पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब राजीव गाँधी की हत्या में दोषी पाए गए लोगों को रिहा किया जा सकता है, तब पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई भी संभव है और इसके लिए राज्य सरकार को कानून का पालन करते हुए गंभीरता से पहल करनी चाहिए।
- राजीव हत्याकांड के दोषी बरी हो सकते हैं, तो आनंद मोहन क्यों नहीं?
- कृष्णैया हत्याकांड में सीधे उनकी कोई भूमिका नहीं थी
श्री मोदी ने कहा कि यद्यपि कृष्णैया हत्याकांड में भीड़ को उकसाने या हत्या के अपराध में आनंद मोहन सीधे तौर पर दोषी नहीं थे, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि आनंद मोहन जब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और बंदी के रूप में उनका आचरण भी अच्छा रहा है, तब उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि आनंद मोहन एनडीए के पुराने साथी रहे। उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था।
उन्होंने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी। उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सकें।