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पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी मेडिकल कालेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन एक लंबे अरसे के बाद भी नहीं लगाए जाने को काफी गम्भीरता से लिया

जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने नागरिक अधिकार मंच की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा कि ये मशीन कब तक लग कर चालू होगा।

कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि आम जनता को सरकारी अस्पताल में इस तरह की जांच कम पैसे में होती है,जबकि निजी अस्पतालों में काफी पैसा खर्च करना होता हैं, तो अब तक सरकार ने इन्हें क्यों नहीं लगाया।

ये जनहित याचिका 2015 में दायर की गई थी।इन वर्षो में कोर्ट ने राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कालेजों में इन मशीनों को लगाने व चालू करने के कई आदेश दिया।लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।इसका नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार बार आदेश करने के बाद भी सीटी स्कैन और एम आर आई मशीन इन अस्पतालों में अब तक नही लगाया गया है।इससे आमलोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।

उन्होंने बताया कि जहाँ सरकारी अस्पताल में इन जांचो में काफी कम खर्च होता हैं,वहीं निजी अस्पतालों में आमलोगों को काफी खर्च करना पडता हैं।इससे काफी आर्थिक बोझ उन पर पड़ता हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 18 जुलाई,2022 को की जाएगी।

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