पूर्व मध्य रेलवे के निर्मली स्टेशन से आसनपुर कुपहा तक सीआरएस निरीक्षण हो गया है, एक सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार स्पीडी ट्रायल हुआ। उम्मीद है कि जनवरी में 5.96 किलोमीटर इस लंबी रेल लाइन पर जनवरी से परिचालन शुरू हो जाएगा। उधर निर्मली से परसा बसबाड़ी तक 5.88 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम लगभग पूर्ण हो चुका है, रेलवे ने संभावना जताई है कि अप्रैल 2022 में झंझारपुर तक ट्रेन दौड़ेगी।
वर्ष 1934 में कोसी नदी पर बना रेलपुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी कारण से यह रेलवे ट्रैक 86 साल तक बंद रहा लेकिन अब यह रेलवे का पुल बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही इस रेलवे ट्रैक पर रेल सेवाएँ शुरू कर दी जाएँगी।आपको बता दें कि आसनपुर से झंझारपुर तक का रेलवे ट्रैक पूरा क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण रेल विभाग को इस रेलवे ट्रैक को बंद करना पड़ा। लेकिन आज 87 साल बाद इस ट्रैक के वापस से शुरू होने की खबर को सुनकर वहाँ के स्थानीय लोगों में एक ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है।
भूकंप कि वजह से हुई थी क्षति
5 जनवरी 1934 में विनाशकारी भूकंप की वजह से निर्मली से सरायगढ़ के बीच की रेल सेवाओं को बंद करना पड़ा था। दरअसल इस ट्रैक के बीच में एक रेलवे पुल था जो कोसी नदी पर बना हुआ था और भूकंप से यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया।क्षतिग्रत होने की वजह से उस ट्रैक के समीप के रेलवे स्टेशन को बंद करना पड़ा।
लोगों को होती थी परेशानी
ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने के बाद निर्मली के स्थानीय लोगों को ट्रेन से सरायगढ़ जाने के लिए दरभंगा, समस्तीपुर, खगडिय़ा, मानसी, सहरसा और सुपौल होते हुए जाना पड़ता था मतलब उन्हें लगभग 297 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इसमें लगभग आठ घंटे से अधिक का समय लगता था।परन्तु अब पुल का पुनः निर्माण होने के बाद अब सरायगढ़ जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।यात्रियों को लगभग 22 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी जिसमें ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट का समय लगेगा। कोसी नदी पर बने रेलवे पुल का पुनः निर्माण होने से यात्रियों के समय की बचत होने लगेगी।
निर्मली स्टेशन से किया गया ट्रायल
आपको बता दें कि निर्मली में सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन का ट्रायल हुआ। आशा है कि जनवरी में 5.96 किलोमीटर इस लंबी रेल लाइन पर जनवरी से परिचालन का कार्य शुरू हो जाएगा। उधर निर्मली से परसा बसबाड़ी तक 5.88 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माणकार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, रेलवे विभाग ने संभावना जताई है कि अप्रैल 2022 में झंझारपुर तक रेल सेवाएँ शुरू कर दी जाएँगी।
अप्रैल तक होगा काम पूरा
बताया जा रहा है कि परसा से बस्बाड़ी तक की 5.88 किलोमीटर की रेलवे लाइन का निरीक्षण करके यह पता चला है कि कुछ ही समय में यह काम पूरा हो जाएगा। इसकी जानकारी सी आर एस को दी जाने बाद फरवरी में इस रेलवे लाइन का पुनः निरीक्षण किया जायेगा और अप्रैल 2022 झंझारपुर-सकरी-दरभंगा भी निर्मली स्टेशन से जुड़ जाएगा।
अटल जी का सपना हुआ पूरा
हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उस समय लोगों को परेशानी को देखते हुए चिंता जताई और इस परेशानी को दूर करने का निर्णय लिया था।अटल जी ने 6 जून 2003 को इस महासेतु को बनाने की मंजूरी देकर इस सेतु की आधारशिला रखी। उसके बाद आज वह सेतु बनकर तैयार है।इस सेतु को बनाने में कुल 516 करोड़ की लागत आयी है और यह पुल तकरीबन 17 साल बाद बनकर तैयार हुआ है।