पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना होगा कि दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी में डेढ़ सौ करोड़ के चार मंजिला मकान (डी-1088) के मालिक कैसे बन गए? सीबीआई उनसे ऐसे सवालों का जवाब चाहती है।
ललन सिंह सीबीआई तक पहुँचा चुके हैं पुख्ता सबूत
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में हजारी राय के दो भतीजों ( दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार) को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरी मिली। हजारी राय से एक जमीन 21 फरवरी 2007 को एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवा ली गई।
श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी वाले मकान का स्वामित्व एके इन्फोसिस्टम्स के पास था। बाद में मामूली धन राशि देकर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव इसी कंपनी के मालिक बन गए।
उन्होंने कहा कि जदयू के स्वर्गीय शरद यादव और ललन सिंह ने इस मामले में यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। बाद में ललन सिंह ने नीतीश कुमार के इशारे पर सीबीआई को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये।
उन्होंने कहा कि सीबीआई इस मामले में सच जानना चाहती है, जबकि राजद और जदयू भ्रष्टाचार से जुड़े इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।