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क्या यह सच है कि पंचायती राज व्यवस्था भ्रष्टाचार के विकेन्द्रीकरण का जरिया बनकर रह गया है

बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के लागू होने के बाद जब चुनाव की घोषणा हुई तो उस वक्त मैं दरभंगा से ईटीवी के लिए काम कर रहा था ।मैं व्यक्तिगत रूप से काफी उत्साहित था चलो आने वाले समय में गांव वालो की सरकार होगी कुछ बेहतर होगा । ऐसे में जैसे ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई सारी खबरों को छोड़कर पंचायत चुनाव से जुड़ी खबर पर टूट पड़े गजब का जुनून सवार हो गया था एक दिन रात को पूर्व विधायक उमाधर सिंह का फोन आया संतोष जी कहां रहते हैं कुछ अता पता नहीं चल रहा है ,सर पंचायत चुनाव में लगे हुए हैं अरे कहा फस हुए हैं कुछ होने वाला है, कल भेट होगी कुछ जरुरी बात करनी है ।
तीन घंटे तक जबरदस्त बहस हुई वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया पर बहस का सार यही रहा कि वो इस बात पर अड़े रहे कि पंचायती राज व्यवस्था भ्रष्टाचार के विकेन्द्रीकरण के लिए बनाया गया है और मैं अड़ा रहा कि गांव की अपनी सरकार होगी गांव वाले अपने नजरिये से गांव का विकास करेंगे स्कूल और अन्य व्यवस्थाओं पर उनकी पकड़ होगी व्यवस्थाओ में सुधार होगा।
लेकिन तीसरे चुनाव का जो परिणाम आया है उसे देखने के बाद तो ऐसा ही लग रहा जो स्वर्गीय उमाधर सिंह कह रहे थे , पंचायती राज व्यवस्था ने भ्रष्टाचार को गांव गांव तक पहुंचा दिया और अब पंचायत का चुनाव बदलाव के लिए नहीं हो रहा है पैसे के लिए हो रहा है ।बदलाव लाने वाले पचास सौ चेहरे जरुर जीत कर आये हैं लेकिन उनका उद्देश्य भी पंचायत या गांव की मजबूती को लेकर नहीं है ऐसे लोगों का अपना ही उद्देश्य है जिसमें गांव और गांव के लोग कही नहीं है उनकी नजर दिल्ली के उस लुटियन जोन पर है जहां गांव और गरीब की बात के सहारे अपना स्थान बना सके खैर अब विषय वस्तु पर आते हैं 2021 का पंचायत चुनाव का परिणाम की हकीकत क्या है

1—70 फीसदी पुराने चेहरे इस बार चुनाव हार गये
2021 के पंचायत चुनाव का जो परिणाम आया है उसमें मुखिया और वार्ड पार्षद के 80 से 90 प्रतिशत पुराने चेहरे को जनता ने नकार दिया है वही बाकी पदों पर थोड़ी स्थिति बेहतर है । इसके पीछे दो तरह के तर्क सामने आ रहे हैं पहला तर्क है इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल किया और साथ ही वोकस वोटिंग ना हो इसके लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था की गयी जहां आपके थम्म मिलने के बाद ही वोटिंग कर सकते थे।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि राज्य निर्वाचन आयोग के इस व्यवस्था से चुनाव में धांधली नहीं के बराबर हुई है और यही वजह है कि इस बार के चुनाव में अभी तक धांधली के सबसे कम शिकायत आयोग के पास आया है ।
वही दूसरा तर्क यह है कि हर घर जल नल योजना में जिस तरह से गांव गांव में लूट मचा था, उसी का असर रहा कि मुखिया और वार्ड सदस्य बड़ी संख्या में चुनाव हार गये मतलब सरकार के गलत नीति का खामियाजा वोट का चोट के रुप में मुखिया और वार्ड पार्षद को झेलना पड़ा लेकिन जो लोग जीत कर आये हैं वह इन दोनों तर्क को सवालों के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया है।

2—चुनाव जीतने वालों में शराब माफिया,ठेकेदार,बाहुबली और धनकुबेर की संख्या 50 प्रतिशत के करीब है

इस बार के पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में ऐसे लोग चुनाव लड़ने बिहार आये जिनका बिहार से बाहर अच्छा खासा बिजनेस और व्यापार था या फिर बड़े कॉरपोरेट हाउस में उच्च पदों पर काम कर रहे थे इसका असर यह हुआ कि अधिकांश पंचायत में मुखिया उम्मीदवार 20 से 25 लाख रुपया तक खर्च किये इतना ही नहीं इस बार वार्ड सदस्य को भी बिना पैसा दिये वोट नहीं मिला है ।पूराने मुखिया के हारने की एक वजह हर घर जल नल योजना जरुर है लेकिन इस योजना में कमाई को देख कर जो नये खेलाड़ी आये वो इतना पैसा खर्च किया है पूराने मुखिया जी कही टिक ही नहीं पाये वही दूसरी और शराबबंदी के आर में पिछले पांच वर्षो के दौरान हर गांव में एक नये वर्ग का उदय हुआ है जिसके पास पैसा है ताकत है यूथ है और यह वर्ग पंचायत चुनाव को सबसे अधिक प्रभावित किया है अभी तक जो सूचना मिली है दो सौ से अधिक मुखिया ऐसे लोग चुनाव जीत कर आये हैं जिनका पति या बेटा शराब के धंधे में जेल में बंद है या फिर फरार चल रहा है ।

3— जिला परिषद अध्यक्ष ,प्रमुख और उप मुखिया तक में बोली चल रही है

इस समय पूरे बिहार में जिला परिषद अध्यक्ष और प्रमुख का चुनाव चल रहा है हाल यह है कि चुनाव जीतने के समय से ही अधिकांश सदस्य बिहार से बाहर नेपाल ,झारखंड ,दिल्ली और कोलकाता में प्रमुख पद के उम्मीदवार का दाल गिला कर रहा है कई जगह जो बोली लगायी गयी है पांच लाख रुपया एक बुलेट मोटरसाइकिल स्थिति यह है कि इस बार उप मुखिया के चुनाव में भी वार्ड सदस्य डिमांड कर रहा है हालांकि जिला परिषद अध्यक्ष और प्रखंड प्रमुख में इस बार राजनीतिक दल ज्यादा सक्रिय दिख रहा है इस वजह से कई जगह पैसे का खेल कि जगह योजना का खेल चल रहा है ये है पंचायती राज का सच है ।फिर निराश होने कि जरूरत नहीं है बहुत सारे युवा चुनाव जीत कर आये हैं बहुत सारे ऐसे लोग भी चुनाव जीत कर आये हैं जिन्हें वोटर वोट के साथ साथ चुनाव लड़ने के लिए चंदा भी दिया है फिर भी पंचायत कैसे मजबूत हो इस पर सोचने कि जरूरत है क्यों कि पंचायत मजबूत नहीं हुआ तो गांव कमजोर होगा और ऐसे में देश कमजोर होगा क्यों कि अभी भी भारत पूरी तौर पर गांव के अर्थ तंत्र पर भी खड़ी है ।

जल्द ही बिहार में बनेगा भारतीय खाध निगम का क्षेत्रीय कार्यालय

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट में दीघा घाट के पास स्थित भारतीय खाद्य निगम के रीजनल ऑफिस के निर्माण के लिए प्रावधानों में बदलाव को मंजूरी देने पर आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही दीघा घाट के पास भारतीय खाद्य निगम के रीजनल ऑफिस बनने का रास्ता साफ हो गया है।

