एसपीजी से जुड़े एक अधिकारी हमारे अच्छे मित्र रहे हैं , कल सुबह से ही उन्हें ढूंढ रहा था लेकिन कोई लोकेशन नहीं मिल पा रहा था शाम चार बजे उनका मैसेज आया अभी अभी संतोष जी लैंड किये हैं कुछ खास है क्या मैंने कहां हां कुछ खास तो है कि लेकिन रात में आराम से बात करेंगे।
रात उनसे लम्बी बातचीत हुई स्वाभाविक था मसला पंजाब और पीएम की सुरक्षा से ही जुड़ा था बातचीत को मैंने प्रश्न और उत्तर सक्ल में करना शुरू किया मेरा पहला सवाल था पंजाब में जो कुछ भी हुआ उस पर आपका क्या कहना है।
संतोष जी मीडिया में जो खबरें आ रही है उसके आधार पर पीएम के यात्रा का मैं कमान इन चीफ रहता तो पीएम को इतनी दूर तलक सड़क मार्ग से जाने की कतई इजाजत नहीं देता वैसे कुछ वर्षो में पीएम की सुरक्षा को लेकर जो मानक निर्धारित उसको पीएम की और से कई बार तोड़ा गया है और यही वजह है कि पूराने लड़के इस सर्विस से अपने को अलग करने लगा है क्यों कि देश ने दो दो प्रधानमंत्री को खोया है और बहुत ही सोच विचार और मंथन के बाद एसपीजी का गठन किया गया एसपीजी में काम करने वालों के लिए एक ही मंत्र है अपनी जान चली जाये पीएम का बाल बांका भी नहीं होना चाहिए ।
मेरा दूसरा सवाल है एसपीजी इतनी लम्बी यात्रा को लेकर सहमत नहीं होगा तो फिर पीएम कैसे निकल गये
ऐसा है संतोष जी एसपीजी के जो भी अधिकारी पीएम के साथ में होगे वो पीएम के इच्छा के बावजूद सड़क मार्ग से इतनी दूर तक ले चलने को तैयार नहीं हुए होंगे क्यों कि आज तक जब से एसपीजी का गठन हुआ है पांच से दस किलोमीटर सड़क मार्ग से चलने को लेकर सभी तरह की तैयारी रहती है लेकिन इतनी दूर 140 किलोमीटर सड़क मार्ग से पीएम को लेकर चलना सोच भी नहीं सकते हैं ।
अगर पीएम ने सड़क मार्ग से जाने का इच्छा व्यक्त किये होगे तो फिर एक पूरी प्रक्रिया है इसकी सूचना तुरंत डीजी एसपीजी को गया होगा डीजी एसपीजी इसकी सूचना कैबिनेट सेक्रेटरी को दिये होंगे और कैबिनेट सेक्रेटरी का काम है स्टेट के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से बात करके पीएम की यात्रा का रूट तय कराये और उसके बाद कैबिनेट सेक्रेटरी और उनका पूरा सचिवालय सक्रिय हो जाता है उनके सचिवालय में कई आईपीएस अधिकारी भी रहते हैं वो स्टेट पुलिस चीफ से कोडिनेट करके पीएम के लिए रास्ता तैयार कराते हैं हालांकि मीडिया में जो खबर आ रही है मुझे नहीं लगता है कि पंजाब का डीजीपी और मुख्य सचिव पीएम के सड़क मार्ग से जाने कि सहमति दिया होगा भले ही बातचीत के दौरान पीएम जाना चाहते हैं कुछ करो तो फिर ये दोनों अधिकारी तैयार हो गये होगे क्यों कि इतनी दूर सड़क मार्ग से जाने कि अनुमति कोई स्टेट नहीं दे सकता है ऐसा क्या था मौसम की खराबी की वजह से मोदी जी भी कई सभा को मोबाइल से संबोधित किये हैं वहां भी कर सकते थे ।
संतोष जी हुआ यही होगा कि कैबिनेट सैक्ट्री कह दिये होगे किसी तरह प्रतिष्ठा बचाओ पीएम जाना चाह रहे हैं तो ये लोग मान गये होगे क्यों कि सुरक्षा कारणों से राज्य के सीनियर अधिकारी ना कह दिये तो फिर सवाल ही नहीं है कि पीएम यात्रा पर निकल जाये ।
तब तो स्टेट का फेलियर है संतोष जी उपरी तौर पर आ कह सकते हैं लेकिन आईबी कहां सोयी हुई थी एसपीजी और आईबी के अधिकारी हर पल एक दूसरे से सूचना शेयर करते रहते हैं फ्लाई आभर पर पब्लिक पहुंच गयी है आईबी को रिपोर्ट करना चाहिए था ना वैसे हुआ यही होगा कि सभी तरह की जानकारी के बावजूद कैबिनेट सचिव पीएम की वजह से चुपी साध लिये होगे लेकिन जैसे ही थोड़ी सी समस्या सामने आयी तुरंत वापस करवा लिए ऐसा नहीं है एसपीजी इस तरह के मूभमेन्ट में भी पीएम को सुरक्षित निकालने में सक्षंम था वैसे इस मुद्दे को लेकर जो सियासत हो रही है उससे फोर्स का मनोबल गिरेगा क्यों कि पीएम की सुरक्षा से जुड़े अधिकारी हमेशा विवाद से बचना चाहता है ऐसे में इस बार जो हो रहा है आने वाले समय में पीएम की यात्रा को लेकर एक अलग तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है सरकार किसी भी पार्टी कि रहे पीएम की सुरक्षा को लेकर एक व्यवस्था बनी हुई है उसमें राज्य और केन्द्र की ऐजसी साथ काम करती है और दोनों एक दूसरे को सहयोग करती रहती है इसमें पार्टी और सरकार का कोई भी योगदान नहीं होता है सारे आईएस आईपीएस अधिकारी भले ही किसी स्टेट के कैडर के हो उनका विभागयी बांस कैबिनेट सैक्ट्री ही होता है और उनका इतना अधिकार है कि किसी भी अधिकारी की कैडर बदल सकते हैं और सीधे कार्यवाही भी कर सकते हैं इसलिए कोई पदाधिकारी जानबूझ कर इस तरह की गलती करने का साहस नहीं कर सकता है ।देखिएगा एक सप्ताह में मामला ठंडे बस्ता में चला जायेंगा क्यों कि ज्यादा खीचतान किये ना तो फिर आने वाले समय में पीएम के मूवमेंट को लेकर एक अलग तरह की परेशानी खड़ी हो सकती है आपात स्थिति में तब कोई भी अधिकारी रिक्स लेने से बचने लगेगा ।