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पटना हाईकोर्ट में राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई 20 जुलाई,2022 को होगी

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नोडल अधिकारी क तलब किया था।साथ ही पटना एयरपोर्ट के पूर्व और वर्तमान निर्देशक को भी पिछली सुनवाई में तलब किया था।

इससे पूर्व में कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को भी नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार को गया एयरपोर्ट के विकास के सन्दर्भ में बताने को कहा था कि 268 करोड़ रुपए की धनराशि कब तक दिया जाएगा।एडवोकेट जनरल ने इस सम्बन्ध में जवाब देने के लिए एक सप्ताह का मोहलत लिया था।

इससे पहले की सुनवाई में पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्देशक कोर्ट में उपस्थित हो कर पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के सम्बन्ध में ब्यौरा पेश किया था।

उन्होंने पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है।सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई नौ हज़ार फीट होती हैं, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है,जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट हैं।

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कोर्ट को राज्य के गया,पूर्णियां और अन्य एयरपोर्ट के विस्तार,विकास और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्यायों के बारे में बताया गया।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा था कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दे।सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा।

राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या हैं।

इस मामलें पर कोर्ट में अगली सुनवाई 20 जुलाई ,2022 को की जाएगी।

आज पटना हाईकोर्ट में क्या है खास

पटना हाईकोर्ट में आज इन मामलों की होगी सुनवाई :-

1.पटना हाईकोर्ट में राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की जाएगी।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि गया एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए 268 करोड़ रुपये कब तक देगी।

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2. नगर निगमों की वित्तीय स्वायत्तता के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। आशीष कुमार सिन्हा की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करेगी।
इस मामलें में कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का मोहलत दिया था।

याचिका में यह कहा गया है कि अन्य राज्यों में नगर निगम को आवंटित धनराशि का उपयोग करने का अधिकार नगर निगम को ही हैं।साथ किस मद में पैसा कैसे खर्च करना हैं,इसका निर्णय भी नगर निगम ही लेता है।लेकिन बिहार में नगर निगमों को ऐसी स्वायतता नहीं है।

नगर निगमों को जो भी फंड मुहैया कराया जाता हैं,जो कि एक विशेष कार्य के लिए होता है।उन्हें कोई अधिकार नहीं होता कि वे यह तय कर सके कि आवंटित धनराशि को किस तरह व्यय करें।

पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम के एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति ए एन कालेज,पटना के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर को रद्द कर दिया

जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास और आवास विभाग को नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास भवन निर्माण हेतु अनुमति के लिए दिये पत्र निरस्त कर दिया।

अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि पटना नगर निगम के एम पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर आयुक्त ने नगर विकास भवन के निर्माण स्थानीय ए एन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया।साथ ही भवन निर्माण विभाग ने निर्माण के टेंडर जारी कर दिया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बगैर एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति के नगर आयुक्त किसी संपत्ति को स्थानांतरित करने का पत्र नहीं जारी कर सकते है।वे निगम के कार्यपालक प्रधान होते हैं।

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कोर्ट ने अधिवक्ता मयूरी के इस तर्क को भी मना कि बिहार municipal एक्ट,2007 में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है,जिसके तहत बाद में अनुमति ली जाए।नगर आयुक्त को ऐसी कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत वे अधिकार का इस प्रकार उपयोग कर सके।इसलिए ये नगर आयुक्त का पत्र और भवन निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया।

राज्य में पड़ने वाले नेशनल हाईवे के किनारे पेड़ लगाने को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस ओ पी ) अपनाने हेतु दायर जनहित याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की

चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के समक्ष अभ्यावेदन दाखिल करने को कहा है।

ये जनहित याचिका राजीव रंजन सिंह द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि ग्रीन हाइवेज (प्लांटेशन, ट्रांसप्लांटेशन, बीयूटीफिकेशन व मेंटेनेन्स) पॉलिसी- 2015 को लागू करने से इस नीति को व्यवस्थित किया जा सकेगा। इससे वातावरण के अनुकूल नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा सकेगा और नेशनल हाईवे से होकर गुजरने वाले लोगों को प्राकृतिक छाया और प्रदूषण रहित वातावरण मिलेगा।

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इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के पूर्व सड़क, परिवहन व हाईवे मंत्रालय के सचिव व राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य आला अधिकारियों को अभ्यावेदन भी भेजा था, लेकिन अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया था।

इसके साथ ही कोर्ट ने इस याचिका को निष्पादित कर दिया।

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामलें की जांच सीबीआई से कराने की जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया

संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई। जनहित याचिका में ये कहा गया कि 67 वीं संयुक्त परीक्षा में पेपर लीक हुआ,इस पूरे मामलें की जांच सीबीआई कराई जानी चाहिए।ज़िला प्रशासन के सम्बंधित अधिकारियों के साथ बी पी एस सी के अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

8 मई, 2022 को ये परीक्षा आयोजित की गई।इन उम्मीद्वारों को विभिन्न ज़िला केंद्रों पर सेन्टर आवंटित किया गया।ये उम्मीदवार दूर दूर से आ कर इस परीक्षा में शामिल हुए।

9मई, 2022 को पेपर लीक होने के आधार इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया।इन उम्मीद्वारों के बिना किसी गलती के मानसिक,आर्थिक और शारीरिक परेशानी झेलना पड़ा।इसके लिए इस याचिका में मुआवजा की माँग भी की गई।

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लेकिन कोर्ट ने इनकी दलीलों को नहीं माना।राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें में राज्य सरकार और बी पी एस सी ने त्वरित और सख्त कदम उठाया।इस घटना की जांच और इसके लिए जिम्मेवार लोगों विरुद्ध कार्रवाई प्रारम्भ की गई।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामलें की जांच अंतिम चरण में हैं।इसके जिम्मेवार पंद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया साथ इस कांड मुख्य आरोपी पर कार्रवाई की जा रही है।

महाधिवक्ता ललित किशोर की इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए इस मामलें की जांच सीबीआई से कराने की माँग को ठुकरा दिया।

पटना हाईकोर्ट केंद्र सरकार की अग्निवीर की योजना का विरोध करने के क्रम में हुए उत्पात,राष्ट्रीय सम्पत्ति को हानि पहुचाने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों को सहयोग करने वाले लोगों की जांच कराने के लिए दायर जनहित याचिका को रद्द कर दिया

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस जनहित याचिका में ये माँग की गई कि सम्बंधित अधिकारीगण इस उग्र आंदोलन के कारण नष्ट और क्षतिग्रस्त सम्पत्ति का आकलन करें।साथ ही इस आंदोलन में भाग लेने वाली राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाए।

साथ ही इस घटना को नहीं रोक पाने के राज्य सरकार पर भी जुर्माना लगाया जाए।इस उग्र और हिंसक आंदोलन के कारण न सिर्फ रेल को काफी नुकसान हुआ,बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई थी।दानापुर रेलवे स्टेशन को ही अकेले 260 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

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राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया कि इस आंदोलन से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरा व सख्त इंतजाम किया था। उन्होंने कहा कि गलत जनहित याचिका है।राज्य सरकार ने अराजक तत्वों पर सख्त तरीके से कार्रवाई की।सरकारी सम्पत्ति की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने मुकम्मल इंतजाम किया था।

महाधिवक्ता ललित किशोर द्वारा कोर्ट को कार्रवाई के सम्बन्ध में पूरी जानकारी देने के इस जनहित याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच में बंद पड़े आधुनिक मेडिकल उपकरण को चालू करने के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार एवं पीएमसीएच को 19 जुलाई,2022 तक जवाब देने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच में बंद पड़े आधुनिक मेडिकल उपकरण को चालू करने के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार एवं पीएमसीएच को 19 जुलाई,2022 तक जवाब देने का निर्देश दिया है।चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने विकास चंद्र की लोकहित याचिका पर सुनवाई किया।

जनहित याचिका द्वारा याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पीएमसीएच में मरीज़ों के काम आने वाले 3 वेंटिलेटर, कई सारे मेडिकल उपकरण चालू हालत में नहीं है ।अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण मरीज़ों के उपयोग के लिए नहीं लाए जा रहे हैं ।

याचिकाकर्ता ने इससे पहले 2013 में हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की थी, जिसके तहत उन्होंने कोर्ट से माँग की थी कि पीएमसीएच प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए भारी संख्या में मेडिकल उपकरण मौजूद होने के बाद भी मरीज़ों को इसका लाभ नहीं पा रहा है ।

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इस पर हाईकोर्ट ने 2015 में आदेश पारित कर पीएमसीएच प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह जल्द इन मेडिकल उपकरण को सुचारु रूप से काम में लाकर मरीज़ों को इसका लाभ दे ।

याचिकाकर्ता ने याचिका द्वारा कोर्ट को यह भी बताया कि उक्त अस्पताल में 2012-13 में ख़रीदे गए तीन वेंटिलेटर अभी तक बक्से में बंद हैं और अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज़ों से यह कहा जा रहा है कि अस्पताल ने वेंटिलेटर एवं अन्य मेडिकल उपकरणों की भारी कमी है । इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी ।