इस संबंध में केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने बिहार सरकार से आग्रह किया था। हाल ही में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने दीघा घाट स्थित प्रस्तावित भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय निर्माण स्थल का भ्रमण किया था। तकनीकी कारणों की वजह से निर्माण का कार्य रुका हुआ था। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के उपरांत अब यह रास्ता साफ हो गया है। दीघा घाट के पास भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय भवन और अन्य संरचनात्मक ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान यहां पर अन्नपूर्णा भवन बनाने की घोषणा की थी। क्षेत्रीय कार्यालय के साथ गेस्ट हाउस, डिविजनल ऑफिस एवं प्रशिक्षण आदि के लिए भवन आदि यहां पर प्रस्तावित है।

भारतीय कानून प्रक्रियाओं का ग़ुलाम है

पप्पू देव की पुलिस हिरासत में मौत के बाद मचे बवाल के बीच बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने अपने फेसबुक पोस्ट पर एक आलेख पोस्ट किया है जिसमें पुलिस को किस तरीके से काम करना चाहिए इसको लेकर अपना अनुभव शेयर किये हैं ।

भारतीय कानून प्रक्रियाओं का ग़ुलाम है **
जिस युग में मैं जिले का SP हुआ करता था, उस युग में संवाद के दो ही साधन थे, चिट्ठी और लैंडलाइन। मेरी कार्य प्रणाली में आम आदमी के द्वारा चिट्ठी के माध्यम से गुप्त सूचना प्राप्त कर, उसपर कार्यवाई करना निहित था।
कहानी 1989 की है। नालंदा जिले के मुख्यालय, बिहारशरीफ़ में, गैर कानूनी स्पिरिट का भण्डारण और व्यापार मुख्य समस्या थी और मैं वहाँ का पुलिस अधीक्षक। आम आदमी इस अवैध कारोबार और उससे जनित काला धन से ख़ासा परेशान था क्योंकि इसी काले धन से अनेकों प्रकार के अपराध सृजित हो रहे थे। निवारण के लिए वे मुझे बंद लिफ़ाफ़े में, मेरे नाम से चिट्ठी लिखते थे जिसमें अपराध सम्बन्धी विशिष्ट और गुप्त सूचनाएँ रहती थीं। मैं कार्योपयोगी सूचना अपनी डायरी में लिख कर, चिट्ठी फाड़ दिया करता था। पुनः उन सूचनाओं पर कार्यवाई करता था।
एक शहर के विषय में स्पिरिट सम्बन्धी सूचना मिली थी। मैंने थाना अध्यक्ष को बुला कर वह सूचना दी, इस आदेश के साथ कि वे तुरंत रेड कर, बरामदगी करें।
उन्होंने ऐसा ही किया पर कुछ भी बरामद नहीं हुआ। शहर के गणमान्य लोग मुझसे मिल कर अपना विरोध प्रकट करने आए। मुझे आभास हो गया कि यह मामला तूल पकड़ेगा। मैंने अपने थाना के पदाधिकारी को बुला कर हिदायत दी कि दंड प्रक्रिया संहिता और पुलिस मैन्युअल के नियम, जिनका पालन करने के लिए मैं अपने सभी अधीनस्थों को निरंतर प्रेरित करता रहता था, उसका विस्तृत उल्लेख थाना के अभिलेखों में, इस मामले में किया जाए।
मामले ने तूल पकड़ा और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कमिश्नर एवं DIG की संयुक्त जांच बिठा दी। पूरे दो दिन तक गंभीर जांच हुई। सभी गवाहों और दस्तावेज़ों की जांच हुई। लौटने के पूर्व कमिश्नर साहब ने मुझे अलग से बुला कर बताया कि अगर मैंने कानूनी प्रक्रियाओं और नियमों का पालन नहीं किया होता तो उन्हें मेरे विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अनुशंसा करनी पड़ती।
रिपोर्ट में मेरे विरुद्ध कोई अनुशंसा नहीं की गई थी। बताते चलें कि कमिश्नर और DIG साहब दोनों ही ईमानदार एवं सख्त पदाधिकारी में शुमार किए जाते थे।
कानून पुलिस पदाधिकारी का अस्त्र और ढाल, दोनों है।

बिहार कैबिनेट की बैठक में 13 एजेंडो पर लगी मोहर

बिहार कैबिनेट की आखिरी बैठक सम्पन्न हो गयी बैठक में कुल 13 एजेंडो पर मुहर लगी है बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर में आयोजित साल 2021 की आखिरी कैबिनेट बैठक में शिक्षा, पशुपालन, उद्योग और पंचायती राज विभाग के जुड़े निर्णय लिये गये हैं.

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कैबिनेट बैठक में क्या खास रहा

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के अंतर्गत अंजुमन इस्लामियां हॉल, मुरादपुर, अशोक राज पथ, पटना वक्फ स्टेट संख्या-2146 के पुनर्निमाण के लिए कार्यकारी एजेंसी बिहार राज्य भवन निगम लिमिटेड, पटना से प्राप्त पुनरीक्षित प्राक्कलन 5064.36 लाख रुपये (पचास करोड़ चौसठ लाख छत्तीस हजार रूपये) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई.

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कैबिनेट बैठक में क्या खास रहा

48 घंटे के दौरान पटना में दो किन्नर की हुई हत्या आक्रोशित किन्नर ने जमकर किया बवाल

पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में एक किन्नर की हत्या के बाद आक्रोशित किन्नरों ने मंगलवार को जमकर बवाल मचाया। कंकड़बाग में श्रीराम हॉस्पिटल के पास सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। किन्नरों ने सड़क पर टायर जलाकर रास्ता बंद कर दिया और अर्द्ध नग्न प्रदर्शन किया। किन्नरों ने कहा कि सोनी की गोली मारकर हत्या की गई है। लेकिन, पुलिस घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई। किन्नरों ने इस दौरान पुलिस के खिलाफ हाय-हाय के नारे भी लगाए।

एएसपी पर किन्नर ने बोला हमला

सुबह 4 बजे हुई घटना
किन्नरों का कहना है कि सोनी किन्नर बर्थ डे पार्टी में प्रोग्राम कर आ रही थी। कंकड़बाग के चिरैया टाड़ पुल के पास उसे किसी ने गोली मार दी। इस घटना में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने घटना के बाद एक्शन नहीं लिया। इससे वह आक्रोशित हो गए और गायत्री मंदिर के पास सड़क जाम कर अर्द्ध नग्न प्रदर्शन करने लगे। किन्नरों का कहना है कि किसी VIP के घर घटना होती तो पूरा प्रशासन गंभीर हो जाता। लेकिन, किन्नर के कारण कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इधर, किन्नरों द‌वारा श्रीराम हॉस्पिटल के पास सड़क पर शव रखकर आग जलाकर प्रदर्शन किया जा रहा है।

आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के हत्यारा को बचाने में लगी है पुलिस परिजन उतरा सड़क पर

मोतिहारी में RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड के तीन महीने बीतने को है। इसके बावजूद भी मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने और हरसिद्धि थाना पुलिस की कार्य शैली से असंतुष्ट परिजनों ने दूसरी बार अरेराज -छपवा सड़क को जाम कर दिया है और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर हंगामा किया।

आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी बैठी धरना पर सीएम के आने की माँग पर अड़ी


आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी मोनिका देवी, पुत्र रोहित अग्रवाल सहित सहित परिजन इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठी हुई है। उनका आरोप है कि उनके घर पर पूर्व में हुए हमले का आरोपित उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। ना तो पुलिस हत्यारोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। ना ही अदालत को चार्जशीट सौंप रही है। उन्हें जिले के एसपी पर भी भरोसा नहीं है। काफी देर से जारी हंगामे की वजह से सड़क जाम हो गया और गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। पुलिस द्वारा समझाने के बावजूद परिजन लगातार मुख्यमंत्री के बुलाने के मांग पर अड़े हुए थे। जबकि हरसिद्धि पुलिस पहुचंकर जाम हटवाने के प्रयास में जुटी है।

पुलिस अपराधियों को बचा रही है –परिजन

क्या है RTI कार्यकर्ता की हत्या का मामला

24 सितंबर को दिनदहाड़े प्रखण्ड कार्यलाय के गेट के सामने आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल को अपराधियो ने गोलियों से भून दिया था। परिजनों द्वारा अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध हरसिद्धि थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी।

विपिन अग्रवाल के परिजन उतरे सड़क पर

घटना के बाद एसपी नवीन चन्द्र झा द्वारा गठित एसआईटी टीम ने दो अपराधियो को हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहीं घटना में शामिल तीन अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए अभी तक छापेमारी जारी है। एसपी का कहना था कि गिरफ्तार अपराधियो ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि हरसिद्धि बाजार की कई एकड़ सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए विपिन आधे दर्जन से अधिक मुकदमा भूमाफिया के खिलाफ लड़ रहे थे। कुछ की सुनवाई हुई थी, कुछ का फैसला आना बाकी था। इसी कारण 20 लाख में आठ लोगों द्वारा सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी लेकिन दो सूटर के अलावे अभी तक किसी और कि गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है जिसको लेकर घर वाले काफी गुस्से में है ।

प्रशांत किशोर ने एक बार फिर आड़े हाथ लिया कांग्रेस को

एक बार फिर प्रशांत किशोर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है और इस बार देश की राजनीति में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच रिश्तों पर चर्चा करते हुए प्रशांत किशोर का कहना है कि कांग्रेस BJP से लड़े ना लड़े, जीते हारे, एंटी BJP का स्पेस कांग्रेस का है।

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को फिर लिया आड़े हाथ


जो लोग BJP से लड़के उसे हरा रहे हैं या हराने का प्रयास कर रहे हैं, वह यदि कांग्रेस को सूट नहीं करता है तो कांग्रेस उन्हें BJP का एजेंट करार दे देती है। जैसे देश में नेशनलिज्म का सर्टिफिकेट देने का ठेका BJP ने ले रखा है, वैसे ही देश में एंटी मोदी और सेकुलरिज्म का सर्टिफिकेट देने का नया ठेका भी कांग्रेस वालों ने ले रखा है।

आप चुनाव लड़ रहे हैं। आप 60 -70% सीटों पर BJP से लड़ रहे हैं तो उनको हराइए। क्यों छोटे-मोटे लोगों के चक्कर में आप पड़ रहे हैं।प्रशांत किशोर का यह बयान कही ना कही तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद के रूप में देखा जा रहा है क्यों कि जिस तरीके से देश दो ध्रुवों में बट गया है ऐसे में क्षेत्रीय दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि उन्हें हमेशा यह साबित करना पड़ रहा है कि वो बीजेपी का बी टीम नहीं है ।

भ्रष्टाचारियों से लड़ना इतना मुश्किल क्यों होता जा रहा है

मुंबई के एक मित्र का दो दिन पहले फोन आया संतोष भैया सोनी लाइव पर एक सीरीज आया है व्हिसल ब्लोअर  जरूर देखिए व्यापम घोटाले में क्या क्या हुआ है उसी पर आधारित है।इतना ही नहीं संतोष भैया यह सीरिज देखे इसके लिए वो सोनी लाइव का अपना सब्सक्रिप्शन भी भेज दिया ।                                  

कल रात देखने का मौका मिला जैसे जैसे सीरिज बढ़ रहा था वैसे वैसे मेरी संवेदना शून्य होती जा रही थी और एक समय ऐसा आया कि टीवी बंद करके सोने चले गये लेकिन पूरी रात ठीक से सो नहीं सके बार बार मेरे जेहन में एक ही सवाल कुंद रहा था इसके लिए जिम्मेदार कौन है, शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार होते तो वो सरकार में नहीं होते उनकी जगह जेल में होता लेकिन ऐसा कुछ भी मध्यप्रदेश में नहीं हुआ तो फिर व्यापम पर आधारित सीरीज को देखने और व्यापम पर चर्चा करने का मतलब क्या है लेकिन सुबह जब उठा तो लगा नहीं व्यापम घोटाले को उजागर करने वाला व्हिसल ब्लोअर एक साधारण लड़का ही तो है आज भी साइकिल पर पुलिस बॉडीगार्ड के साथ इधर उधर घूमता रहता है ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी ही चाहिए चाहे अंजाम सिफ़र ही क्यों ना रहे।भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इंदिरा गांधी ,राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार चली गयी फिर भी भ्रष्टाचार कभी इस देश में राजनीतिक मुद्दा से आगे नहीं बढ़ पाया जबकि इस देश में भ्रष्टाचार के बढ़ कर दूसरी कोई समस्या नहीं हैं देश की एक सौ 25 करोड़ आबादी इस समस्या को रोजाना लड़ रहा है लेकिन इस पर कैसे नियंत्रण पाया जा सके इसको लेकर चर्चा तक नहीं होती है।                  

 2– आज बड़ी मछलियों के साथ पूरी व्यवस्था खड़ी  है 
इस देश में भ्रष्टाचारियों को क्या सजा मिले यह कानून के बजाय परिवार और समाज पर छोड़ दिया गया था जब तक परिवार और समाज जैसी संस्थान मजबूत रही भ्रष्टाचार नैतिक बल के सहारे नियंत्रित रहा लेकिन अब वो स्थिति नहीं है लोक लज्जा पूरी तौर पर खत्म हो गया  पहले परिवार समाज भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े होने से परहेज करते थे लेकिन आज तो खुल कर साथ खड़े हो जाते हैं। इसलिए इस देश में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना है तो सबसे कड़े कानून बनाने की जरूरत है क्योंकि यही एक अपराध जिसको मजबूत ढांचा के सहारे नियंत्रित किया जा सकता है ।  कल कांपी घोटाले मामले में  मगध विश्वविद्यालय के विनोद कुमार लाइब्रेरी इंचार्ज प्रोफेसर जयनंदन प्रसाद सिंह, पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा रजिस्ट्रार और सुबोध कुमार असिस्टेंट को कल पुलिस ने गिरफ्तार किया है वही राजभवन कांपी घोटाले के किंगपिन कुलपति की छुट्टी स्वीकृत कर भागने का मौका दे रही है इतना ही नहीं  मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कुद्दू जो राजभवन में तैनात अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के साथ खड़े होने कि बात की तो उन्हें पद छोड़कर जाना पड़ा ।एक सप्ताह पहले निगरानी की टीम जिस लेबर एनफोर्समेंट अधिकारी (श्रम प्रवर्तन अधिकारी)दीपक शर्मा के घर से 2.25 करोड़ रुपए कैश बरामद किया था और इसके अलावा करोड़ों रुपए की कीमत वाले सोने के जेवरात, प्रॉपर्टी के पेपर और  कई बैंकों का अकाउंट डिटेल मिला था उस मामले में अपडेट यह है कि दीपक शर्मा की पत्नी निगरानी विभाग को डॉक्टर का एक रिपोर्ट सौपा है जिसमें लिखा है कि दीपक शर्मा का मेमोरी लॉस हो गया है इसलिए इनसे पूछताछ ना करे और अगर पूछताछ करते हैं तो उनकी तबीयत बिगड़ती है तो निगरानी के अधिकारी जिम्मेदार होंगे इस तरह का दुस्साहस कोई डॉक्टर कर रहा है तो समझ सकते हैं कि कितने बड़े स्तर पर भ्रष्ट अधिकारियों के साथ सिस्टम खड़ा है ।


