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पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के अपहरण के मामलें को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया

पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के अपहरण के मामलें को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें पर सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक,सी एफ एस एल,नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुज़फ़्फ़रपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे।

अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी,मुजफ्फरपुर द्वारा आज़तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है। लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है।

पिछली सुनवाई मे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रेकॉर्डिंग है ,जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है।वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है।

इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एस एस पी को दिया जाए। एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें।लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फ़ाइल किया गया है ,उसमे ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया।

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कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एस एस पी, मुज़फ़्फ़रपुर द्वारा नही हो सकता है।कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए।कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है। इसका सुराग आज तक नहीं मिला है। खुशी के पिता मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे, जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था।ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था। इसमे याचिकाकर्ता ने मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था।

छपरा सदर अस्पताल में नर्सों का आतंक, दो युवकों के साथ की मारपीट, वीडियो हो रहा वायरल

छपरा । छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में जीएनएम की नर्सों द्वारा दो युवकों की पिटायी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नर्सों द्वारा कैसे दो युवकों की डंडे से पिटायी की जा रही है. वहीं दोनों युवक हाथ जोड़कर अपना बचाव करते हुए नर्सों से गुहार भी लगा रहे है. हालांकि बिहार न्यूज़ पोस्ट इस मामले में वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने आए थे अस्पताल

वायरल वीडियो के मामले में नर्स से मार कहा रहे दोनों युवकों का कहना है कि वो नौकरी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिये अस्पताल आये थे. जहां विभाग में चिकित्सक के मौजूद नहीं होने पर उन्होंने वहां के कुव्यवस्था का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. इसी बात से नाराज होकर नर्स द्वारा दोनों युवकों को बंद कर उनकी पिटाई कर दी.

बिहार पुलिस का अपराधियों के साथ रिश्ता क्या कहलाता है

राजनीति का अपराधीकरण पर खुब चर्चा होती है लेकिन आज हम आपको पुलिस का अपराधीकरण पर चर्चा करने जा रहे हैं और यह चर्चा इतनी गंभीर है कि आज यह मसला किसी नेता या मंत्री से जुड़ा रहता तो अभी तक इस्तीफा हो गया रहता ।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी से बात करने वाले उस फर्जी व्यक्ति के बारे में जिसने गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए डीजीपी को ही फोन नहीं किया मुख्यमंत्री को भी फोन किया था और जब मुख्यमंत्री सचिवालय को जब संदेह हुआ तो इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा करायी गयी और फिर पूरे मामले का खुलासा हुआ।

लेकिन सवाल यह है कि अभिषेक अग्रवाल जिसने एसएसपी गया को बचाने के लिए इस स्तर का फर्जीवाड़ा किया वो पहले भी देश का गृहमंत्री बन कर फर्जीवाड़ा करने के एक मामले में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार चुका है,इसी तरह के एक मामले में कोलकत्ता पुलिस इसको गिरफ्तार कर चुका है बिहार के आईपीएस अधिकारी सौरभ शाह के पिता से ठगी करने के मामले में भागलपुर में केस दर्ज है वहां की पुलिस इसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है ,चार्जशीटेड है किसी भी समय इसे सज मिल सकती है।

इतने बड़े अपराधी होने का बावजूद पुलिस मुख्यालय जहां आम जन को छोड़िए पत्रकार को भी जाने की अनुमति नहीं है ।
वहां इस व्यक्ति को डीजीपी की और से छूट मिली हुई थी कि पुलिस मुख्लालय के अंदर आने के लिए किसी भी तरह के परिचय पत्र लेने कि जरुरत नहीं है ।आप समझ सकते हैं देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति को इस तरह का छुट पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

इतना ही नहीं अभिषेक अग्रवाल के फेसबुक पेज को जब आप देखेंगे तो इसके व्यक्तिगत कार्यक्रम में बिहार के दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारी नियमित आते जाते रहे हैं क्या उन्हें पता नहीं था कि यह व्यक्ति देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में महीनों तेहाड़ जेल में बंद रहा है इसे क्या कहेंगे आप यह पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

6 जून 2022 को अभिषेक अग्रवाल के बेटे का जन्मदिन था इस अवसर पर पटना के एक बड़े होटल में जन्मदिन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के कई आईपीएस अधिकारी मस्ती करते हुए दिख रहे हैं,बिहार के डीजीपी के साथ कई ऐसी तस्वीरे हैं जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है।

