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पटना हाइकोर्ट ने नाबालिग का नाम उजागर करने के मामले में राज्य के डीजीपी को तीन सप्ताह के भीतर पुलिस अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया है

कोर्ट ने बच्चों और उसके परिवार की पहचान को सार्वजनिक नहीं करने का निर्देश दिया।साथ ही पुलिस अधिकारी या कोई अन्य जो क़ानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने में शामिल पाया जाता है, उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाए।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने नाबालिग के माँ की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

आवेदिका की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पूर्वी चम्पारण के पुलिस ने नाबालिग एंव उसके परिजनों का नाम उजागर कर दिया। एक सोशल मीडिया हाउस ने उसे पूरी खबर बना कर चला दी,जबकि पॉक्सो कानून के तहत किसी का निजता और गोपनीयता बनाए रखने का नियम है ।

इन नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन सभी को करना अनिवार्य है, लेकिन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जा रहा हैं।प्रक्रियाओं का पालन नहीं किये जाने के परिणामस्वरूप, अपराध के शिकार नाबालिग का नाम उजागर किया जा रहा है।

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उनका कहना था कि पॉक्सो कानून की धारा 23 का उल्लंघन किया जा रहा हैं। मीडिया पीड़िता का पहचान का खुलासा कर समाचार प्रकाशित करने में संयम नहीं दिखा रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ मीडिया भी पोक्सो के प्रावधानों और उसके तहत नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

इस मामलें पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।

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