पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गोयबल्स के चेले लालू प्रसाद झूठ बोलने में वर्ल्ड चैम्पियन हैं, इसलिए वे बिना प्रमाण के कुछ भी बोल सकते हैं।
- कहा, यदि उनके आरोप सही तो राज्यसभा से इस्तीफा दे दूँगा
- पीएम मोदी के रहते कोई खत्म नहीं कर सकता आरक्षण
- भाजपा ने दिया अतिपिछड़ा वर्ग का पहला प्रधानमंत्री, बाकी सभी उसके खिलाफ
- मानस निंदा और मंदिर प्रवेश के जरिये दलित कार्ड खेल रहा राजद
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक और मनीषी विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर की पुस्तक “बंच ऑफ थॉट्स” में दलितों और उनके काशी विश्वनाथ मंदिर प्रवेश के विरुद्ध कोई बात नहीं कही गई है। लालू प्रसाद ने विद्वेष फैलाकर हिंदू समाज को बाँटने के लिए झूठी बात कही।
उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद अपना आरोप साबित कर दें, तो मैं राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दूँगा।
श्री मोदी ने कहा कि भाजपा ने पहली बार देश को अतिपिछड़ा समाज का सुयोग्य प्रधानमंत्री दिया, जबकि बाकी सभी दल उन्हें हटाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र भाई मोदी के पीएम रहते कभी आरक्षण व्यवस्था समाप्त नहीं हो सकती। लालू प्रसाद इस मुद्दे पर भी 2015 से लगातार झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने दलितों-पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराये। वे आज भी महिला आरक्षण और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जनता लालू प्रसाद का आरक्षण-विरोधी चेहरा देख चुकी है, इसलिए 2019 के संसदीय चुनाव में राजद का सूपड़ा साफ हो गया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछड़ों का अपार समर्थन मिल रहा है और हमारे सबसे ज्यादा सांसद इसी वर्ग से हैं।
श्री मोदी ने कहा कि आज मंडल और कमंडल , दोनों भाजपा के साथ हैं। इस व्यापक जनाधार से हताश राजद कभी अपने कोटे के मंत्री से श्रीरामचरित मानस की निंदा करा कर और कभी मंदिर प्रवेश का फर्जी मुद्दा उठाकर दलित कार्ड खेलने की कोशिश करता है। पूर्णिया रैली भी हताशा से उबरने की नाकाम कोशिश थी।