31 मार्च 2022 को इन्होंने एक तस्वीर लगायी है जिसमें कई जिले के एसपी इसके साथ होटल में खाना खा रहा है एक आईपीएस अधिकारी जो महाराष्ट्र से पटना लौटता है उसके स्वागत में आईपीएस मेस में गुलदस्ता के साथ ये उपस्थित है क्या ऐसे सीनियर पुलिस अधिकारी को पता नहीं था कि इतने संगीन मामले में यह जेल जा चुका है और अगर नहीं पता था तो फिर ऐसे अधिकारियों के पुलिस में बने रहने का मतलब क्या है।

क्यों कि पुलिस एक ऐसी संस्था है जहां अधिकारियों का व्यक्तिगत चरित्र भी पूरे महकमा को प्रभावित करता है क्यों कि पुलिस राज्य के कानून का प्रमुख होता है जिसको कानून व्यवस्था बनाये रखने और कानून के राज को स्थापित करने की जिम्मेवारी होती है और वही जब अपराधियों से इस तरह गलबहियां करते दिखेंगे तो फिर क्या होगा कानून के राज का ।

इतनी तस्वीर आज किसी मंत्री और नेता के साथ इस तरह के गंभीर आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति के साथ होता तो अभी तक सरकारे हिल गयी होती राजनीतिक दल जगह जगह आन्दोलन शुरु कर दिया रहता है ऐसे में इन अधिकारियों पर कार्यवाही करने में सरकार कितना वक्त लगाती है सबकी नजर इस आ टिकी है।

पटना हाईकोर्ट ने FIR दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं होने पर राज्य सरकार को आश्रित परिवार को एक सप्ताह में पेंशन व अन्य राशि देने का आदेश दिया

पटना हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं होने पर पटना के एसएसपी ने कोर्ट में उपस्थित होकर कहा कि लापता व्यक्ति का पता नहीं लगाया जा सका है ।जस्टिस मोहित कुमार शाह ने सुनवाई सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह में पेंशन व अन्य राशि देने का आदेश दिया।

पटना के एसएसपी ने बताया कि सामान्य रूप से लापता व्यक्ति के मामलें में सात साल बाद मामला समाप्त कर रिपोर्ट दिया जाता है।लेकिन सरकारी कर्मचारी सेवकों के मामलें में एक साल तक व्यक्ति के लापता होने के मामलें में पुलिस रिपोर्ट दे देती है।उसके आधार पर उनके आश्रितों को पेंशन दिया जा सकता है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा है कि आख़िर 2018 में दायर प्राथमिकी में अब तक अंतिम रिपोर्ट दायर क्यों नहीं किया गया ?

याचिकाकर्ता सावित्री देवी के पति पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत हुए थे।याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उनके पति को याददाश्त की समस्या थी। वे 20.12.18 को शनि मंदिर, भूतनाथ रोड (पटना) से लापता हो गए थे।

इसके मामलें में उनके पुत्र ने उसी दिन अगमकुआँ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी।लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो उनका कुछ पता चला और न तो पुलिस ने अनुसंधान के संदर्भ अंतिम रिपोर्ट दायर किया गया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपूर्व हर्ष ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के उदासीन रवैये से याचिकाकर्ता को उसके पति का पेन्शन चार साल तक नहीं मिल सका है।

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उन्होंने 24.02.1990 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना संदर्भ देते हुए कहा कि यदि संबंधित सरकारी पेंशनर के आश्रित परिवार द्वारा निकटवर्ती थाने में उसके लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई हो।

साथ ही पुलिस प्रतिवेदन से यह प्रमाणित होता हो कि सभी संभव प्रयास एवं खोजबीन के बावजूद उसके लापता होने की बात सही है, तो सर्वप्रथम सरकारी सेवक द्वारा पूर्व में दिए गए नामांकन पत्र के आधार पर उसके आश्रित परिवार को बकाए वेतन , भविष्य निधि आदि में का भुगतान तुरंत किया जाए।

इस पर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी को 17 अक्टूबर,2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था।

इस मामले पर अगली सुनवाई पर अगली सुनवाई 3 नवंबर, 2022 को होगी ।

जहानाबाद में रिटायर्ड दारोगा से 7 लाख की लूट, सीसीटीवी फुटेज आया सामने

7 लाख की लूट का सीसीटीवी फुटेज आया सामने। दरअसल जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के बंधु गंज बाजार में रिटायर्ड दरोगा से सात लाख की लूट हो गई थी।