 मोतिहारी के आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या को लेकर उसके परिवार वालो का आये दिन मैसेज करते रहते हैं अभी अभी मैसेज आया है कि हम लोग आज फिर सड़क पर उतर गये हैं क्यों कि अभी तक गिरफ्तार अपराधी के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दायर नहीं किया और ना ही इस मामले में जिस नेता का नाम सामने आया उसे गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस पुछताछ करने को तैयार नहीं है ।            

मतलब सिस्टम भ्रष्ट हो गया है  बात यही नहीं रहा बात इससे अब बहुत आगे निकल गया है सिस्टम अब भ्रष्ट लोगों के साथ खुल कर खड़ी हो गयी है ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना मुश्किल होता जा रहा है ।ऐसे में जरूरी है कि आये दिन भ्रष्टाचार से तबाह हो रहे लोग एक साथ खड़े हो तभी ये लड़ाई जीती जा सकती है नहीं तो यह बीमारी इस तरह फेल रहा है कि आने वाले समय में लाइलाज हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।

“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 135 लोगों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 135 लोगों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 135 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर एवं विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग एवं विधि विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल होकर 135 लोगों की शिकायतें सुनीं। गोपालगंज से आए एक युवक ने बताया कि सर्किट हाउस की मरम्मती का काम 1998 में उनके पिता ने कराया था, जिसका भुगतान अब तक लंबित है। विभाग ने भुगतान लटका दिया तो मामला कोर्ट में गया और कोर्ट का निर्णय आने के बाद भी आज तक भुगतान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया।
अरवल से आए एक व्यक्ति ने कहा कि करपी प्रखंड के अंतर्गत पुराण पैक्स में धान खरीद में अनियमितताएं हो रही हैं। वहीं लखीसराय से आए एक व्यक्ति ने सड़क निर्माण में उनके अधिग्रहीत जमीन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधुबनी जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि लोक सेवा अधिकार काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी बिना पैसे का काम नहीं करते हैं, इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई। मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आवेदन करने की बात पर कहा गया कि मुख्यमंत्री तक भी जाने से कुछ नहीं होगा। युवक की समस्या सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

गया सदर के एक व्यक्ति ने सब्जी उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए परैया प्रखंड में सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग की। वहीं समस्तीपुर के एक व्यक्ति ने बाढ़ के कारण प्रभावित खरीफ फसलों की क्षति के बदले अभी तक अनुदान नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

कौवाकोल, नवादा के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि अंबा मोड़ से अफरडीह ग्राम तक पक्की सड़क का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। वहीं कैमूर के नुआंव से आए एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री जी ने जल-जीवन-हरियाली के दौरान किया था, वहां सड़क निर्माण हुआ लेकिन गांव के लोगों की मांग के बाद भी वहां वृक्षारोपण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

फुलवारीशरीफ की एक महिला ने राशन कार्ड नहीं बनाए जाने की शिकायत की। वहीं फुलवारीशरीफ से ही आए एक व्यक्ति ने कहा कि वह पटना नगर निगम के अंतर्गत टैक्स भुगतान करता है लेकिन उसके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

कुटुंबा, औरंगाबाद के एक व्यक्ति ने बिजली बिल में अनियमितता के संबंध में शिकायत की। वहीं शेखपुरा, बरबीघा के एक व्यक्ति ने निजी जमीन पर सरकारी नलकूप लगा देने के बाद बाकी खेत में जलजमाव की स्थिति बने रहने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

करगहर, रोहतास के एक व्यक्ति ने जन वितरण प्रणाली विक्रेता की अनुज्ञप्ति में अनियमितता के संबंध में शिकायत करते हुए कहा कि प्रथम स्थान पर रहने के बावजूद पांचवे स्थान पर रहने वाले आवेदक को लाइसेंस दिया गया। वहीं रजौन, बांका की एक महिला काष्ठ आधारित लाईसेंस निर्गत करने की मुख्यमंत्री से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस पर जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड से आए युवक ने कहा कि उनके गांव तक आज भी सड़क नहीं बनाया गया है। वहीं भागलपुर के एक व्यक्ति ने चौर विकास योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण एवं बिजली आपूर्ति में हो रही बाधा के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीएम नीतीश कुमार 22 दिसंबर से निकलेंगे समाज सुधार अभियान पर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान
के तहत प्रदेश के जिलों में जाएंगे और शराबबंदी समेत कई अन्य योजनाओं की समीक्षा करेंगे । 22 दिसंबर को चंपारण से शुरू होने वाली यह यात्रा2 दिसंबर से समाज सुधार यात्रा पर निकलेंगे। यात्रा 15 जनवरी तक जारी रहेगी और पटना और नालंदा में आकर यात्रा का समापन होगा।

मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार यात्रा राज्य के छह प्रमंडलों के एक-एक जिलों में जबकि तीन प्रमंडल पटना मुंगेर और तिरहुत के दो-दो जिलों में होगी। प्रमंडल में आने वाले जिले चिह्नित जिले के कार्यक्रमों में भाग लेंगे। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री एक ओर जहां जनसभाएं करेेंगे वहीं जन कल्याण योजनाओं की समीक्षा भी इस दौरान होगी। कार्यक्रमों में जीविका समूह की महिलाएं भी भाग लेंगी और राज्य में पूर्ण शराबबंदी अभियान, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह मुक्ति अभियान से संबंधित सरकार की नीतियों एवं निर्णयों पर अपने विचार रखेंगी। मुख्यमंत्री के साथ जनसभाओं में मुख्य सचिव, गृह विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी और संबंधित जिले के प्रभारी सचिव मौजूद रहेंगे।

समाज सुधार अभियान पर सीएम ने कहॉ महिलाओं को सहयोग चाहिए

इस दौरान मुख्यमंत्री जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे।
सीएम के इस समाज सुधार अभियान का ब्रांड एंबेसडर जीविका दीदियों को बनाया गया है.बिहार में करीब जीविका दीदियों की संख्या करीब सवा करोड़ से अधिक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस समाज सुधार यात्रा में जीविका दीदियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. अपने यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जनसभा को संबोधित करने के साथ ही जीविका दीदियों से भी मिलेंगे साथ ही जीविका दीदियों के ग्रुप में नये लोग शामिल हो इसका भी अभियान चलाया जायेंगा।

राज्य के अदालतों में वकीलों, मुवक्किलों व महिला अधिवक्ताओं के लिए नहीं उपलब्ध है बुनियादी सुविधाएं

