भागलपुर के पास अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की याचिकायों पर कल 21जून, 2023 को एक साथ सुनवाई होगी। इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी।
इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की।उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुबानी – सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामलें को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एम डी को 21जून,2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने साथ ही पुल निर्माता कंपनी को विस्तृत रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था,जिसमें कंपनी को पुल की पूरी लम्बाई,डीपीआर ,मिट्टी की गुणवत्ता आदि का विवरण देने को कहा था।साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।कोर्ट ने 21 जून,2023 को उपर्युक्त बेंच में प्रस्तुत किये जाने का निर्देश दिया था।
इस मामलें में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने पहले एक जनहित याचिका दायर की थी।उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है।ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था ।
उन्होंने इस याचिका में कहा है कि इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये।जो भी दोषी और जिम्मेदार है,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने अपने जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था,लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं करायी गयी।इतने कम समय में दुबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है।
आज ये मामला चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के रखा गया था।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए दोनो मामलों कल 21जून,2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।