व्यक्तिगत संबंध की सामाजिक स्वीकृति उसे कानून की नजर में मान्यता देने का आधार नहीं है – पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि व्यक्तिगत संबंध की सामाजिक स्वीकृति उसे कानून की नजर में मान्यता देने का आधार नहीं है। जस्टिस ए अमानुल्लाह एवं जस्टिस पूर्णेंदु सिंह की खंडपीठ ने अमित राज की क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया ।

याचिकाकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया था कि उसकी पत्नी को उसके मायके वालों ने जबरन अपनी कस्टडी में रखा हुआ है । याचिकाकर्ता पति एवं प्रतिवादी पत्नी के बीच विवाह हो चुका है और वे अपनी शादी को जारी रखना चाहते हैं। लड़की के पिता को एकमात्र चिंता यह थी कि उसकी बेटी सुरक्षित रहे।

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कोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ता की पत्नी को जब अदालत में पेश किया गया, तब लड़की ने कहा कि उसने स्वेच्छा से याचिकाकर्ता से शादी की है और वह याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है।

अदालत ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि लड़की बालिग है और शादी करने या अपनी पसंद के किसी व्यक्ति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है।कोर्ट ने तथ्यों के मद्देनजर याचिकाकर्ता के साथ उसे अपने ससुराल जाने की अनुमति दे दी।

पटना हाईकोर्ट ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने समक्ष विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन अपने हाथ में लेने हेतु कानून बनाने को कहा।

कोर्ट ने कहा कि अगर विधान सभा यदि सत्र में नहीं हो,तो इसके लिए अध्यादेश लाया जा सकता है, जिसे बाद में कानून का रूप दिया जा सकता है।कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को पटना स्थित बिहार विद्यापीठ का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए विशेष प्रस्ताव राज्य सरकार को पारित करने को कहा था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बिहार विद्यापीठ सोसाईटी व इसके सदस्यों के क्रियाकलापों की जांच करने के लिए राज्य निगरानी को निर्देश दिया था।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जानना चाहा था कि डा राजेंद्र प्रसाद से सम्बंधित स्मारकों को देख रेख कर सकता है या नहीं।इस पर अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से बताया गया था कि जो सौ वर्ष से पुराने स्मारक हैं,ये उनकी ही देख रेख कर सकते हैं।

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कोर्ट ने उनसे कहा कि वे विशेष परिस्थिति में क्या वे इसके देख रेख का जिम्मा ले सकते हैं।पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि बिहार विद्यापीठ परिसर में सभी गैर कानूनी अतिक्रमण को हटा दिया गया।

साथ ही बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन का जिम्मा पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को सौंप दिया गया।इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने राजधानी पटन में हर वर्ष होने वाले जलजमाव की भयंकर समस्या को काफी गम्भीरता से लेते हुए पटना नगर निगम के आयुक्त को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने नवीन कुमार व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं सुनवाई करते हुए जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है।

कोर्ट ने जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए की गई कार्रवाई,काम कर रहे सम्प हाउस की स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में जलजमाव का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को जानकारी दी कि प्रशासन द्वारा हर वर्ष जलजमाव से निपटने के लिए दावा करने के बाद भी हर वर्ष पटना के विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों को जलजमाव की विभिषिका झेलनी पड़ती है।

उन्होंने बताया कि पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा 1997 में पटना के जलजमाव के सम्बन्ध में एक जनहित दायर की थी।तब से पटना हाईकोर्ट ने जलजमाव की समस्या को सुलझाने के कई सख्त आदेश दिया,लेकिन 25 वर्षों बाद भी जलजमाव के हालत सुधरने के बजाय और बदतर हो गया।

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हर साल नालों की उड़ाही करने का काम होता हैं,जिसमें बड़े पैमाने पर फंड खर्च होता हैं,जब एक दिन के बरसात में इनकी पोल खुल जाती हैं।

कल एक दिन की ही बारिश में पटना के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का दृश्य नज़र आने लगा था।कोर्ट ने मामलें को गम्भीरता से लेते हुए पटना नगर निगम के आयुक्त को अगली सुनवाई पूरा ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।इन मामलों पर फिर एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार – I पर किये गए कथित हमले और मारपीट के मामले में अभियुक्त घोराडीह के एसएचओ गोपाल कृष्णा ऐवं एएसआई अभिमन्यु शर्मा को ज़मानत दे दी

