चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए विधि सचिव को छह सप्ताह में सभी ज़िलों में वकीलों के लिए बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव तैयार का निर्देश दिया है।
अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया ।इसके साथ साथ खंडपीठ ने विधि सचिव को सभी हितधारकों के साथ बैठक कर पूरे राज्य के वकीलों के लिए बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु योजना तैयार करने का निर्देश दिया है ।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से अपने स्तर से मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था । साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संदर्भ में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था ।
श्री शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य की अदालतों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 1,20,000 से ज़्यादा अधिवक्ता विभिन्न अधिवक्ता संघों में रजिस्टर्ड हैं ।
लेकिन उनके लिए बुनियादी सुविधाएँ जैसे टेबल, कुर्सी, पानी पीने की सुविधा जैसी आधारभूत संरचना नहीं है । इस पर खंडपीठ ने कहा कि अधिवक्ताओं की बुनियादी सुविधाओं को नकारा नहीं जा सकता है। अधिवक्ताओं के लिए आधारभूत संरचना बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की भागीदारी 60:40 के अनुपात में है ।
इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून को होगी।