पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक खास समुदाय के आपराधिक तत्वों के प्रति नरमी के कारण नीतीश सरकार बिहारशरीफ और सासाराम में रामनवमी शोभायात्राओं पर हमले नहीं रोक पायी, बल्कि आगजनी-पथराव की घटनाओं के बाद राम-भक्तों की ही धर-पकड़ हो रही है।
- सख्ती से नहीं हुई उपद्रवी तत्वों की एहतियातन गिरफ्तारी
- रामनवमी शोभायात्राओं पर हमले नहीं रोक पायी सरकार
- खुफिया तंत्र नाकाम, डीएम-एसपी ने स्वयं निगरानी नहीं की
- आगजनी-पथराव के बाद पीड़ित राम-भक्तों की ही धर-पकड़
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श्री मोदी ने कहा कि अति संवेदनशील सासाराम में तो जानबूझ कर उपद्रवी तत्वों को छूट दी गई, ताकि वहाँ अशांति हो और गृह मंत्री अमित शाह की रैली न हो सके।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार नहीं चाहती थी कि भाजपा सासाराम में सम्राट अशोक की जयंती मनाये।
श्री मोदी ने कहा कि सासाराम में जिन तत्वों ने सम्राट अशोक के शिलालेख जैसे पुरातात्त्विक स्थल पर कब्जा कर उसे एक धर्म-विशेष की पहचान से जोड़ने की कोशिश की थी, वे अतिक्रमण हटाने में केंद्र सरकार की पहल से नाराज थे और बदला लेने के लिए मौके के इंतजार में थे।
उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय प्रशासन का खुफिया तंत्र कारगर होता और उपद्रवी तत्वों की एहतियातन गिरफ्तारी होती, तो रामनवमी शांतिपूर्ण सम्पन्न होती।
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श्री मोदी ने कहा कि बिहारशरीफ और सासाराम के ये वही स्थान हैं, जहां पहले भी रामनवमी की शोभायात्राओं पर पत्थरबाजी हुई थी। इसके बावजूद वहाँ के एसपी-डीएम ने स्वयं निगरानी नहीं की और पुलिस बल की तैनाती भी सांकेतिक थी। कहीं-कहीं तो केवल होम गार्ड तैनात कर खानापूरी की गई थी।
उन्होंने कहा कि रामनवमी पर रामभक्तों को सुरक्षा देने में सरकार तो पूरी तरह विफल रही, लेकिन अब लोगों को शांति और संयम से काम लेना चाहिए।