पटना हाइकोर्ट ने अधिवक्ता निरंजन कुमार के विरुद्ध चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की एक छात्रा के विरुद्ध लगाए गए छेड़छाड़ आरोप के मामलें पर अधिवक्ता संघो के प्रस्ताव पर स्वयम संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामलें पर सुनवाई करते हुए उक्त आरोपी अधिवक्ता को नोटिस जारी किया है।साथ ही बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया।
इससे पूर्व बिहार राज्य बार कॉउन्सिल की जनरल बॉडी की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कॉउन्सिल के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया किया इस मामले में तथ्य का पता लगाने के लिए तीन अधिवक्ताओं की एक कमेटी का गठन किया जाएगा।इस कमिटी में दो पुरुष व एक महिला अधिवक्ता होंगी।
इसमें कॉउंसिल के सदस्य नहीं रहेंगे। कमेटी दस दिनों के भीतर अपना रिपोर्ट दे देगी। कॉउन्सिल ने मीडिया रिपोर्ट और प्राथमिकी के अनुसार अधिवक्ता निरंजन कुमार को शो – कॉज नोटिस जारी करने का निर्णय लिया था।
पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता निरंजन कुमार पर चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना की एक छात्रा ने उनके विरुद्ध अपने साथ छेड़खानी
करने का आरोप लगाया था।
बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने इस मामलें को गम्भीरता से लेते हुए आरोपी अधिवक्ता निरंजन कुमार को तत्काल प्रभाव से उनके प्रैक्टिस करने के अधिकार को निलंबित कर दिया है।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 11जनवरी,2023 को की जाएगी।