ये बात 2001 या 2002 की है मैं उस समय रोसड़ा से हिन्दुस्तान अखबार के लिए काम करता था सुबह सुबह दीदी(मां) की तेज आवाज सुनाई दी टुनटुन टुनटुन उठो उठो जैसे ही नींद खुली रोने की आवाज सुनाई दी तेजी से उठते हुए बाहर निकले देखते है पांच छह महिला बैठी रो रही है पता चला रात में मनटुन भिरहा से लौट रहा था उसी दौरान जीप से गिर गया और वही मर गया थाना बात हुई तो पता चला कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है।
मनटुनवा का दादा मेरे यहां उस जमाने में टमटम चलाता था उसके पिता मेरा जीप चलाता था इसलिए रिश्ता खानदानी था लेकिन पूरा परिवार बहुत बड़ा पियक्कड़ था ये छोरा भी खुब पीता था फिर भिरहा ने जिस व्यक्ति का गांड़ा चलाता था वो भी बड़ा पियक्कड़ था पता चला रात में वहीं सब मिलकर पिया और फिर मनटुनवा पी कर रोसड़ा के लिए निकल गया भिरहा रोसड़ा रोड़ पर आया और किसी सवारी गाड़ी पर चढ़ा और आगे आने पर गिर गया और सिर फटने से वहीं मौत हो गयी उसी समय वीडियो और एसडीओ से भी बात हुई प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि पैसा की व्यवस्था कर देते है सब चली गयी ।
कल होगे मनटुनवा के पूरे परिवार के साथ राजद का दो तीन नेता सुबह सुबह फिर पहुंच गया वो नेता मुझको कह रहा है कि सर मामला दुर्घटना का नहीं है मनटुन का पांच छह माह का वेतन भिरहा वाला जमीनदार नहीं दे रहा था वहीं लेने गया था उसी में बहस हुई और फिर मार करके रोड़ पर फेंक दिया है ताकी मामला दुर्घटना को बन जाये कुछ कीजिए दलित के साथ बहुत जुल्म हुआ है। मुझे गुस्सा आ गया मैंने कहा मैं खुद घटना स्थल पर गया था लोगों से बात हुई है चाय वाली बता रही थी कैसे घटना घटी है फिर ये सब बात क्यों कर रहे हैं।
उसमें से दूसरा व्यक्ति कहता है संतोष बाबू आप से कुछ छुप थोड़े सकता है इस तरह से खबर चला दीजिए गरीब को फायदा हो जाएगा इसका पूरा परिवार आपके दादा के समय से ही सेवक रहा है और भिरहा वाला जुल्मी जमींदार है आप जानते ही और आपका परिवार सामाजिक न्याय के लिए हमेशा खड़ा रहता है मैंने साफ मना कर दिया कि इस तरह से खबर नहीं चला सकते हैं वैसे चलिए भिरहा उनसे बात करते हैं मनटुन का काम करता था गरीब है मर गया है छोटा छोटा बच्चा है मदद करिए।तय हुआ कल चलते हैं लेकिन वो लोग फिर नहीं और उसके दो दिन बाद पटना से हिन्दुस्तान अखबार के मुख्य पृष्ठ पर खबर छपी बकाया मांगने गया दलित को पीट पीट कर मारा सामंतों ने फिर क्या था नेताओं का ताता लग गया और फिर मनटुनवा की पत्नी के बयान पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और भिरहा वाले को जेल जाना पड़ा ।
यह स्टोरी इसलिए याद आ गयी कि पिछले 48 घंटे के दौरान बिहार में इसी तरह की दो स्टोरी को चलाया जा रहा है और मेरे पास इतना साक्ष्य जरुर है कि इसके पीछे सांप्रदायिक मानसिकता वाले लोग खड़े है ताकी देश स्तर पर तनाव खड़े हो सके और यूपी चुनाव प्रभावित हो ।
पहली स्टोरी मेरे गृह जिला समस्तीपुर से जुड़ा है जहां एक जदयू कार्यकर्ता का वीडियो वायरल हुआ है जिसकी हत्या हो चुकी है वीडियो में दिख यह रहा है कि कुछ लोग उस व्यक्ति को पीट रहा है और पुछ रहा है कि गाय का माँस खाया है कि नहीं तुम्हारे यहां गाय कौन कौन मारता है जबकि जिस युवक की हत्या हुई है उस पर आरोप है कि वो नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ छात्रों का पैसा ठगी कर लिया उसी आक्रोश में लड़को ने इसे घर से बुलाकर उठा लिया और फिर उसी के मोबाईल से उसकी पत्नी को फोन किया कि इसके खाते में मेरा पैसा डाल दो नहीं तो मार देगे गाय और गौ हत्या से कही दूर दूर तक इसका कोई भी वास्ता नहीं है
लेकिन वीडियो वायरल किया गया फिर जब पुलिस पकड़ कर लायी तो एसपी कह रहा है नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के कारण उसकी हत्या हुई है लेकिन उसी एसपी के चैंबर के बाहर उसका बाईट मीडिया वाले को दिलवाया जाता है जिसमें लड़का कहता है गौ हत्या के कारण इसका हत्या कर दिया है हत्यारा और जिसकी हत्या हुई दोनों आसपास के गांव का ही रहने वाला है दोनों गांव के लोगों को सच्चाई पता है लेकिन ऐजेंडा तय करने वाले यहां भी खेल करके चल दिया ताकी देश स्तर पर माहौल बिगड़ सके। वीडियो देख कर कोई सपने में भी नहीं सोच सकता है कि इसके पीछे इतनी बड़ी साजिश हो सकती है हालांकि इस वीडियो के सहारे माहौल बिगाड़ने की कोशिश अभी भी जारी है।
दूसरी खबर रोहतास से है जहां एक चैनल बड़ी प्रमुखता से खबर चला रहा है कि कैथी गांव के लोग मुसलमानों के डर से गांव छोड़ के जा रहे हैं चैनल का हेडलाइन था कैथी को केरोने बनाने की साजिश कल पूरे दिन इस खबर को लेकर हंगामा खड़ा रहा टीवी डिबेट तक हुए लेकिन शाम ढ़लते ढ़लते इसकी भी हवा निकल गयी क्यों कि इस खबर को भी प्लांट करने के पीछे बड़े स्तर पर साजिश रची गयी लेकिन गांव के ही लोग उस साजिश का साथ नहीं दिया वैसे भी यह गांव जिस पंचायत में पड़ता है उसका मुखिया हिन्दू है उस प्रखंड का प्रमुख हिन्दू है उस गांव में 1100 वोटर है जिसमें 600 सौ मुसलमान और 500 हिन्दू वोटर है उस गांव के चारो और हिन्दू है फिर भी खबर को प्लांट किया गया ताकी माहौल बनाया जा सके ।
यह खेल उसी तरीके से चल रहा है जैसे जातिवादी राजनीति करने वाले लोग मामला कुछ भी हो जाति का रंग देने की कोशिश लगे रहते है उसी तरह वामपंथी आज भी कोई घटना घटती है तो उस घटना को सामंतवाद के चश्मे से ही देखना शुरू करता है ताकि उसकी सियासत का बगीचा हरा भरा रहे।
हालांकि जातिवाद,सामतंवाद और सम्प्रदायवादके सहारे जो राजनीति चल रही है उससे हमेशा देश का नुकसान ही हुआ है ऐसे में मीडिया और समाज को इस खेल को समझने की जरूरत है ।