देश की ख्याति प्राप्त लोक गायिका शारदा सिन्हा को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी पेंशन से वंचित करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि उनकी पेंशन का भुगतान शीघ्र किया जाए।
जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने पद्मभूषण शारदा सिन्हा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के वकील विकास कुमार ने कोर्ट को बताया की 1979 में शारदा सिन्हा की नियुक्ति इस विश्वविद्यालय में संगीत शिक्षिका के तौर पर हुई थी।वह समस्तीपुर स्थित महिला महाविद्यालय से 2017 रिटायर हुई ।
उसके बाद अचानक कुछ विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्तियों गड़बड़ी पाते हुए एक जांच बैठाया गया। इसमें 7 लोगों की नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई, उसमें शारदा सिन्हा का भी नाम कहां से आ गया, इसका कोई आधार नहीं बताया गया।
फलस्वरुप सेवानिवृत्ति के बाद शारदा को अपने पेंशन के जाने के कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है ।कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश दिया की शारदा सिन्हा के पेंशन उन्हें तुरंत भुगतान किया जाए।
इस मामले की अगली सुनवाई 27 जून,2023 को होगी।