नइमा गांव निवासी गेंदी पासवान एकंगर सराय से बैंक से रुपया निकालकर अपने घर जा रहे थे। बंधु गंज बाजार में बस से उतर कर अपने घर जाने की तैयारी कर रहे थे । इस दौरान बाइक पर सवार होकर दो अपराधी आए और थैला लेकर फरार हो गया।

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अब सीसीटीवी सामने आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द होगी।

पटना के मसौढ़ी में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या, जमीन नापी कराने पहुंचा था पप्पू सिंह

पटना जिला में हत्या की वारदात थमने का नाम नहीं ले रहा ताजा मामला मसौढ़ी से आ रहा है जहां प्रॉपर्टी डीलर पप्पू सिंह उर्फ रणविजय सिंह की गोली मारकर अपराधियों ने हत्या कर दिया है।

पप्पू सिंह एक जमीन की नापी करने के लिए पहुंचे थे उसी दौरान बुलेट से आए अपराधियों ने पप्पू सिंह की पहचान कर एक के बाद एक चार गोलियां सीने में उतार दिया और फायरिंग करते हुए फरार हो गए। घटनास्थल पर गोली के 3 बुलेट भी बरामद हुआ है। मृतक के शरीर में गोलियों के निशाना भी है।

घटना से दहशत का माहौल बन गया स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई हत्या के पीछे किसका हाथ है अभी पता नहीं चला है पुलिस घटनास्थल पर पहुंची है और मृतक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। जहां उनका रो रो कर बुरा हाल है और पुलिस के प्रति ग्रामीण काफी खफा हैं जमीनी विवाद का मामला भी सामने आ रहा है।

लेकिन यह विवाद किससे है यह भी खुलकर सामने नहीं आया है लेकिन जिस तरह से हत्या किया गया है वह भी दिनदहाड़े हत्या किया गया है उसे पुलिस पर भी सवाल उठते हैं और यह भी बात सामने आई है कि यह विवाद जमीन का था और उसी की नापी के लिए जब पहुंचे थे तो वहां अपराधी बुलेट से आए और गोलियों की बौछार करते हुए चार गोली पप्पू सिंह के सीने में उतार दिया मसौढ़ी पुलिस घटना की जानकारी वह भी मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश में जुट गई है।

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बताया जाता है की मृतक रणविजय उर्फ पप्पू सिंह तरेगना कुम्हार टोली का रहनेवाला था और मसौढ़ी के दिनकर नगर में जमीन की नापी करा रहा था। उसी दौरान हत्या की वारदात हुई है।

कटिहार में बिजली तार गिरने से 3 पिकअप और एक दुकान में लगी आग, आक्रोशित लोग सड़क जाम कर कर रहे हैं मुआवजे की मांग

कटिहार में बड़ा हादसा बिजली तार गिरने से 3 पिकअप भेंन और एक दुकान जलकर राख।कोढ़ा थाना क्षेत्र के NH31 जुराब गंज के पास हुए इस घटना के बाद आक्रोशित लोग NH31 जाम कर मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

बताया जा रहा है बगल में ट्रांसपोर्ट होने के कारण पिकअप भेंन खाली हो चुका था और बिजली तार गिरने से आग के चपेट में आने से तीनों की का पिकअप भेंन सहित एक दुकान जलकर राख हो गया है।

फिलहाल पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया है और अब सड़क जाम हटाने की कोशिश किया जा रहा है।

लखीसराय: नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी

लखीसराय। नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी। नक्सल प्रभावित कजरा के पहाड़ी ईलाके मे चलाया जा रहा है सर्च ऑपरेशन।

काफी संख्या मे एसएसबी, एसटीएफ और कोबरा की टीम शामिल, नक्सलियों के जमावड़े की सूचना पर चलाया जा रहा है। सर्च ऑपरेशन,पुलिस ने नक्सलियों के कई सामान को किया बरामद, एएसपी अभियान मोतीलाल ने दी जानकारी।

सिवान में बेखौफ अपराधियों का तांडव, एक दुकान के सामने की ताबड़तोड़ फायरिंग, दहशत में व्यवसाई

सीवान। सीवान में बेखौफ अपराधियों ने व्यवसाई के दुकान के सामने अंधाधुंध फायरिंग की है जिससे दहशत का माहौल हो गया। घटना बड़हरिया मीरगंज मुख्य सड़क पर खानपुर मोड़ की है।

