पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रामनवमी पर बिहारशरीफ और सासाराम सहित चार शहरों में उपद्रव करना उनकी साजिश थी, जिन्होंने रामभक्तों पर पत्थरों से हमला किया और विस्फोट कराये।
- हिम्मत है तो हाल के दंगों की न्यायिक जांच कराये सरकार
- सरकारी जांच से पहले जब सीएम बता रहे हैं साजिश किसकी, तब नाटक क्यों ?
- जान लें, राम भक्तों की प्रताड़ना नहीं है लाल किला पहुंचने का रास्ता
श्री मोदी ने कहा कि साजिश उनकी थी, जो सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर मजहबी कब्जा हटाने के खिलाफ थे। साजिश उनकी थी, जो सम्राट अशोक की जयंती मनाने से भाजपा को रोकना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना तो सही है कि माहौल खराब कराया गया, लेकिन वे लगे हाथ साजिश का आरोप उन्हीं राम भक्तों पर लगा रहे हैं, जिन पर हमले हुए, जिनके घर जले और जिस समुदाय के एक व्यक्ति की जान गई।
श्री मोदी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री पहले ही तय कर रहे हैं कि दंगों की साजिश किन लोगों की, तब राज्य सरकार की जांच का कोई मतलब नहीं।
उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार साम्प्रदायिकता से समझौता नहीं करते तो उन्हें पूरे मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राम भक्तों को प्रतिड़ित करने और दंगाइयों को बचाने का मन बना लिया है। यही उन्हें लाल किले तक पहुँचने का रास्ता लगता है।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में समय पर फ्लैग मार्च क्यों नहीं हुआ? कर्फ्यू लगाने में देर क्यों हुई? केंद्र से अर्धसैनिक बल की पर्याप्त टुकड़ी क्यों नहीं मांगी गई? शोभायात्रा के मार्ग में पड़ने वाले घरों और उनकी छतों की तलाशी पहले क्यों नहीं की गई?
श्री मोदी ने कहा रामनवमी पर चाक-चौबंद सुरक्षा देने में जो सरकार फेल रही और वह खुद ही अपनी जांच करेगी और खुद ही पास घोषित कर देगी।