पटना हाई कोर्ट ने राज्य के अदालतों में वकीलों, मुवक्किलों व महिला अधिवक्ताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। बिहार राज्य बार कॉउन्सिल के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता रमा कांत शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई हुए केंद्र व राज्य सरकार से जवाबतलब किया। शपथ – पत्र दायर करने का आदेश दिया है।

राज्य के अदालतों में जरूरत के अनुसार वकालतखाना आवश्यक भवन निर्माण किये जाने, लाइब्रेरी, कैंटीन निर्माण किये जाने व शौचालय के निर्धारित अवधि में निर्माण के लिए ये जनहित याचिका दायर की गई है।याचिकाकर्ता वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अदालतों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय है। जबकि सरकार ने वकालतखाना के निर्माण व लाइब्रेरी के निर्माण किये जाने को लेकर नीतिगत फैसला लिया था।

किंतु, अभी तक कुछ नहीं किया गया है और न ही बजट में कोई प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार को सदन में कोई निश्चित वादा करना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि इस आशय का प्रश्न बिहार विधान परिषद के एडिशनल सेक्रेटरी के 5 मार्च, 2013 के मेमो में उल्लेख किया हुआ है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि विधान परिषद के 7 सदस्यों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए राज्य सरकार की ओर से बयान दिया गया था।इसमें यह कहा गया था कि राज्य में वकालतखाना व लाइब्रेरी के निर्माण और इसके जीर्णोद्धार और विकास के लिए राज्य सरकार के पास एक नीति है।
इसके लिये योजना की मंजूरी प्रक्रियाधीन है।इस मामलें पर पाँच सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

रामोजी फिल्‍म सिटी में सुरक्षा के साथ शुरू हुआ विंटर फेस्‍ट

रामोजी फिल्‍म सिटी में सुरक्षा के साथ शुरू हुआ विंटर फेस्‍ट

हैदराबाद स्थित देश के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्‍थल रामोजी फिल्‍म सिटी में तमाम सुरक्षा के साथ विंटर फेस्‍ट की शुरुआत हो चुकी है. यह 45 दिनों तक जारी रहेगा. विंटर फेस्‍ट में अनेक आकर्षण हैं जो पर्यटकों को भरपूर मनोरंजन के साथ ही यादगर अनुभव कराते हैं. यदि आप अपनी छुट्टियों में कहीं घूमने का प्‍लान कर रहे हैं तो रामोजी फिल्‍म सिटी आपके लिए सबसे सुरक्षित और सबसे आरामदायक स्‍थान हो सकता है. यहां ठहरने, खाने-पीने और शानदार लोकेशंस का आनंद लेने के साथ कई तरह के मनोरंजक स्‍थलों का मजा लिया जा सकता है.

रामोजी फिल्‍म सिटी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे बड़ी फिल्‍म सिटी माना है. यहां भारत ही नहीं बल्कि कई विदेशी फिल्‍मों की शूटिंग हो चुकी है. बॉलीवुड फिल्‍मों में तमाम सुपर स्‍टार्स की सुपर हिट फिल्‍मों की शूटिंग यहां होती रहती है. शाह रुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अमिताभ बच्‍चन की कई फिल्‍में यहां शूट हो चुकी हैं. गोलमाल सीरीज, चेन्‍नई एक्‍सप्रेस, दिलवाले भी यहीं शूट हुई है और इसके डायरेक्‍टर रोहित शेट्टी अपनी हर फिल्‍म के लिए रामोजी फिल्‍म सिटी ही आते हैं. वहीं तमिल, तेलुगू, कन्‍नड़, मलयालम सहित अन्‍य फिल्‍मों की शूटिंग यहां हर महीने होती रहती है. पर्यटकों को लाइव शूटिंग और फिल्‍म मेकिंग का अनुभव कराने के लिए फिल्‍म सिटी में रामोजी मूवी मैजिक बनाया गया है. यहां आकर पर्यटक किसी जादुई ख्‍वाब में खो जाते हैं.

कारोना वायरस और उसके वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए रामोजी फिल्‍म सिटी में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किए गए हैं. पर्यटकों की थर्मल स्‍क्रीनिंग और सेनिटाइजेशन के साथ ही मास्‍क आदि जैसे सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. लोगों की भीड़ न हो इसके लिए भी प्रबंध किए गए हैं. वहीं खाने-पीने और साफ-सफाई के लिए पहले से ही वर्ल्‍ड क्‍लास स्‍तर के मापदंड लागू हैं.

विंटर फेस्‍ट ही है सबसे अच्‍छा समय
रामोजी फिल्‍म सिटी में अपनी छुट्टियों का आनंद लेने के लिए यह समय सबसे अच्‍छा समय है. यहां का मौसम इस समय सबसे अच्‍छा होता है. वहीं रामोजी फिल्‍म सिटी के अंदर स्थित लक्‍जरी और बजट होटल्‍स का भी उपयोग किया जा सकता है. रामोजी फिल्‍म सिटी में डेस्‍टीनेशन वेडिंग और कारपोरेट इवेंट्स भी होते रहते हैं. इसके लिए यहां प्रशिक्षित स्‍टाफ भी है. इन सब के लिए रामोजी फिल्‍म सिटी की वेबसाइट www.ramojifilmcity.com या टोल फ्री नंबर 18001202999 पर संपर्क किया जा सकता है.

सैनिटरी इंस्पेक्टर पद पर बहाली को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई स्टाफ सेलेक्शन कमीशन से हलफनामा तलब किया

पटना हाई कोर्ट ने सैनिटरी इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति हेतु ली गई लिखित परीक्षा में क्वालीफाइंग मार्क्स तय करने के मामलें दायर याचिका पर राज्य सरकार व स्टाफ सेलेक्शन कमीशन से जवाबी हलफनामा तलब किया है। जस्टिस पी बी बजन्थरी ने शेखर कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।
विज्ञापन संख्या 08010116 के आलोक में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह का कहना था कि स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा लिया गया निर्णय बिहार सैनिटरी इंस्पेक्टर कैडर रूल्स, 2014 के प्रतिकूल है। इसलिए, याचिका में निर्णय को रद्द करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
इतना ही नहीं, लिया गया निर्णय भूतपूर्व पर्सनल व एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट द्वारा 16 जुलाई, 2007 को लिए गए निर्णय के भी विपरीत है। याचिकाकर्ता ने लिखित परीक्षा के आधार लिखित परीक्षा में शामिल हुए पर सभी 385 अभ्यर्थियों के सूची को प्रकाशित करने हेतु आदेश देने का मांग भी की गई है।

चूंकि सैनिटरी इंस्पेक्टर के लिए विज्ञापन में निकाले गए वेकैंसी से 2. 5 (ढाई ) गुना से कम है। इसके लिये बिहार सैनिटरी इंस्पेक्टर कैडर रूल्स , 2014 के प्रावधानों के विरूद्ध है।
इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

