मगध विश्वविधालय के कुलपति पर कार्रवाई को लेकर कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान भड़क गये हैं और स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई को अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण मानते हुए कहा है कि यह कानून का उल्लंघन ही नहीं है यह राज्यपाल के अधिकारी क्षेत्र पर हमला है ।राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोंगथु ने इसको लेकर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिख है.
प्रधान सचिव ने पत्र में साफ लिखा है कि विश्विद्यालयों के मामले में सक्षम प्राधिकार कुलाधिपति हैं. ऐसे में कुलाधिपति की अनुमति के बिना विश्वविद्यालयों में स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है. ऐसे में इस कार्रवाई को तत्काल रोकें।
राजभवन ने यहां तक कहा है कि इस कार्रवाई से विश्विद्यालयों की स्वायत्तता पर कुठाराघात है. प्रधान सचिव के पत्र में साफ है कि यह पत्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के सेक्शन 17A में उल्लिखित प्रावधानों का अक्षरशः पालन करने को लेकर लिखा जा रहा है. राजभवन ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई से विश्विद्यालयों में अनावश्यक भय का वातावरण बन रहा। इस कार्रवाई से पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक दवाब भी पड़ रहा है।
मालूम हो कि मगध विश्वविधालय के कुलपति पर 30 करोड़ से अधिक के राशी के गबन का आरोप है और इस मामले में विशेष निगरानी की टीम ने विश्वविधालय से जुड़े कई अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है और लगातार दबाव के बाद पिछले दिनों ही कुलपति विशेष निगरानी के अधिकारी के सामने उपस्थिति हुए थे ।
वही इस मामले में निगरानी कोर्ट ने कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद की अग्रिम जमानत रद्द कर चुका है राज्यपाल के इस पत्र से यह साफ हो गया है कि कुलपति मामले में नीतीश कुमार और राज्यपाल के बीच दूरिया बढ़ सकती है ।