सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा सेल कंपनियों में निवेश और माइनिंग लीज मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज सुनवाई होगी।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली की खंडपीठ के समक्ष झारखंड सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल की गयी थी।
जिसमें वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया था कि ईडी पीड़ित पक्ष को बिना नोटिस जारी किये हाइकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर दी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन और सेल कंपनियों में निवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट्ट और जस्टिस एस धुलिया की अदालत ने राज्य सरकार की अपील याचिका को अवकाशकालीन पीठ में भेजते हुए 24 मई को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी थी।
आज सुबह 11 बजे झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई होनी है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से पेश सीलबंद रिपोर्ट पेश किए जाने और याचिका की वैधता के खिलाफ अपील दायर की है।
राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री से जुड़ा है और ईडी इस तरह सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकती है।
कपिल सिब्बल ने कहा सीलबंद रिपोर्ट सरकार को भी दिया जाना चाहिए। बिना दस्तावेज सरकार किस आधार पर जवाब दाखिल करेगी।
आज सुप्रीम कोर्ट में इसी मुद्दे पर सुनवाई होनी है।