फिर विवादों में घिरी लिपि सिंह इस बार हत्या करने का लगा है आरोप

बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह एक बार फिर विवादों में घिर गयी हैं इस बार इन पर और भी गंभीर आरोप लगा है आरोप है कि कभी उत्तर बिहार का डाँन रहा पप्पू देव को इन्होंने पीट पीट कर हत्या कर दिया है जानकार बता रहे हैं कि सहरसा के एक ट्रेनी डीएसपी और नगर थाने में तैनात पुलिस पदाधिकारी एसपी के आदेश पर पप्पू देव की इतनी पिटाई कर दी है कि इनकी हिरासत में ही मौत हो गयी।हलांकि पुलिस का कहना है कि पप्पू देव की मौत हार्ट अटैक से हुआ है लेकिन पप्पू देव के शरीर पर जो जख्म के निशान हैं वो निशान बता रहा है कि पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की है । 1—नौकरी के शुरुआत से ही विवादों में रही है लिपि सिंह
इससे पहले भी जब ये एएसपी बाढ़ थी तो उस दौरान इन पर बाहुबली अनंत सिंह के आवास से एक0के047 बरामदगी मामले में उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा हुआ था और यह आरोप लगा था कि राजनीति के तहत अनंत सिंह को फसाया गया है ।2020 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग इनको बाढ़ से हटा दिया था इस आरोप में कि ये एक दल विशेष के मदद के लिए काम कर रही है ।

इसी तरह जब इसकी पहली पोस्टिंग मुंगेर एसपी के रुप में हुई तो दुर्गा पूजा के दौरान हुए गोलीकांड मामले में इन पर बहुत ही गंभीर आरोप लगा था और सरकार रातो रात इनका मुंगेर से तबादला करना पड़ा । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट पटना इस गोलीकांड से जुड़े मुकदमे की मॉनिटरिंग कर रही है और हाईकोर्ट अभी भी सीआईडी के जांच से संतुष्ठ नहीं है और यही वजह है कि इस मामले से जुड़े सीआईडी के पूर्व एडीजी विनय कुमार के तबादले के बावजूद हाईकोर्ट मुंगेर गोलीकांड के जांच तक इस मामले से जुड़े रहने का आदेश दिया है ।2—सरकार की सरपरस्ती के कारण नौकरी बची हुई है लिपि सिंह 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी है बाढ़ एएसपी के बाद मुंगेर और सहरसा जिले के एसपी के रूप में अभी तक इसी पोस्टिंग हुई है बीच में चुनाव आयोग के आदेश की वजह से कुछ दिनों के लिए फील्ड से बाहर रही। हालांकि बाढ़ एएसपी से सीधे बिहार के सबसे पुराने और बड़े जिले मुंगेर के एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग होने के बाद से ही यह सवाल खड़े होने लगे थे की आखिर सरकार इस पर इतना मेहरबान क्यों है इसी तरह मुंगेर में दुर्गा पूजा के दौरान जो घटना घटी उस दौरान उनकी जो भूमिका रही आज कोई दूसरा अधिकारी होता तो नप गयी रहती ऐसी सरे आम चर्चा पुलिस मुख्यालय में है ।

इनके पिता भारत सरकार में मंत्री है और जदयू के नीतीश के बाद नम्बर दो के नेता है ।3—पप्पू देव मामले में सियासत हुई तेज
पप्पू देव की मौत मामले में उसके चाचा और बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष ने लिपि सिंह पर संगीन आरोप लगाया है उनका कहना है कि लिपि सिंह के नेतृत्व में और सोची समझी साजिश के तहत पप्पू देव की हत्या की गई। चाचा शालिग्राम ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम लेते हुए कहा कि लिपि सिंह उनकी बेटी हैं और सहरसा की पुलिस अधीक्षक हैं सीएम नीतीश कुमार को इसपर एक्शन लेते हुए जनता को बताना चाहिए कि सभी को न्याय मिलेगा।वही पप्पू यादव भी इस मामले को हत्या करार देते हुए एसपी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग सरकार से की है ।

हिन्दू देवता और ब्राहाण को गाली देना जीतन राम मांझी के राजनीति का हिस्सा है

बिहार की राजनीति में इस समय जो भी दल सक्रिय है उनके प्रमुख की बात करे तो उनमें जीतन राम मांझी राजनीति के बेहद मंजे हुए खिलाड़ी हैं उनके हर बयान में कुछ ना कुछ संदेश रहता ही रहता है, वही वो बेहद चतुर भी हैं चालाक भी हैं लेकिन जाति वोट पर पकड़ नहीं होने के कारण दलित नेता की तरह सौदेबाजी नहीं कर पा रहे हैं यह जो छटपटाहट है वो उसी की निशानी है ।

हाल के दिनों में ये लगातार बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं नीतीश कुमार मगध के विकास के लिए पैसे मुहैया कराये नहीं तो साथ छोड़ देगे ,बिहार का हर बड़ा व्यक्ति रात में शराब पीता है शराबबंदी कानून की वजह से गरीब लोग जेल जा रहे हैं गुजरात की तरह यहां भी शराबबंदी लागू होनी चाहिए और कल इन्होंने मुसहर समाज में हिंदुत्व को लेकर पैदा हुए आकर्षण पर बोलते बोलते अपने समाज के साथ साथ ब्राह्मण को भी अपशब्द कह दिया ।ब्राह्मण वाले बयान पर बवाल मचा हुआ है भाजपा और जदयू दोनों मांझी के बयान को लेकर असहज है हालांकि कल उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दे दिया है और कहा है कि मेरे बयान को अन्यथा ना ले मैंने ब्राह्मण समाज को गाली नहीं दिया है लेकिन दूसरे बयान के दौरान भी एक बार फिर वो बाते कह गये जो वो अपने समाज को कहना चाहते हैं।

उनका बयान बड़बोलापन नहीं है याद करिए जब वो मुख्यमंत्री थे उस समय उनका एक बयान पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया था मांझी ने आरोप लगाया था कि मधुबनी के जिस मंदिर में उपचुनाव के दौरान उन्होंने पूजा-अर्चना की, उस मंदिर को बाद में न सिर्फ मंदिर बल्कि मूर्ति को भी धोया गया ।

मांझी के इस बयान के बाद मुकदमा भी दर्ज हुआ था और बाद जब बवाल मचा तो उन्होंने कहा कि उनको एक नेता ने कहा था लेकिन सवाल यह है कि मांझी इस तरह का बयान देते क्यों है मांझी जिस जाति से आते हैं वो आज भी बिहार का सबसे पिछड़ा ,अशिक्षित और भूमिहीन जाति है इस जाति से गरीब बिहार में दूसरी कोई जाति नहीं है परम्परागत रूप से ये जो काम करते आ रहे थे अब वो काम जेसीबी और ट्रैक्टर से होने लगा है जिस वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी से जो मिट्टी काटने का काम करते आ रहे थे वो उससे छिन गया ।

बाद के दिनों में देशी शराब बनाने के काम में पूरा का पूरा मांझी जाति लग गया वो भी शराबबंदी के बाद प्रभावित है ऐसे में मांझी जाति के सामने जीवन मरण का सवाल है इसलिए जीतन राम मांझी शराबबंदी को लेकर लगातार सवाल खड़े कर करे है ताकि वो अपनी जाति के लोगों के बीच पैठ बना सके ।

वही हिन्दू देवी देवता और ब्राह्मण पर हमला भी उसी राजनीति का हिस्सा है क्यों कि अभी भी जीतन राम मांझी रामविलास पासवान या फिर जगजीवन राम जैसे दलित नेता की तरह अपनी जाति के नेता नहीं बन पाये हैं और यही वजह है कि जीतन राम मांझी इस तरह का बयान दे रहे हैं ताकि उनका समाज उनके करीब आये क्यों कि मगध और मिथिलांचल में बीस से अधिक विधानसभा क्षेत्र है ऐसा है जहां मांझी का वोट काफी मायने रखता है ।

