पटना हाइकोर्ट ने भाईयों के बीच विवाद को आपसी सहमति से निपटाने का निर्देश भाजपा सांसद व पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी को दिया। जस्टिस डा. अंशुमान ने सांसद रूडी के भाई सेवानिवृत एयर कमांडर रणधीर प्रताप की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि दोनों सम्मानित परिवारों को आपसी सहमति से विवाद सुलझा लेना चाहिए।
इसी बीच सीआरपीएफ की ओर से जबाबी हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि सांसद के सुरक्षा में तैनात अंगरक्षकों ने उनके भाई एवं उनकी पत्नी को नहीं पहचान सकें। इस कारण उन्हें घर में घुसने से रोक दिया गया।
सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी सुरक्षा गाइड लाइन का पालन किये है। गाइड लाइन के तहत अप्रत्याशित आगंतुकों को बिना अनुमति के प्रवेश नहीं करने देना है, जबतब कि घर के सदस्यों की ओर से उन्हें आने देने की अनुमति नहीं दे दी जाये।
घटना के समय सांसद घर पर नहीं थे,जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई।कोर्ट ने सांसद के वकील को दो सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था।इस बीच आपसी सहमति से मामले को निपटाने का निर्देश दिया।
आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदक भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त है।इनकी बेहतर सेवा पर केंद्र सरकार ने विशिष्ट सेवा मेडल दिया।लेकिन उनके माँ के देहांत के बाद भाईयो में सम्पति को लेकर विवाद होने लगा।जिसको लेकर छपरा सिविल कोर्ट में बटवारा केस भी दायर किया गया है।
सीआरपीएफ के जवान उन्हें एवं उनकी पत्नी को पुश्तैनी घर में प्रवेश करने से रोक दिया था।यही नहीं, जवान उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया।इसकी शिकायत सीआरपीएफ के डीजी सहित राज्य के डीजीपी, सारण के एसपी से किया गया।लेकिन कही से कोई कार्रवाई नहीं हुई।