भागलपुर के पास अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा देते हुए विस्तृत हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की याचिकायों चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्माण कंपनी एस पी सिंगला को पार्टी बनाने का निर्देश दिया।इन मामलों पर अगली सुनवाई कल 12 अगस्त,2023 को होगी।
कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफ़नामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया गया।आज कोर्ट में एस पी सिंगला कंपनी के एम डी एस पी सिंगला उपस्थित रहे।
इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी।उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुबानी – सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामलें को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एम डी को 21जून,2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
इस मामलें में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर की थी।उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है।ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था ।
उन्होंने इस याचिका में कहा है कि इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये।जो भी दोषी और जिम्मेदार है,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने अपने जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था,लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं करायी गयी।इतने कम समय में दुबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है।
आज ये याचिकायें चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के रखा गया था। कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही और सरकारी अधिवक्ता अमीष कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया। इन मामलों पर अगली सुनवाई 12अगस्त,2023 को की जाएगी।