लेकिन आज भी उसका वोट बिकाऊ वोट के रूप में जाना जाता है मांझी इसी को तोड़ना चाह रहे हैं और इस तरह के बयान के सहारे अपनी जाति में पैठ बनाना चाह रहे हैं उनकी यह कवायत मुख्यमंत्री बनने के समय से ही चल रहा है अभी भी इनकी कोशिश यही है कि पैसा जिससे भी ले लेकिन अन्य दलित वोटर की तरह मांझी वोटर मेरे साथ खड़े रहे ।

ये सारी कवायत उसी को ध्यान में रख कर मांझी आये दिन नैरेटिव बनाते रहते हैं क्यों कि आज भी मांझी को बिहार की राजनीति में जो हिस्सा मिल रहा है वो दलित की राजनीति में जो दलित के पहचान की जो राजनीति चल रही है उसके तहत मिल रहा है लेकिन मांझी रामविलास पासवान की तरह ही सत्ता में भागीदारी चाह रहे हैं और ये जो छटपटाहट उसी को लेकर हैं ।

बिहार में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले की कवायत हुई शुरु कई जिले के एसपी सहित डीआईजी ,आईजी,एडीजी और डीजी स्तर के अधिकारी बदले जायेगे

नये वर्ष में प्रोन्नति की वजह से पूरे बिहार के पुलिस महकमें में पटना एसएसपी ,आईजी पटना सहित एसपी और डीआईजी रैंक के अधिकारियों के तबादलों की कवायत शुरु हो गयी है।

बिहार एडीजी एके अंबेदकर को डीजी रैंक में प्रोन्नत किया गया है। 1992 बैच के एके अंबेदकर अभी एडीजी वायरलेस के पद पर पदस्थापित हैं।

वहीं वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अफसर प्रवीण बशिष्ठ और प्रीता वर्मा को डीजी रैंक में प्रोमार्फा प्रोन्नति दी गई है। दोनों अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कुल 31 आईपीएस एडीजी, आईजी, डीआईजी और प्रवर कोटि वेतनमान में प्रोन्नत किए गए हैं। प्रोन्नति 1 जनवरी 2022 या प्रोन्नत कोटि में पदस्थापन के समय से प्रभावी होगी।

अजिताभ कुमार व संजय सिंह बने एडीजी
दो अफसरों को एडीजी रैंक में प्रोन्नति मिली है। वर्ष 1997 बैच के आईपीएस दरभंगा अजिताभ कुमार और पटना आईजी संजय सिंह एडीजी में प्रोन्नत हुए हैं।

5 आईपीएस की आईजी में प्रोन्नति
वर्ष 2004 बैच के 5 आईपीएस अफसरों को आईजी में प्रोन्नति दी गई है। इनमें विनय कुमार, प्राणतोष कुमार दास, पंकज सिन्हा, ललन मोहन प्रसाद और जितेन्द्र मिश्रा शामिल हैं।

13 बने डीआईजी
वर्ष 2004 बैच के आईपीस सुनील कुमार के अलावा वर्ष 2008 बैच के पटना एसएसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा, सत्यवीर सिंह, विकास बर्मन, निताशा गुड़िया, किम, मनोज कुमार, संजय कुमार, विकास कुमार, दिलीप कुमार मिश्रा, अश्विनी कुमार, अमजद अली और अरविंद ठाकुर डीआईजी में प्रोन्नत किए गए हैं।

प्रवर कोटि वेतनमान में प्रोन्नति
वर्ष 2008 बैच के विवेकानंद के अलावा 2009 बैच के आईपीएस अफसर नवीन चंद्र झा, बाबू राम, जयंतकांत, मानवजीत सिंह ढिल्लों, हरप्रीत कौर, मो. अब्दुल्लाह और बिनोद कुमार को 1 जनवरी 2022 के प्रभाव से प्रवर कोटि वेतनमान में प्रोन्नति प्रदान की गई है। इस प्रोन्नति के फलस्वरूप वर्तमान पदस्थापन प्रभावित नहीं होगा।

भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आज दूसरे दिन भी जारी है अभियान ग्रामीण कार्य विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर चढ़ा निगरानी के हत्थे

भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जारी अभियान के दौरान आज पटना में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने ग्रामीण कार्य विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अजय कुमार सिंह के घर छापामारी किया है जहां इसके इंन्द्रपुरी इलाके में स्थित घर पर छापेमारी चल रही है जहां अभी तक एक करोड़ रुपया से अधिक कैश बरामद किया गया है।

करीब 1 करोड़ से रुपए पोस्ट ऑफिस में इन्वेस्ट करने के सबूत मिले हैं। एक करोड़ से अधिक के ज्वेलरी और अलग-अलग जगहों पर खरीदे गए करोड़ो रुपए के जमीन की डीड, कई बैंक अकाउंट्स के पासबुक अब तक बरामद किए जा चुके हैं।अभी भी तलाशी चल ही रही है ।

बरामद कैश की गिनती के लिए मंगाई गई है मशीन

बरामद कैश की गिनती के लिए मशीन मंगाई गई है। ज्वेलरी और जमीन की वैल्यू के लिए भी वैल्यूवर को बुलाया गया है। पोस्ट ऑफिस में किए गए इंवेस्टमेंट की डिटेल्स भी खंगाली जा रही है।

निगरानी टीम की यह कार्रवाई अभी अगले कई घंटों तक जारी रहेगी। दरअसल, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अजय कुमार सिंह ग्रामीण कार्य विभाग के तहत लंबे वक्त से मसौढ़ी में पोस्टेड हैं।

भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस वाली सरकार के मुलाजिमों के घर मिल रही है करोड़ो की अवैध सम्पत्ति

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के खिलाफ आक्रोश की एक बड़ी वजह सूबे में व्याप्त अफसरशाही और भ्रष्टाचार था और इसका असर चुनाव परिणाम पर भी देखने को मिला 2005 से लगातार बिहार की सबसे बड़ी पार्टी रही जदयू तीसरे नम्बर पर चली गयी।हालांकि इस बार मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार अपने आपको को 2005 वाली छवि की और लौटने कि कोशिश करते दिख रहे हैं और इसी का असर है कि पिछले पांच छह वर्षो से सुस्त पड़ी भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने वाली ऐंजसी सक्रिय हो गयी है।1–भ्रष्ट्राचार रोकने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है                       
नोटबंदी के फैसले को लेकर पीएम मोदी ने देश की जनता को जो भरोसा दिलाया था उस भरोसे पर सिस्टम खड़ा  उतर नहीं पाया,  बिहार में पिछले एक माह के दौरान जिन अधिकारियों के यहां छापेमारी हुई है ऐसा कोई अधिकारी नहीं मिला जिसके घर से बरामद नोट को गिनने के लिए मशीन नहीं लाना पड़ा हो ।               

 इतना ही नहीं हर अधिकारी के लॉकर से जेवर,जमीन और रियल स्टेट में निवेश का कागजात बरामद  हो रहा है ऐसा भी नहीं है कि जिन अधिकारियों के यहां छापामारी हुई है वो राज्य के सबसे भ्रष्ट अधिकारी हैं हालात यह है कि थोड़ी ईमानदारी से कार्यवाही शुरु हो तो बिहार के अधिकारियों के पास से इतनी अवैध संपत्ति बरामद हो सकती है जिससे राज्य का काया कप्ल हो सकता है लेकिन सत्ता भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तैयार नहीं है यह भी साफ दिख रहा है ।               

