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पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर के ब्रह्मपुरा अंतर्गत राजन साह की 5 वर्षीय पुत्री खुशी के अपहरण के मामले पर सुनवाई की

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद के समक्ष सुनवाई के दौरान मुज़फ़्फ़रपुर के एसएसपी कोर्ट में उपस्थित थे ।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस केस में संलिप्त संदिग्ध का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाया जाएगा। एक बार पुनः इस केस को नए सिरे से अनुसंधान किया जाएगा ।

उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में कोई सकारात्मक परिणाम निकाल कर देंगे । इस पर कोर्ट ने कहा मुज़फ़्फ़रपुर के एसएसपी से कहा कि इस केस को चैलेंज के रूप में ले और सकारात्मक जांच रिपोर्ट 4 सप्ताह में दायर करें।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में एकलपीठ ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम केवल काग़ज़ी कार्यवाही की है । कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्यवाही नहीं करते हुए अनुसंधान में उदासीन रवैय्या अपनाया ।

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कोर्ट ने इस मामले पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुज़फ़्फ़रपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नए एसआईटी को गठित करके जांच करने का आदेश दिया था । हाईकोर्ट ने मामले के अवलोकन पर पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस द्वारा नज़रअंदाज़ किया गया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओमप्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

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