पटना हाई कोर्ट ने पटना के संपतचक बैरिया में स्थापित किये जाने वाले कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट को हटाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए बिहार स्टेट पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है। जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुरेश प्रसाद यादव व अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में किसी प्रकार की अनियमितता या विधि विरुद्ध कार्य नहीं किया गया है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता का कहना था कि इस प्रोजेक्ट के लिए कोई न तो आवेदन दिया गया है और न ही अनुमति ली गई है। कोर्ट ने प्रदूषण बोर्ड के अधिवक्ता से मौखिक रूप से कहा कि आपको कार्रवाई करने से कौन रोक रहा ? कार्रवाई कीजिये।
पूर्व की सुनवाई में ही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया था कि उक्त प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण से सहमति भी नहीं लिया गया है। इस वजह से एक ओर वायु प्रदूषण फैल रहा है तो दूसरी ओर कृषि योग्य भूमि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
याचिका में कहा गया है कि आखिर किस कानूनी अधिकार के तहत पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाले इस जगह का चयन कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए किया गया है ? याचिका में यह भी प्रश्न खड़ा किया गया है कि क्या कृषि भूमि पर स्थापित किये जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए बैरिया कर्णपुरा पंचायत राज से किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई है ?
नगर विकास व आवास विभाग के कमिश्नर, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पटना नगर निगम से स्पष्टीकरण पूछने सह शो – कॉज करने का आग्रह भी इस याचिका के जरिये किया गया है।
प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किये जाने के पूर्व पंचायत राज बैरिया के ग्राम सभा द्वारा एक बैठक भी 29 दिसंबर, 2006 को बुलाई गई थी, जिसमें इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध किया गया था।
इस मामले पर आगे की सुनवाई अब अगले वर्ष जनवरी माह में की जाएगी।