पटना हाईकोर्ट में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में सही तौर से काम- काज किये जाने को लेकर तदर्थ कमेटी बनाने हेतु एक जनहित याचिका पर सुनवाई 17 जनवरी,2022 तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अजय नारायण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई की है।
इस जनहित याचिका में चयनकर्ताओं/ सपोर्ट स्टाफ व बी सी सी आई द्वारा संचालित घरेलू टूर्नामेंट में विभिन्न उम्र के राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों को सही तौर से चयन करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया गया है।।
इस जनहित यह आरोप लगाया गया है कि प्रबंधन कमेटी में अवैध रूप से कुर्सी पर काबिज लोगों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।
यह भी आरोप लगाया गया है कि कुर्सी पर कथित रूप से अवैध तौर पर बैठे लोग प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों के दावों को हतोत्साहित कर रहे हैं। खिलाड़ियों के मनमाने औऱ अनुचित तौर से चयन कर क्रिकेट को बेचने पर उतारू है।
इस याचिका में यह भी माँग की गई है कि पटना हाईकोर्ट में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से सम्बंधित मामलों की सुनवाई एक साथ एक बेंच द्वारा की जाए।
राज्य में खिलाड़ियों की स्थिति और भी खराब होते जा रही है। साथ ही इस से खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में भी कामयाब नहीं हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बोर्ड ऑफ कंट्रोल फोर क्रिकेट इन इंडिया एंड अदर्स बनाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार व अन्य के मामले में 9 अगस्त, 2018 को दिये गए फैसले दिया गया था।
इसके अनुसार जस्टिस आर एम लोढ़ा कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में खिलाड़ियों का सही तौर से चयन करने हेतु क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के गठन करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
इस मामलें पर अब अगली सुनवाई 17 जनवरी,2022 को होगी।