पटना हाई कोर्ट ने पटना -गया -डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए डी एम, गया व अन्य सबंधित अधिकारियों को एन एच पर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।
साथ ही जिनका भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन्हें मुआबजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।आज कोर्ट में गया के डी एम,एन एच ए आई के क्षेत्रीय पदाधिकारी और निर्माण कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।
कोर्ट ने निर्माण कंपनी से कहा कि बहुत धीमे गति से हो रहा है।इसमें काम काफी कम हुआ हैं।कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे निर्माण के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करें।
कोर्ट का कहना था कि जमीन मालिकों को मुआवजा का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया।इस काम में ढिलाइ नहीं बरतनी चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस राष्टीय राजमार्ग का निर्माण तीन चरणों में होना है।पटना से जहानाबाद, जगनाबाद से गया तथा गया से डोभी तक होने वाली निर्माण कार्य धीमी प्रगति से चल रही है। एनएच की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निर्माण कार्य चल रहा है।
कोर्ट का कहना था कि भूमि मुआवजा को लेकर कई शिकायतें मिली है। सड़क निर्माण कार्य के लिए किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया, लेकिन उन्हें मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है।
16 मई, 2022 को इस मामलें पर फिर सुनवाई की जाएगी।