सिविल इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी, जिन्हें शैक्षणिक तौर पर अयोग्य पाए जाने पर साक्षात्कार में नही बुलाया गया था , उन्हें पटना हाई कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी । हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ पीटी परीक्षा ही पास करने से चयन होने के दावे का कोई कानूनन अधिकार नही होता है ।
मामला 2017 में प्रकाशित सिविल इंजीनियर की भर्ती के विज्ञापन से सम्बंधित है । जस्टिस पी बी बजन्थरी ने एक रिट याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि बीपीएससी ने 2017 में सहायक अभियंता (सिविल) के पद पर बहाली के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया था।
आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रकाशित विज्ञापन के समय आवेदक इंजीनियरिंग कोर्स के तीन वर्ष पूरा कर लिया था।उनका कहना था कि तीन वर्ष का कोर्स पूरा किये जाने पर डिप्लोमा कोर्स के समान हो जाता है।
उनका कहना था कि आवेदक ने सिविल इंजीनियर के पद के लिए आवेदन किया था।आयोग ने पीटी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया।
आवेदक पीटी और मुख्य परीक्षा दी।लेकिन उसे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जाना को हाई कोर्ट ने सही माना ।