मार्बल दुकान के सामने दो बाइक सवार हथियार से लैस अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग की है। रंगदारी को लेकर फायरिंग की गई है। पुलिस ने घटनास्थल से करीब आधा दर्जन गोली का खोखा बरामद कर मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है कि मार्बल शोरूम के मालिक खानपुर निवासी धर्मनाथ सिंह ने बताया है की उनका पुत्र सुनील कुमार अपने मार्बल के शोरूम पर बैठा हुआ था तभी अनजान नंबर से एक फोन आया और फोन के द्वारा रंगदारी मांगी गई। रुपये नहीं देने की स्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।

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उसके ठीक आधे घंटे के बाद चार युवक 2 अपाची मोटरसाइकिल से मुंह बांधे हुए शोरूम पर आए और अंधाधुंध फायरिंग कर फरार हो गए। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंच मामले की जांच में जुट गई है।

लेकिन जिस तरह से फायरिंग की गई है पुलिस के लिए चुनौती है।

गंगा में घाटों का निरीक्षण करते समय खंभे से टकराया स्टीमर, बाल-बाल बचे सीएम नीतीश कुमार

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरीय अधिकारियों के साथ स्टीमर पर सवार होकर विभिन्न गंगा घाटों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने दानापुर के नासरीगंज घाट से लेकर पटना सिटी के गायघाट तक विभिन्न गंगा घाटों का निरीक्षण किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने गंगा के बढ़े जल स्तर को देखते हुए वरीय अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किया। मुख्यमंत्री ने घाटों की साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों को भी कई निर्देश जारी किए। बाद में मुख्यमंत्री गायघाट जेटी उतरकर पटना के लिए रवाना हो गए। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों के अलावे जिला प्रशासन के कई आला अधिकारी मौजूद थे।

हालांकि इस दौरान वरीय पुलिस अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों को कवरेज करने से रोक दिया। गौरतलब है कि छठ पूजा की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री का यह पहला घाट निरीक्षण है। मुख्यमंत्री आगे भी छठ घाट की तैयारियों का जायजा लेंगे। गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से राजधानी पटना के कई घाट अभी डूबे हैं। लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व 28 से 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। छठ पूजा में अब महज दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, ऐसे में छठ पूजा को शांतिपूर्ण संपन्न कराना राज्य सरकार और जिला प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

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मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को स्टीमर से छठ के घाटों का जायजा ले रहे थे. इस दौरान सीएम हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए. रिपोर्ट के मुताबिक जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री का स्टीमर गंगा नदी के किनारे स्थित छठ घाट के निरीक्षण के दौरान जेपी सेतु के एक खंभे से टकरा गया. थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गई. हालांकि सीएम सहित नाव में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं. फिलहाल गंगा में जलस्‍तर काफी बढ़ गया है. कई जगह नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके कारण समस्या आई।

कटिहार में नाव हादसा, 2 लोगों ने तैरकर बचाई जान, 7 की तलाश जारी

कटिहार में नाव हादसा, 9 लोग थे नाव पर सवार, बरारी थाना क्षेत्र के बरडी नदी मरघीया पासवान टोला के इस घटना के बारे में बताया जा रहा है।

यह सभी लोग मजदूरी करके लौट रहे थे, इसी दौरान अचानक बीच बरंडी नदी में नाव अनियंत्रित हो कर पलट गया,दो लोगों को स्थानीय गोताखोरों ने बाहर निकाला है।

जबकि अब तक 7 लोग लापता है जिसमें तीन महिला और एक बच्चा भी है, फिलहाल प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए हैं।

जहानाबाद में कृषि सिंचाई योजना जल छाजन विकास 2.0 के अंतर्गत रबी फसलों में बीज उत्पादन पर दिया गया प्रशिक्षण

जहानाबाद। भूमि संरक्षण जहानाबाद के द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जल छाजन विकास 2.0 के अंतर्गत रबी फसलों में बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण डॉक्टर नितेश कुमार सहायक निदेशक (शस्य) भूमि संरक्षण निदेशालय बिहार पटना के द्वारा मखदुमपुर प्रखंड के ई किसान भवन में दिया गया।

प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर साहब ने मक्का, गेहूं, तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए बीज के महत्व को बताते हुए अच्छे बीज उत्पादन की तकनीक एवं पूरी प्रक्रिया को प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को बताया।

