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पुलवामा अटैक का मुख्य आरोपी अभी पकड़ से बाहर है

आज 14 फरवरी है प्यार को पाने का दिन वो प्यार जिसमें घृणा की कोई जगह नहीं है और इंसान अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ दाव पर लगा देता है । वही दूसरी और आज पुलवामा अटैक की तीसरी पुण्यतिथि भी है जो जताता है कि इंसान किस हद तक पागल हो गया है धर्म के नाम पर ,कौम के नाम ,और छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर।

कल से सोशल मीडिया पर  एक मीम चल रहा है  सेना की वर्दी में खड़ा एक नौजवान वैलेंटाइन डे के मौके पर गिफ्ट खरीद रही लड़कियों से पूछ रहा है आज क्या है लड़की कह रही है वैलेंटाइन डे, सैनिक उदास हो जाता है बहना याद करो आज क्या हुआ था ,इस मीम के सहारे क्या याद दिलाना चाह रहे हैं यही ना कि आज हमारे  40 सपूत शहीद हो गये लेकिन अच्छा होता कि आप यह मीम बनाते कि पुलवामा अटैक  के पीछे कौन है , किसने रची थी ये साजिश, कहां से आया था आरडीएक्स अगर मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर  ही था तो पुलवामा अटैक के तीन वर्ष हो गये मौलाना मसूद अजहर को इसकी सजा मिले इसके लिए तीन वर्ष के दौरान क्या कार्रवाई हुई है जो कौम सवाल करना करना छोड़ देता है उस कौम के होने का कोई मतलब नहीं है ।

 आज भेल ही सुबह से हमारे उन 40 शहीद जवानों के मंजार पर आसू बहाने लोग पहुंच रहे हैं लेकिन सच्चाई यही है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलवामा आतंकी अटैक केस में जो 13,500 पन्नों का जो चार्जशीट दायर किया गया है वो सिर्फ कोरी कहानी है ,उस पन्ने में अटैक से जुड़ी कई सवालों का जवाब नहीं है मसलन इतनी बड़ी साजिश के पीछे देश में कौन बैठा हुआ था जम्मू से जब हमारे जवान का काफिला श्रीनगर के लिए चला तो पल पल की जानकारी आतंकी को कौन मुहैया करा रहा था ,छोटे मोटे दुकान चलाने वाले ,कार मिस्त्री देहारी का काम करने वाला इतनी बड़ी साजिश को अंजाम कैसे दे सकता है ।

आरडीएक्स कहां से आया, गाड़ियों के काफिला को सुरक्षित ले जाने को लेकर जो रणनीति बनायी गयी उस रणनीति में कहां चूक हुई और फिर इतनी बड़ी साजिश बिना विभीषण  के सम्भव है क्या। 

ऐसे कई सवाल है इस मामले एनआईए ने 19 आरोपी को बनाया है इनमें से 6 आतंकियों की मौत हो चुकी है इस आतंकी हमले को आदिल अहमद डार नाम के आत्मघाती आतंकी ने अंजाम दिया था. जो मारा गया था. आदिल के साथ मिलकर हमले के लिए आईईडी बनाने वाला उमर फारूक भी मारा गया है

1—-सात  पाकिस्तानी को भी आरोपी बनाया गया है

जैश-ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को एनआईए ने अपनी चार्जशीट में सबसे पहला आरोपी बनाया है. मसूद के अलावा  उसके भाई अब्दुल राउफ और मौलाना अम्मार को भी आरोपी बनाया गया है. मौलाना अम्मार बालाकोट में जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग देता है,इनके अलावा इस्माइल, उमर फारूक, कामरान अली और कारी यासिर के नाम भी चार्जशीट में हैं. ये चारों भी पाकिस्तानी हैं. इनमें से उमर, यासिर और कामरान  मारे जा चुके हैं।

12 कश्मीरी हैं. कश्मीरी आतंकियों में आदिल डार, सज्जाद अहमद भट्ट और मुदस्सिर अहमद खान मारे जा चुके हैं.

 शाकिर ने हमले के लिए कार उपलब्ध कराई थी, साथ ही विस्फोटक, आईईडी भी उपलब्ध कराया था. अब्बास राथर ने ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए हमले में मदद की थी बस इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने वालो की यही सूची है घटना के पीछे जो भी वजह हो सकती है वह सब पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर पर थोप दिया गया है मसलन आरडीएक्स मसूद ने उपलब्ध कराया ,ट्रेनिंग मसूद ने ही करवाया ।

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