कोर्ट ने अदालत में उपस्थित शाहपुर के थाना प्रभारी से पूछा कि भूमि विवाद में उनके द्वारा प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई।
मामला सेवानिवृत्त जिला जज के जमीन पर एक महिला सब इंस्पेक्टर के पति द्वारा कब्जा किये जाने से संबंधित है।इस बात की शिकायत मिलने के बाद भी थानेदार ने कार्रवाई करना तो दूर, प्राथमिकी भी दर्ज नही किया।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपना काम करने के बजाय असमाजिक तत्वों को प्रश्रय देने का काम कर रही हैं ।कोर्ट ने दानापुर के एएसपी के मौजूदगी में थानेदार से कई सवाल किया।
कोर्ट का कहना था कि एक खास आदमी के लोगों से ही निर्माण सामग्री खरीदने का दबाब थानाप्रभारी द्वारा दिया जाता हैं।निर्माण सामग्री नहीं खरीदने पर निर्माण कार्य बाधित कर दिया जाता हैं।
पुलिस को शिकायत किये जाने पर पुलिस उल्टे शिकायतकर्ता पर ही कार्रवाई करती हैं।कोर्ट का कहना था कि भले ही कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो कानून के सामने सभी एक समान हैं,सभी को कानून का पालन करना होगा।
कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आम जनता को तंग करने की बजाय उन्हें सहयोग करें।कोर्ट में उपस्थित वकीलों ने कहा कि पुलिस सबसे ज्यादा वकील को तंग करती हैं, जबकि वकील ही उन्हें कानूनी पेंच से बाहर निकालते हैं।कोर्ट ने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि पुलिस भूमि9 विवाद को हल्के में लेना बंद करें और भूमि विवाद की जानकारी मिलने पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर करवाई शुरू करे।
कोर्ट ने एएसपी को कहा कि अगली तारीख पर वे इस मामले से संबंधित पूरा रिपोर्ट कोर्ट को दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को फिर की जाएगी।