जस्टिस चंद्रशेखर झा ने अभियुक्तों की ज़मानत याचिका पर सुनवाई की।

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस के रवैये को निराशाजनक बताते हुए मामले की जाँच का ज़िम्मा सीआईडी को सौंपा था।कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। साथ ही इस मामले की निगरानी सीआईडी के एडीजी खुद करेंगे।

झंझारपुर के एडीजे ने अभियुक्तों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि दिनांक 18.11.2021 को दोपहर के क़रीब 2 बजे उक्त दोनों पुलिस वाले उनके चेम्बर में ज़बरदस्ती घुस आए। उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की और एएसआई अभिमन्यु शर्मा ने उन्हें लोडेड रिवॉल्वर दिखा कर जान से मारने की धमकी दी।

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याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 341,323,506/34 ऐवं अर्म्स ऐक्ट की धारा 30 के तहत चार्जशीट दायर की गई है। इनमे सारी धाराएँ ज़मानती हैं और याचिकाकर्ता 10.12.2021 से हिरासत में हैं ।

उन्होंने कोर्ट को दर्शाया कि याचिकाकर्ताओं को जेल में बंद रखना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा । इस पर कोर्ट ने सीआईडी द्वारा दायर हलफनामे के आधार पर याचिकाकर्ताओं की ज़मानत याचिका को स्वीकृति दे दी।

पटना हाईकोर्ट के समक्ष राज्य के पूर्व मंत्री सह विधायक तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की अपील पर सुनवाई की

जस्टिस आशुतोष कुमार सिंह और जस्टिस जीतेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने इस अपील पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुलह का प्रयास करने को कहा।

इसके लिए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को इनके बीच बैठक कर सुलह के मुद्दे पर संभावना तलाशने को कहा।आज तेजप्रताप और ऐश्वर्या न्याय कक्ष में उपस्थित थे।इनके साथ तेजप्रताप की माँ पूर्व सी एम रावडी देवी और ऐश्वर्या के पिता न्याय कक्ष में उपस्थित रहे।सारी सुनवाई बंद कक्ष में हुआ।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से यह बताने को कहा कि क्या दोनों पक्षों में सुलह की संभावना है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों से जवाब देने को कहा था।ऐश्वर्या की ओर से वरीय अधिवक्ता पी एन शाही ने कोर्ट के पक्ष रखा।तेज प्रताप के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने बताया कि घरेलू हिंसा को लेकर ऐश्वर्या राय के विरुद्ध पारित आदेश व भरणपोषण(मेंटेनेन्स) से जुड़े मामले में राशि को बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट में अपील दायर किया गया है।

इस मामलें की सुनवाई अब अगली सुनवाई 19 जुलाई, 2022 को की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर के ब्रह्मपुरा अंतर्गत सब्जी विक्रेता राजन साह की 5 वर्षीय बेटी खुशी के अपहरण से संबंधित मामले पर सुनवाई की

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की कोर्ट में मुज़फ़्फ़रपुर के टाउन डीएसपी उपस्थित थे । कोर्ट ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम केवल काग़ज़ी कार्यवाही की है । कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्यवाही नहीं करते हुए अनुसंधान में उदासीन रवैय्या अपनाया है।

कोर्ट ने इस मामले पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुज़फ़्फ़रपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नए एसआईटी को गठित करके जांच करने का आदेश दिया । कोर्ट ने यह भी पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस द्वारा नज़रअंदाज़ किया गया।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस की जाँच पर नाराज़गी जताते हुए वर्तमान अनुसंधानकर्ता को जाँच करने से रोक दिया था । साथ ही आगे की जांच डीएसपी ऐवं एसएसपी के अगुआई में करवाने का आदेश दिया था।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।

कोर्ट ने अगली सुनवाई में जाँच रिपोर्ट के साथ मुज़फ़्फ़रपुर के टाउन एसएसपी एवं डीएसपी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

चर्चित सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के संदेहास्पद मौत की जांच सही ढंग से कराने की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई

मुंबई के अंतिम वर्ष के लॉ के छात्र देविंदर देवतादीन देबे की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

इस याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि सीबीआई सुशांत के उनके मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में संदेहास्पद मौत की जांच कर रही थी।

इसमें यह अनुरोध किया गया था कि कोर्ट जांच कर रही सीबीआई के अधिकारियों को बदल कर वरीय अधिकारियों की नई सीबीआई की टीम को इस मामले की जांच का जिम्मा दिया जाए।

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इस याचिका में मांग की गई कि हाईकोर्ट इस मामले की स्वयं निगरानी करते हुए सीबीआई को समय समय पर कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए,ताकि जांच जल्द पूरा हो और दोषियों को सजा मिल सके।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 27 जून,2022 को होगी।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के संदेहास्पद मौत की जांच सही ढंग से कराने की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी

