पटना हाइकोर्ट ने पटना के ललित नारायण मिश्र इंस्टीट्यूट के भवन को स्थानांतरित करने से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की । चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि मौजूदा परिस्थितों के मद्देनजर हाईकोर्ट कैंपस का विस्तार ज़रूरी हो गया है। वकीलों, उनके स्टाफ और हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ी है। राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह न्यायपालिका के विस्तार से संबंधित उचित कदम उठाये ।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि ललित नारायण मिश्र संस्थान को पटना के मीठापुर स्थित पुराने बस स्टैंड की भूमि में स्थानांतरित किया जा सकता है। बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत बढ़ गई है ।
सुनवाई के दौरान एलएन मिश्रा इंस्टीट्यूट की ओर से अधिवक्ता आरके शुक्ला ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा । उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो पूर्वी सीमा पर मूल रूप से हाईकोर्ट को भूमि आवंटित की गई थी, राज्य सरकार ने उस पर एमएलए और सरकारी अधिकारियों के फ्लैट निर्माण कर लिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में इंस्टीट्यूट को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना एक मुश्किल फ़ैसला है । इस इंटिट्यूट के पदेन अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री हैं, उनके समक्ष इस पूरे मामले को रखना जरूरी है, ताकि कोई फ़ैसला लिया जा सके ।
इस बात पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए मामले को 9 जनवरी,2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित किया है।