लोहार,कमर (लोहार और कर्मकार), लोहरा और लोहारा जाति को जाति आधारित गणना में अलग से जाति कोड जारी करने के लिए लोहार कल्याण समिति ने पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस रिट याचिका में इन सभी जातियों को अलग अलग जाति कोड जारी करने की मांग कोर्ट से की गई है।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि बिहार सरकार ने जाति सर्वेक्षण के दूसरे चरण के लिए गत पहली मार्च को अधिसूचना है। जिसके तहत जाति सर्वेक्षण का दूसरा चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू कर 15 मई तक पूरा करना है।
उनका कहना है कि 1941 की जनगणना में लोहार जाति को अलग जाति के रूप में मान्यता दी गई थी। लेकिन इस जातिये जनगणना में इस जाति को अपना कोई जाति कोड नहीं दिया गया।जबकि राज्य में लोहार जाति सबसे कमजोर जातियों में से एक है।
इसी कारण राज्य सरकार ने 25 जनवरी 2017 को लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल करने की सिफारिश केंद्र से की थी।