पटना हाईकोर्ट ने दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामले पर सुनवाई की। इस मामलें 11 अप्रैल,2022 को पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को पटना हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे।
इस घटना के सिलसिले में वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष पूरी बात को रखा था। श्री शाही ने यह भी बताया कि उस रास्ते से राज्य के मुख्यमंत्री को जाना था। उसके बाद आज ही खंडपीठ ने इस मामले में दिए गए पत्र को आधार बनाते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पीड़ित अधिवक्ता की समुचित इलाज करवाने के लिए आश्वस्त किया है। सुनवाई के दौरान राज्य एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बराबर घटती है, जो अच्छी बात नहीं है।
पत्र में कहा गया है कि जब पीड़ित अधिवक्ता नालंदा जिला अंतर्गत अपने जन्म स्थान चुलिहारी से पटना आ रहे थे ,तो दनियावां पुलिस द्वारा मारपीट की गई, जिसकी वजह से अधिवक्ता के दोनों कान बुरी तरह से घायल हो गए।पत्र में कहा गया है कि जब अधिवक्ता ने पटना के एसएसपी व दनियावां थाना के एसएचओ के समक्ष शिकायत करना चाहा ,तो दोनों ने शिकायत लेने से मना कर दिया।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 11 अप्रैल,2022 को होगी।