जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की कोर्ट में मुज़फ़्फ़रपुर के टाउन डीएसपी उपस्थित थे । कोर्ट ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम केवल काग़ज़ी कार्यवाही की है । कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्यवाही नहीं करते हुए अनुसंधान में उदासीन रवैय्या अपनाया है।
कोर्ट ने इस मामले पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुज़फ़्फ़रपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नए एसआईटी को गठित करके जांच करने का आदेश दिया । कोर्ट ने यह भी पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस द्वारा नज़रअंदाज़ किया गया।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस की जाँच पर नाराज़गी जताते हुए वर्तमान अनुसंधानकर्ता को जाँच करने से रोक दिया था । साथ ही आगे की जांच डीएसपी ऐवं एसएसपी के अगुआई में करवाने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
कोर्ट ने अगली सुनवाई में जाँच रिपोर्ट के साथ मुज़फ़्फ़रपुर के टाउन एसएसपी एवं डीएसपी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।