2–भ्रष्टाचार लगाम लगाया जा सकता है  ये कहना कि भ्रष्टाचार पर रोका नहीं लगाया जा सकता है ऐसा नहीं है सरकार की इच्छाशक्ति हो तो चंद घंटों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सकता है भ्रष्टाचार से अर्जित पैसे का कहां कहां निवेश हो रहा है बस उसको चेक कर देना है।फिर जिस तरीके से पुलिस विभाग ने भ्रष्ट अधिकारियों  पर स्पीडी विभागीय कार्यवाही करके अधिकारियों की सेवा समाप्त किया है उसी तरीके से सिविल सेवा से जुड़े भ्रष्ट अधिकारियों का भी स्पीडी विभागीय कार्यवाही करके सेवा समाप्त करनी शुरु  हो जाये  देखिए 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो जायेगा ।हुआ क्या पुलिस वाले तो विभागीय कार्यवाही करके घूस लेने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर दिया लेकिन सिविल विभाग से जुड़े कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक जो भी घूस लेते हुए अभी तक पकड़े गये हैं एक पर भी विभागीय कार्यवाही पूरी नहीं हुई है उलटे इस बीच निलंबन मुक्त होकर फिल्ड में पोस्टिंग करवा लिया है और सरकार के पैसे से ही केस लड़ रहा है और इस मामले में नीतीश कुमार कुछ नहीं कर पाये जब भी यह सवाल उठा विभाग को कार्यवाही करने का आदेश हुआ दो तीन माह सुनवाई तेज हुई फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया ये नेकसस जिस दिन टूट जाएगा प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक जो भ्रष्टाचार का गठजोड़ बना है वो टूट जाएगा। अभी क्या है पकड़े भी जायेंगे तो क्या होगा डीएम साहब बचा लेंगे जिस दिन यह संरक्षण समाप्त हो जाएगा उसी दिन से लेन देन में कमी आनी शुरू हो जाएंगी ।


3–बिहार के अधिकारी कहां कहां निवेश कर रहे हैं 
 बिहार के अधिकारियों का आजकल निवेश का एक नया ठिकाना छत्तीसगढ़ बना है जहां के अधिकांश बिल्डर के कम्पनी में बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारियों के पैसा का निवेश हो रहा है , दूसरा ठिकाना बिहार में मुजफ्फरपुर से सकरी और दरभंगा से जयनगर के बीच फोरलेन और एनएच के किनारे की जमीन पर बिहार कैडर के अधिकारियों का बड़ा निवेश हो रहा है।  तीसरा जो बड़ा निवेश हो रहा है वह है  बिहार की एक रिटेल कंपनी है जिसका आज कल अनुमंडल स्तर पर दुकानें खुल रही है वहां भी बड़ा निवेश हो रहा है और यह काम बड़ा आसान है बिहार में जमीन और अपार्टमेंट्स  की जो भी रजिस्ट्री हो रही है उसके खरीददार का डाटा बेस मौजूद है उस पर काम करना शुरू कर दीजिए बहुत कुछ सामने आ जायेगा ।
हालांकि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में सरकार का जो अनुभव रहा है उससे सीख लेते नहीं दिख रहे हैं ऐसे में इस तरह की कार्यवाही से भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जायेगा ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है क्यों कि अभी भी बड़ी मछलियों पर हाथ डालने से नीतीश कुमार परहेज कर रहे हैं पूरे बिहार में चौकीदार से लेकर डीजीपी तक भ्रष्ट तरीके से वर्ष में जितना कमा रहा है वैसी कमाई बिहार के दो तीन जिलों के डीएम और सिविल सेवा से जुड़े कर्मी अधिकारी और इंजीनियर कमा रहा है लेकिन 2005 से अभी तक किसी बड़े आईएएस अधिकारी पर कार्यवाही नहीं किया है जबकि पुलिस विभाग में  डीजीपी से लेकर जिले में तैनात एसपी तक पर कार्यवाही हो चुकी है ऐसे में यह सब जो कार्यवाही हो रही है वह महज आईवास है और इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है।

महाबोघि मंदिर ब्लास्ट मामले में तीन आतंकियो को मिली ऊर्म कैद की सजा

महाबोधि मंदिर में हुए ब्लास्ट मामले में आज एनआईए कोर्ट ने आठ आतंकियों में से तीन को उम्र कैद की सजा और पांच अभियुक्तों को 10 साल की सजा सुनाई गई है अहमद अली , पैगंबर सेख और नूर आलम को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है ।जबकि आदिल शेख दिलावर हुसैन मुस्तफिजुर रहमान अब्दुल करीम आरिफ हुसैन को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
गया के महाबोधि मंदिर में जनवरी 2018 को निगम पूजा के दौरान विस्फोट हुआ था इसमें एनआईए ने पूरे मामले की जांच करने के बाद चार्जशीट दाखिल किया था और सभी आठों अभियुक्त ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था ।

दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए बिहार से 332 बच्चे भेजे जाएँगे अहमदाबाद

बाल हृदय योजना के तहत 497 बच्चों की हुई स्क्रीनिंगः मंगल पांडेय
दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए 332 बच्चे भेजे जाएंगे अहमदाबाद
इस साल अप्रेल से हो रहा हृदय रोग के बच्चों के लिए मुफ्त इलाज

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बाल हृदय योजना दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। खासकर मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इसके तहत हृदय रोगों की मुफ्त जांच और इलाज हो रही है। इस योजना के तहत इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 15 दिसंबर से आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क जांच शिविर लगाया गया, जिसमें कुल 500 निबंधित बच्चों में से 497 बच्चों की उपस्थिति रही।
श्री पांडेय ने कहा कि पहले दिन 189, दूसरे दिन 184 और तीसरे दिन 124 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई। पहले दिन की स्क्रीनिंग में 129, दूसरे दिन की स्क्रीनिंग में 118 जबकि तीसरे दिन की स्क्रीनिंग में 85 बच्चे ऐसे पाये गये, जिन्हें सर्जरी के लिए अहमदाबाद भेजने की आवश्यकता है। इसकी शुरुआत 21 फरवरी 2021 से हुई थी और उसी दिन पहला बैच ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया था। उस वक्त से लेकर अब तक राज्य के 262 हृदय रोगों से ग्रसित बच्चों का सफल आपरेशन हुआ है। 10 दिसंबर 2021 को भी 21 और बच्चे राज्य के विभिन्न जिलों से अहमदाबाद इलाज के लिए भेजे गए। अब तक 13 बैच भेजे जा चुके हैं, जिसमें 262 बच्चों का सफल आपरेशन हो चुका है।
श्री पांडेय ने कहा कि लोगों में इस योजना के तहत जागरुकता लाना आवश्यक है। वो जागरुक होंगे तो जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के आयु वाले बच्चों व किशोरों को हृदय रोग से बचाया जा सकता है। राज्य सरकार इसके लिए हरस्तर पर सहायता कर रही है, ताकि बच्चों को उनका जीवन लौटाया जा सके। राज्य में अभी संचालित होने वाले कैंप में इन रोगों की पहचान की जा रही है। जहां से उनकी स्क्रीनिंग कर इलाज के लिए अहमदाबाद के सत्य सांई हॉस्पिटल भेजने की प्रक्रिया की जाती है। इन बच्चों को उम्र के आधार पर परिवार या अभिभावक के साथ सरकारी खर्च पर हवाई जहाज से सत्य सांई अस्पताल भेजती है। साथ ही भोजन और रहने की भी समुचित व्यवस्था करती है।