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हाईकोर्ट ने सिवान जिले में स्थित राज्य के पहले हाईस्कूल के हाल पर की सुनवाई।

पटना हाई कोर्ट ने सिवान जिले में स्थित अविभाजित बिहार के प्रथम हाई स्कूल के जीर्णोद्धार के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के सेकंडरी स्कूल के निदेशक से रिपोर्ट तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

खास बात यह है कि यह राज्य का पहला इंग्लिश स्कूल भी है, जिसे इंग्लिश स्कूल के रूप में जाना जाता है। किंतु नारायण सिंह द्वारा जमीन दान में दिए जाने के बाद यह जिला का पहला हाई स्कूल हो गया।

कोर्ट ने सेकंड्री स्कूल के निदेशक को स्वयं विद्यालय जाकर विद्यालय का आकलन करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है। जनहित याचिका में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे जीर्ण शीर्ण स्थिति में सिवान जिले के गोरिया कोठी में मौजूद नारायण कर्मयोगी हाई स्कूल के जीर्णोद्धार हेतु आदेश देने की माँग की गई थी।

उक्त स्कूल की स्थापना वर्ष 1916 में की गई थी। स्कूल में अभी भी कुछ अनोखी वस्तुएं (एंटीकस) असुरक्षित रूप से पड़ी हुई है। इतना ही नहीं विद्यालय में चहारदीवारी भी नहीं है।

कई एकड़ जमीन में स्थित इस हाई स्कूल में लाईब्रेरी, लैब व खेल के सामान भी मौजूद हैं। चहारदीवारी के नहीं होने से सभी बहुमूल्य वस्तुएं असुरक्षित है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि याचिकाकर्ता द्वारा सभी संबंधित प्रतिवादियों के समक्ष उक्त मामले में उचित कार्रवाई करने को लेकर स्पीड पोस्ट से अभ्यावेदन भी दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इसके बाद याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दायर किया। अब इस मामले पर सुनवाई छह सप्ताह बाद कि जाएगी।

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