चर्चित सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के संदेहास्पद मौत की जांच सही ढंग से कराने की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। मुंबई के अंतिम वर्ष के लॉ के छात्र देविंदर देवतादीन दुबे की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई करेगी।

इस याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि सीबीआई सुशांत के उनके मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में संदेहास्पद मौत की जांच कर रही थी।

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इसमें यह अनुरोध किया गया था कि कोर्ट जांच कर रही सीबीआई के अधिकारियों को बदल कर वरीय अधिकारियों की नई सीबीआई की टीम को इस मामले की जांच का जिम्मा दिया जाए।

इस याचिका में मांग की गई कि हाईकोर्ट इस मामले की स्वयं निगरानी करते हुए सीबीआई को समय समय पर कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए,ताकि जांच जल्द पूरा हो और दोषियों को सजा मिल सके।

पटना हाईकोर्ट ने शादी समेत अन्य समारोहों में राज्य भर में किये जाने वाले हर्ष फायरिंग के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य के डीजीपी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है

चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने राजीव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश को पारित किया है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि हर्ष फायरिंग में कई निर्दोष लोगों घायल हो जाते हैं और कितने की तो जान भी चली जाती है, इसलिए इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में एक सख्त गाइडलाइंस जारी की जानी चाहिए। जनहित याचिका में राज्य के चीफ सेक्रेटरी व डी जी पी समेत अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई अब आगामी 4अगस्त को की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट के समक्ष राज्य के पूर्व मंत्री सह विधायक तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की अपील पर सुनवाई की

जस्टिस आशुतोष कुमार सिंह और जस्टिस जीतेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने इस अपील पर सुनवाई की।

कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से यह बताने को कहा कि क्या दोनों पक्षों में सुलह की संभावना है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों से जवाब देने को कहा है।

पिछली सुनवाई में इस मामले में तेजप्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और नोटिस को स्वीकार किया था। तेजप्रताप यादव की ओर से जवाब दायर किया जाना था।

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श्री सिंह ने बताया कि घरेलू हिंसा को लेकर ऐश्वर्या राय के विरुद्ध पारित आदेश व भरणपोषण(मेंटेनेन्स) से जुड़े मामले में राशि को बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट में अपील दायर किया गया है।

इस मामलें की सुनवाई 28 जून,2022 को भोजनावकाश के बाद किया जाएगा।तेज प्रताप के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान ऐश्वर्या और तेज प्रताप के साथ दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के उपस्थिति में सुनवाई होगी।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से सम्बंधित मामलें पर सुनवाई की

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट ने केंद्र सरकार को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े स्कीम और फंड के सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकार का गठन कर दिया गया है। चीफ सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर कर जानकारी दी कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकार का गठन कर दिया गया है।

आज याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया कि बिहार की आबादी लगभग बारह करोड़ हैं।उसकी तुलना में राज्य में मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुनियादी सुविधाएँ नहीं के बराबर हैं।कुछ अस्पताल,मनोचिकित्सक और नर्स पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि आम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और उसके समाधान के लिए राज्य में कोई व्यवस्था नहीं है।जो केंद्र सरकार के स्कीम और फंड है,उसका भी राज्य में सही ढंग से उपयोग नहीं हो रहा है।

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पिछली सुनवाई में अपर महाधिवक्ता एस डी यादव ने कोर्ट को जानकारी दी कि कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में 272 बेड का अस्पताल बनाया जाना हैं।इसकी लागत 129 करोड़ रुपए होगी और 3 माह में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को अपर महाधिवक्ता एस डी यादव ने बताया था कि राज्य के इकतीस जिलों मे ज़िला मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम प्रारम्भ हो गया हैं।साथ ही शेष आठ जिलों में इसे स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की सहमति मिल गई है।


उन्होंने कोर्ट को बताया था कि मानसिक रोगियों के ईलाज के लिए 61 डॉक्टरों व 47 नर्सों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 27 जुलाई,2022 को होगी।

पटना हाईकोर्ट में राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की जाएगी

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

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इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि गया एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए 268 करोड़ रुपये कब तक देगी।

पटना हाईकोर्ट में पटना-गया-डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की जाएगी

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस मामलें पर सुनवाई करेगी।

गया के पास दो आर ओ बी के निर्माण के सम्बन्ध में रेलवे के जनरल मैनेजर और डी आर एम,ईस्ट सेंट्रल रेलवे को तलब किया हैं। ये जनहित याचिका प्रतिज्ञा नामक संस्था ने दायर किया हैं।

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