पटना हाईकोर्ट ने डी एम, पटना को बीसीए के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के फर्जी ढंग से निर्वाचित होने के मामलें की जांच 45 दिनों के अंदर पूरा कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।याचिकाकर्ता ओम प्रकाश तिवारी की याचिका पर जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।
कोर्ट को बताया गया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार बीसीए के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि पद पर चुनाव वही लड़ने का अधिकार रखते हैं, जो जिला संघों (पूर्ण सदस्य) के प्रतिनिधि हो।
लेकिन बीसीए में हुए पिछले चुनाव में सर्वप्रथम असंवैधानिक तरीके से गोवा का एक निर्वाचन चुनाव पदाधिकारी नियुक्त कर चुनावी प्रक्रिया पूरा किया गया।इसमें बीसीए के चुनाव पदाधिकारी द्वारा जारी मतदाता सूची में बीसीए के तीन पूर्व पदाधिकारी राकेश कुमार तिवारी अध्यक्ष, दिलीप सिंह उपाध्यक्ष और आशुतोष नंदन सिंह कोषाध्यक्ष का नाम इस मतदाता सूची में कहीं नहीं है।
फिर भी फर्जी तरीके से खुद को बीसीए के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष निर्वाचित करा लिए,जो कि पूरी तरह से अवैध है।
कोर्ट ने इस मामलें पर सभी सम्बंधित पक्षों को सुनने के बाद उक्त आदेश दिया।