गया के आईजी ,एसएसपी और पूर्व डीएम पर कार्रवाई के पीछे क्या है इनसाइड स्टोरी
बिहार में इन दिनों राजधानी पटना से लेकर एक छोटे से गांव तक शराब और जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ा सिडिकेंट काम कर रहा है और इस सिडिकेंट में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ उस इलाके के अपराधी भी शामिल है।गया के डीएम ,एसएसपी और आईजी पर कार्रवाई उसी की एक कड़ी है जहां इन अधिकारियों ने गया में जंगल राज कायम कर रखा था।
सरकार शराबबंदी को लेकर बैचेन है वही गया में पुलिस के संरक्षण में शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था ,पहाड़ का अवैध खनन दिन में चलता था, भूमाफिया का मनोबल इतना बढ़ गया था कि जमीन आपकी कब्जा किसी ओर को करवा कर पुलिस की मौजदूगी में घर बनवा देता था जिसे कहते हैं प्रशासन का नंगा नाच वह नाच गया में चल रहा था
पिछले वर्ष 2021 के अक्टूबर माह में परिवार के साथ बौद्ध गया घूमने गया था इसी दौरान उस इलाके के कुछ किसान मुझसे मिलने बौद्ध गया आये हुए थे उन्होंने बताया कि संतोष जी गया का डीएम ,एसएसपी और सिटी लूट मचाये हुए हैं।डीएम पहाड़ का अवैध खनन करवा रहा है ,एसएसपी और सिटी एसपी थानेदार से मिल कर जमीन पर कब्जा करवा रहा है और शराब माफिया से मिल कर पूरे जिले में अवैध शराब का खेल चल रहा है कुछ कीजिए ।
मैने पुछा अमित लोढ़ा आईजी की छवि तो बढ़िया रही है वो गया एसएसपी भी रहे हैं उनसे मिलिए संतोष जी वो भी मिले हुए हैं गया में अधिकारियों के संरक्षण में जंगल राज चल रहा है ,बातचीत के दौरान ही गया के हमारे जो पुराने पत्रकार मित्र है उनसे भी बात हुई हलात सच में बेहद खराब था लूट मची हुई थी ठीक उसी दिन मैंने गया से ही इस खबर को ब्रेक किया देखिए क्या चल रहा गया में खबर ब्रेक करने के बाद और भी जानकारी मिलनी शुरु हो गयी ।
इसी दौरान मुझे जानकारी मिली की मगध मेडिकल कॉलेज के आसपास की जमीन पर कब्जा को लेकर एसएसपी के इशारे पर उस इलाके के एक किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस आर्म्स एक्ट लगा कर जेल भेज दिया ।
मामला पुलिस मुख्यालय पहुंचा और इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है जांच के दौरान सीआईडी ने पाया कि मगध मेडिकल कॉलेज के इलाके में जमीन कब्जा करने को लेकर एक बड़ा सिडिकेंट चल रहा है और उसी सिडिकेट के इशारे पर किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया है ।
सीआईडी ने आईजी मगध को राकेश रंजन के भतीजे के गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम पर कार्रवाई करने का आदेश दिया शुरुआत में आईजी तीन सिपाही पर कार्रवाई कर शांत बैठ गये लेकिन सीआईडी द्वारा फिर से पत्राचार करने पर इस रेड में शामिल दरोगा को आईजी ने निलंबित कर दिया वह दरोगा एसएसपी का चहेता था और यही से एसएसपी और आईजी के बीच विवाद शुरू हो गया हालांकि कहा ये जाता है कि इससे पहले सब कुछ आपसी सहमति से ही चल रहा था ।
लेकिन एसएसपी भूमाफिया से मिले हुए थे कि सीआईडी के जांच में आर्म्स एक्ट का मामला झूठा पाये जाने के बावजूद भी मामले में गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया बवाल हो लेकिन खबर ये आई कि एसएसपी गया पर किसी खास की मेहरबानी है इसलिए सीआईडी के आदेश के बावजूद भी एसएसपी इस कदर दुस्साहस कर रहे हैं
चुकी इससे पहले आईजी ने जब एसएसपी के चहते दरोगा पर कार्रवाई (जिन पर झूठे आर्म्स एक्ट का मुकदमा करने का आरोप था) किया था तब एसएसपी ने डीजीपी से मिल कर आईजी के रीडर रणधीर सिंह को मधेपुर का तबादला करवा दिया ऐसी गया में चर्चा आम है ।
हालांकि इस तबादले के बाद एसएसपी और आईजी पूरी तौर पर आमने सामने आ गये और इसी दौरान आईजी ने एसएसपी पर शराब माफिया से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए फतेहपुर थाना अध्यक्ष द्वारा शराब बरामदगी मामले में एफआईआर न दर्ज कर सनहा दर्ज कर छोड़ने का मामला उठाते हुए सरकार को पत्र लिख दिया ।
आईजी मधनिषेध ने जांच शुरू किया और जांच में मामले को सही पाया आईजी मधनिषेध ने गया एसएसपी को पत्र लिख कर इस मामले में जवाब मांगा और फतेहपुर थाना अध्यक्ष जिनका तबादला औरंगाबाद हो गया था उस पर कार्रवाई करने को कहा आईजी मधनिषेध ने इसकी पूरी जानकारी सरकार को दिया सरकार के संज्ञान में आते हैं जांच शुरू हुई तो यह खेल सामने आ गया अब देखना यह है कि सरकार इन अधिकारियों का तबादला करके छोड़ देती है या फिर बड़ी कार्रवाई करती है ।