मोतिहारी में RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड के तीन महीने बीतने को है। इसके बावजूद भी मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने और हरसिद्धि थाना पुलिस की कार्य शैली से असंतुष्ट परिजनों ने दूसरी बार अरेराज -छपवा सड़क को जाम कर दिया है और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर हंगामा किया।
आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी मोनिका देवी, पुत्र रोहित अग्रवाल सहित सहित परिजन इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठी हुई है। उनका आरोप है कि उनके घर पर पूर्व में हुए हमले का आरोपित उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। ना तो पुलिस हत्यारोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। ना ही अदालत को चार्जशीट सौंप रही है। उन्हें जिले के एसपी पर भी भरोसा नहीं है। काफी देर से जारी हंगामे की वजह से सड़क जाम हो गया और गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। पुलिस द्वारा समझाने के बावजूद परिजन लगातार मुख्यमंत्री के बुलाने के मांग पर अड़े हुए थे। जबकि हरसिद्धि पुलिस पहुचंकर जाम हटवाने के प्रयास में जुटी है।
क्या है RTI कार्यकर्ता की हत्या का मामला
24 सितंबर को दिनदहाड़े प्रखण्ड कार्यलाय के गेट के सामने आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल को अपराधियो ने गोलियों से भून दिया था। परिजनों द्वारा अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध हरसिद्धि थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी।
घटना के बाद एसपी नवीन चन्द्र झा द्वारा गठित एसआईटी टीम ने दो अपराधियो को हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहीं घटना में शामिल तीन अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए अभी तक छापेमारी जारी है। एसपी का कहना था कि गिरफ्तार अपराधियो ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि हरसिद्धि बाजार की कई एकड़ सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए विपिन आधे दर्जन से अधिक मुकदमा भूमाफिया के खिलाफ लड़ रहे थे। कुछ की सुनवाई हुई थी, कुछ का फैसला आना बाकी था। इसी कारण 20 लाख में आठ लोगों द्वारा सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी लेकिन दो सूटर के अलावे अभी तक किसी और कि गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है जिसको लेकर घर वाले काफी गुस्से में है ।