य समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।

जब तक दूसरे भवन में चल रहे पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते,तब तक पुलिस अधिकारी कमल किशोर सिंह कॉर्डिनेटर के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे।

इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला Patna High Court में उठाया गया था।राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था,लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिया था।

Patna High Court में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है।उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है।

उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली,पेय जल,शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है। लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवनों में चल रहे है,लेकिन उनकी भी स्थिति अच्छी नहीं है।

उन्होंने Patna High Court को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है।

पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है।इस मामलें पर अगली सुनवाई एक माह बाद होगी।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »
More from पटना हाईकोर्ट न्यूजMore posts in पटना हाईकोर्ट न्यूज »
More from बड़ी खबरMore posts in बड़ी खबर »
More from बिहार ब्रेकिंग न्यूज़More posts in बिहार ब्रेकिंग न्यूज़ »