जस्टिस संजीव कुमार प्रकाश शर्मा ने याचिकाकर्ता संस्कृत शिक्षक चंद्र भूषण प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सभी सुविधाओं के साथ उन्हें शिक्षक पद पर बहाल करने का आदेश दिया। पटना हाईकोर्ट ने 38 साल तक काम करने वाले संस्कृत शिक्षक को राहत देते उनकी बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया।
कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि वर्ष 1981 में याचिकाकर्ता को सहायक संस्कृत शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था।बाद में उन्हें प्रोन्नति देकर प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया।
लेकिन 38 वर्षों के बाद अचानक 22 फरवरी 2019 को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सचिव ने शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त करते हुए अबतक भुगतान किए गए राशि की वसूली का आदेश जारी कर दिया।
इसी आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए यह रिट याचिका 2019 में दायर की गई थी जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया।