बीजेपी और जदयू में रार थमने का नाम नहीं ले रहा है कल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट कर जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा पर सीधा हमला बोला था आज उसका जबाव देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को पत्र लिखा है
डॉ. जायसवाल ने सोमवार को अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि चलिए, माननीय जी को समझ आया कि राजग गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है। फिर मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर प्रश्न क्यों किया जाता है। मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर-ट्विटर ना खेलें। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हम सब इसका ध्यान रखेंगे। उन्होंने जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को इंगित करते हुए कहा कि आप सब बड़े नेता हैं। एक बिहार में एवं दूसरे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें, से ज्यादा बकवास हो ही नहीं सकता।
उपेन्द्र कुशवाहा ने लिखा खुला पत्र
जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष सह विधान पार्षद उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल को खुला पत्र लिखकर जवाब दिया है। कहा कि गठबंधन के सन्दर्भ में और सम्राट अशोक वाले मुद्दे पर आपका बयान देखा। गठबंधन के सन्दर्भ में दिए गए आपके वक्तव्य से मैं पूरी तरह सहमत हूं।
कहा कि गठबंधन ठीक तरह से चले, यह राज्यहित में आवश्यक है और इसे जारी रखना हमारा- आपका कर्तव्य है। लेकिन, सम्राट अशोक वाले मुद्दे पर हम आपकी राय से सहमत नहीं हो सकते, क्योंकि इस सन्दर्भ में आपका वक्तव्य पूर्णत: गोल-मटोल और भटकाव पैदा करने वाला है।
जदयू नेता ने कहा कि आपने लिखा है कि आपकी पार्टी भारतीय राजाओं के स्वर्णिम इतिहास में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकती। मेरा सवाल है कि आप दया प्रसाद सिन्हा द्वारा घोर व अमर्यादित भाषा में सम्राट अशोक की औरंगजेब से की गई तुलना को इतिहास में छेड़छाड़ मानते हैं या नहीं। राष्ट्रपति द्वारा दिए गए पुरस्कार की वापसी की मांग प्रधानमंत्री से करना बकवास है।