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महिलाओं को लेकर पुरुषों के नजरिया में कोई बदलाव नहीं आया है

महिलाओं को लेकर कितना संवेदनशून्य है मेरा समाज इसका एहसास मुझे बीजेपी विधायक निक्की हेंब्रममामले में एक बार फिर देखने को मिला ।बिहार विधानसभा सत्र को लेकर आयोजित बैठक के दौरान राज्य की एकमात्र आदिवासी विधायिका निक्की हेम्ब्रम ने आदिवासी समाज में महुआ शराब के प्रचलन और उससे जुड़े रोजगार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ कहना चाह रही थी उसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा आप इतनी सुंदर हैं, लेकिन आपको मालूम है कि आदिवासियों के लिए हमने क्या-क्या किया है आप जैसे देखने में हैं उसके ठीक उलट आपका विचार है।

कहने को तो यह सामान्य सी बात है लेकिन मुख्यमंत्री के पद पर बैठे लोगों से ये उम्मीद नहीं कि जा सकती है वैसे नीतीश कुमार को पश्चाताप जरुर हो रहा होगा लेकिन निक्की हेंब्रम को लेकर उन्होंने जो कहां उससे महिलाओं को लेकर उनकी क्या नजरिया है ये जरुर सामने आ गया ।                

उस बैठक में एनडीए के सारे विधायक मौजूद थे लेकिन किसी ने इस बात को लेकर प्रतिकार नहीं किया सब चुप रह गये महिला विधायक को थोड़ा नागवार जरुर गुजरा लेकिन किसी ने भी इस बात को लेकर आवाज उठाना तो दूर काना फूसी से भी बचते नजर आयी।                

लेकिन जैसे ही यह जानकारी मुझे मिली मैं समझ सकता था कि निक्की हेंब्रम किस मानसिक व्यथा से गुजर रही होगी,जब वो राज्य महिला आयोग की सदस्य थी उस वक्त से मेरा इनसे रिश्ता रहा है और मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सरकार और पार्टी के दबाव के बावजूद जिस तरीके से ये उन लड़कियों के साथ अंतिम क्षण तक खड़ी रही उस दौरान मुझे महसूस हुआ था ये अंदर से कितनी मजबूत है और महिलाओं के अधिकार को लेकर कितनी संवेदनशील है ।                 

लेकिन मैं खुद अंदर से इतना शर्मिदा था कि नजर मिलाना तो दूर बात करने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे इस घटना की जब हम अपने मीडिया से जुड़े मित्रों के बीच चर्चा किया और इस खबर को कैसे किया जाए इस पर जब बात करनी चाही तो पता है क्या प्रतिक्रिया आयी निक्की हेंब्रम का खेला लगता है आपको पता नहीं है बहुत घाट की पानी पीये हुए है गुस्सा भी आया लेकिन मैं भी पुरुष हूं महिलाओं को कमजोर करने के लिए बस उसके चरित्र पर सवाल खड़ा हमलोगों की  फ़ितरत है ।           

जिस तरीके से मेरी घेराबंदी की गयी है इसके बावजूद मैंने इस खबर को सबसे पहले सामने लाया नीतीश को गुस्सा क्यों आता है ,नीतीश महिलाओं को लेकर इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते ।खैर कल मेरी एक मित्र निक्की हेंब्रम से मिली और मिलने के बाद जैसे ही बाहर आयी मुझे फोन की तुमको मिलना चाहिए वो अंदर से टूट चुकी है और अकेला महसूस कर रही है ।                

मैं विधानसभा में ही हूं लेकिन मुझे साहस ही नहीं हो रहा है वो महिला जो महिला के अधिकार को लेकर खुद सजग रहती है आज वो खुद इसकी शिकार हो गयी  क्या बात करें कैसे शुरुआत करें मुझे पता है वो अंदर से टूट चुकी होगी खैर तुम बढ़िया से खबर चलाई हो शाम होते होते कुछ ना कुछ होगा जरूर ,फिर भी संतोष एक बार तुम फोन से भी बात कर लो उनको भी मजबूती मिलेगी मैं फोन लगा दिया वो फोन काट दी पता किए जो जानकारी मिली कि उपमुख्यमंत्री और भवन निर्माण मंत्री उनसे बात कर रहे हैं  फिर थोड़ी देर बाद निक्की हेंब्रम का बयान आया कि नीतीश कुमार हमारे गार्जियन हैं. दोनों के बीच गलतफहमी पैदा हो गई थी. मिलकर समाधान कर लेंगे. उन्होंने एक गार्जियन रूप में जो भी मुझे समझाने का प्रयास किया, उस चीज से मैं थोड़ी आहत हूं. लेकिन इस इश्यू को लेकर हम लोग जल्द ही बैठेंगे और मसले को बातचीत के माध्यम से निपटा लेंगे।              

इस तरह का बयान आना स्वाभाविक था क्या कर सकती है पार्टी भी इनके साथ खड़ी नहीं है। विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के काफिला को लेकर मंत्री की गाड़ी को पुलिस ने रोक दिया तो मंत्री जो किये सारी दुनिया देखा बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जो दिल्ली में हैं और संसद की कार्रवाई भाग ले रहे हैं उनकी प्रतिक्रिया बस चंद मिनटों में उनके फेसबुक वाल पर आ गया मंत्री के साथ यह व्यवहार अफरशाही की प्रकाष्ठा है दोषी अधिकारियों पर तुरंत कारवाई होनी चाहिए लेकिन उनके ही पार्टी की महिला विधायक पर इस तरह कि टिप्पणी के बावजूद अभी तक उनका कोई बयान नहीं आया कोई ट्वीट नहीं आया  खैर थोड़ी देर बाद उनसे बातचीत हुई और लम्बी बातचीत हुई बातचीत के दौरान मुझे महसूस हुआ कि वो अब भी आहत है और उनके शब्द अभी भी लड़खड़ा रहा था ।

हमारे आपके लिए ये छोटी बात हो सकती है अरे ये क्या है किसी सुंदर महिला को सुंदर कह ही दिये तो क्या हुआ ये तो कॉम्प्लीमेंट है ।लेकिन कहने का अंदाज और सदर्भ काफी मायने रखता है ये अलग बात है कि आज की राजनीति में निक्की हेंब्रम जैसी संवेदनशील महिलाएं राजनीति में बहुत कम है या यू कहे तो वो अभी राजनीति को समझ नहीं पाई है नहीं तो मुख्यमंत्री का किसी महिला को लेकर इस तरह की प्रतिक्रिया उस महिला को राजनीति की शिखर पर पहुंचा सकती है लेकिन निक्की हेंब्रम ने जिस तरीके से प्रतिवाद की है राजनीति में कदम रखने वाली महिलाओं को सीख लेनी चाहिए ।

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