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बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामलें की जांच सीबीआई से कराने की जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया

संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई। जनहित याचिका में ये कहा गया कि 67 वीं संयुक्त परीक्षा में पेपर लीक हुआ,इस पूरे मामलें की जांच सीबीआई कराई जानी चाहिए।ज़िला प्रशासन के सम्बंधित अधिकारियों के साथ बी पी एस सी के अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

8 मई, 2022 को ये परीक्षा आयोजित की गई।इन उम्मीद्वारों को विभिन्न ज़िला केंद्रों पर सेन्टर आवंटित किया गया।ये उम्मीदवार दूर दूर से आ कर इस परीक्षा में शामिल हुए।

9मई, 2022 को पेपर लीक होने के आधार इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया।इन उम्मीद्वारों के बिना किसी गलती के मानसिक,आर्थिक और शारीरिक परेशानी झेलना पड़ा।इसके लिए इस याचिका में मुआवजा की माँग भी की गई।

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लेकिन कोर्ट ने इनकी दलीलों को नहीं माना।राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें में राज्य सरकार और बी पी एस सी ने त्वरित और सख्त कदम उठाया।इस घटना की जांच और इसके लिए जिम्मेवार लोगों विरुद्ध कार्रवाई प्रारम्भ की गई।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामलें की जांच अंतिम चरण में हैं।इसके जिम्मेवार पंद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया साथ इस कांड मुख्य आरोपी पर कार्रवाई की जा रही है।

महाधिवक्ता ललित किशोर की इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए इस मामलें की जांच सीबीआई से कराने की माँग को ठुकरा दिया।

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