किसानों को अपने क्षेत्र में ही अपने खेत में बीज उत्पादन करने की सलाह दी। बीज उत्पादन का कार्य अच्छी आमदनी का जरिया बन सकता है। बीज उपचार, जैविक विधि तथा संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग कर अच्छी एवं गुणवत्ता पूर्ण बीज का उत्पादन किसान कर सकते हैं।

प्रशिक्षण में रामलखन ठाकुर सहायक निदेशक (शस्य) भूमि संरक्षण जहानाबाद में जल छाजन क्षेत्र से आए किसानों को प्रशिक्षण से लाभ उठाकर खेती करने की सलाह दी और बताया कि भूमि संरक्षण के द्वारा भी चयनित किसानों के बीच रवि फसलों के लिए बीज वितरण का कार्य किया जाएगा जिसमें प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा अच्छी खेती के लिए।

प्रशिक्षण में कुंदन कुमार भूमि संरक्षण जहानाबाद , विकास कुमार ,मनोज कुमार, रवीश कुमार ,राकेश कुमार जल छाजन के सचिव, शशांक गौरव ग्रामोदय सेवा विकास वेलफेयर संस्थान कामदेव बीघा एवं कई महिला एवं पुरुष किसान भाग लिए।

एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह किए गए निलंबित

एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह किए गए निलंबित, डेंगू नियंत्रण में अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं करने, और कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में किए गए निलंबित।

अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रेणु रोहतगी बनाई गई एनएमसीएच की अधीक्षक। औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिन्हा अस्पताल के बनाए गए उपाधीक्षक। स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश।

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कल उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने एनएमसीएच का किया था औचक निरीक्षण, औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से खासे नाराज थे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

गैर कानूनी तरीके से मकान मालिक अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता: पटना हाईकोर्ट

14 अक्टूबर 2022 । पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में ये स्पष्ट किया है कि गैर कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने पटना स्थित फ्रेजर रोड एक होटल को राहत देते हुए बात कही।

यदि मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिली भगत भी हो, तब भी हाई कोर्ट इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है।

कोर्ट ने उसकी आपराधिक रिट याचिका मंजूर करते हुए पटना के एसएसपी तथा कोतवाली के थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कम्पनी को तुरंत उसके होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है।

कोर्ट को बताया गया कि गत 24 फरवरी, 2022 की आधी रात में मकान मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से जबरन कम्पनी की ऑफिस को खाली करा दिया और ताला जड़ दिया।पुलिस ने पीड़ित किराएदार की शिकायत सुनने की बजाय मकान मालिक का ही साथ दिया।

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कोर्ट ने इसे गम्भीर घटना माना और कहा कि यह पुलिस की विफलता का अजीब उदाहरण है।पुलिस को कानून के अनुसार पीड़ित व्यक्ति का साथ देना चाहिए था, न कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले मकान मालिक का।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ऐसी घटना का संज्ञान नहीं लिया जाएगा, तो कानून का अनादर करने वालों का हौसला और भी बढ़ जाएगा ।

मिठाई खाने के चक्कर में, पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी के साथ फरार हो गया कैदी

जहानाबाद । काको स्थानीय बाजार में उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक टेम्पू पर से एक कैदी के पुलिस ने जेल ले जा रही थी इसी दरम्यान कैदी ने पुलिस को चकमा देकर हंथकड़ी के साथ फरार हो गया ।

मिली जानकारी के अनुसार टाउन थाना पुलिस ने पूर्वी उंटा निवासी भोला कुमार को कुतवान चक मुहल्ले से मोबाइल चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी को दो होमगार्ड के जवान टेंपू से मंडल कारा ले जा रहा था ।

काको बाजार पहुंचने पर कैदी ने भूख का बहाना बनाकर एक पुलिस कर्मी को मिठाई लाने को कहा । एक पुलिस कर्मी मिठाई लाने गया, इसी बीच मौका पाकर कैदी हंथकड़ी के साथ फरार हो गया ।

जानकारी मिलते ही स्थानीय थाना की पुलिस ने भी घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया। लेकिन तबतक आरोपी फरार हो चुका था जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण इक्कठा हो गए।

स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे अगमकुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल; कर रहे हैं औचक निरीक्षण

13 अक्टूबर 2022 । उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे पटनासिटी । अगमकुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तेजस्वी यादव, अस्पताल का कर रहे हैं औचक निरीक्षण।

अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का ले रहे हैं जायजा, अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों से मुलाकात कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का ले रहे हैं जायजा।

माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 21 एजेंडों पर लगी मुहर

माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 21 एजेंडों पर लगी मुहर।

nitishkumar

पढ़ें पूरी प्रेस रिपोर्ट:



पटना हाईकोर्ट ने जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के निर्माण,विकास एवं नवीनीकरण के मामले सुनवाई की

13 अक्टूबर 2022 । चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि वे राज्य में ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए कितने गंभीर है ?

कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह विभिन्न एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित प्रगति और रिकॉर्ड को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश करे ।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी बताया कि बिहार में एक भी ग्रीनफ़ील्ड ऐयरपोर्ट नहीं है। राज्य सरकार ने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के सम्बन्ध में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है । उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से पटना अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज तक एक भी अंतराष्ट्रीय विमान का परिचालन नहीं हुआ है ।

उन्होंने कहा कि गया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी आज तक कोई अंतर्राष्ट्रीय विमान का परिचालन नहीं हुआ है।अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट होने के बावजूद यहां अंतर्राष्ट्रीय विमान नहीं चलते हैं । राज्य सरकार भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर अपना स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है ।

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#PatnaHighCourt

इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों से जानना चाहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एवं अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए क्या क्या अनिवार्यता हैं ? कोर्ट ने सभी पक्षों को अपने अपने पक्ष अगली सुनवाई तक कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर दीपावली अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी।

राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों की खस्ताहाल स्थिति को पटना हाईकोर्ट ने काफी गम्भीरता से लिया

13 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों की खस्ताहाल स्थिति को काफी गम्भीरता से लिया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में ब्यौरा तलब किया है।

कोर्ट ने कोर्ट में उपस्थित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, से जानना चाहा कि राज्य के सरकारी कालेजों,सेकंड्री और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव क्यों है। कोर्ट ने ये भी पूछा कि राज्य के स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र क्यों पढ़ना छोड़ देते है।

कोर्ट ने उपस्थित अधिकारी से जानना चाहा कि राज्य में शिक्षा के मद में कितना बजट रखा गया है।कोर्ट को बताया गया कि राज्य में शिक्षा के लिए 51 हज़ार करोड़ रुपए है,जो कि कुल बजट के बीस फी सदी से अधिक है।

पिछली सुनवाई में पटना के दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को तलब किया था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि कालेज में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्राओं को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस जनहित याचिका में ये भी माँग की गई कि छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए।

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कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि बी एस कालेज,दानापुर के बाउंड्री निर्माण का काम छह माह में पूरा कर लिया जाएगा।कालेज में शौचालय बनाने का काम 30अक्टूबर,2022 तक पूरा हो जाएगा।साथ ही लेबोरेट्री बनाने का कार्य भी तीन माह में पूरा हो जाएगा।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 30 नवंबर,2022 को होगी।

पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद में अतिक्रमण हटाने में अधिकारियों द्वारा अनियमितता बरतने के मामलें पर सुनवाई की

13 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद में अतिक्रमण हटाने में अधिकारियों द्वारा अनियमितता बरतने के मामलें पर सुनवाई की।जस्टिस मोहित शाह ने इस मामलें पर सुनवाई की।

कोर्ट में उपस्थित डी एम और एस पी, औरंगाबाद ने कोर्ट को बताया कि ओबरा के सी ओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने औरंगाबाद के डी एम और एस पी को निर्देश दिया था कि अतिक्रमण नहीं हटाने के मामलें में गड़बड़ी करने वाले ओबरा के सीओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर 48 घंटों में गिरफ्तार किया जाए।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते डी एम और एस पी को सख्त चेतावनी दी थी कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ,तो औरंगाबाद के डी एम और एस पी को कस्टडी में लिया जा सकता है।

ये अधिकारीगण आज कोर्ट में उपस्थित हो कर इस मामलें में किए गए कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया।कोर्ट ने इस मामलें पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के गलत कार्य करने वाले सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।कोर्ट इस प्रकार की घटनाओं पर काफी सख्त कार्रवाई करेगा।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि खुदवा थानाध्यक्ष एक महिला को सहयोग दे कर जिनके भूमि पर अतिक्रमण था,उनके पूरे परिवार के विरुद्ध एस सी/एस टी एक्ट के तहत औरंगाबाद सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करवा दिया है।

उन्होंने बताया कि जिनकी भूमि है,उन्हें तरह तरह से धमकाया जा रहा था।साथ ही सीओ की भूमिका संदिग्ध है।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई कर मामलें को निष्पादित कर दिया।