चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ऑनलाइन सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पटना नगर निगम के आयुक्त के समक्ष अभ्यावेदन दायर करने को कहा है। कोर्ट ने इस मामलें में शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया। यह जनहित याचिका संजय कुमार ने दायर किया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजू गिरि ने कोर्ट को बताया कि पिछले कई वर्षों से सड़कों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है। इस कॉलनी को वर्ष 1954 में डॉ राजेन्द्र प्रसाद के गाइडेंस में एक आवासीय कॉलनी के रूप में विकसित किया गया था। उन्होंने बताया कि इस कॉलोनी को पटना नगर निगम की सेवा देने के सरकार से अनुरोध किया गया।
अधिवक्ता राजू गिरि ने बताया कि 1960 में पटना नगर निगम ने एक अधिसूचना जारी कर इस कालोनी को अपनी सेवा देना स्वीकार किया, लेकिन पाटलिपुत्र को आपरेटिव सोसाईटी ने इसका विरोध किया।
इसके बाद मुकद्दमेबाजी का कई दौर चला,जिसमें फैसला पटना नगर निगम के पक्ष में निर्णय दिया था।इसे देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर पटना नगर निगम के आयुक्त के समक्ष अभ्यावेदन देने को कहा।
इससे पूर्व पाटलिपुत्र कॉपरेटिव सोसाइटी द्वारा 1957 में म्यूनिसिपल सेवाओं को देने का आग्रह राज्य सरकार से किया गया था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए अस्वीकार दिया था।
लेकिन जो फैसले दिए गए,उससे इस कॉलोनी को समस्यायों से निजात और लाभ नहीं मिला।आज भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है।